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मल्टीकैप फंडों की परिभाषा में बदलाव

Last Updated- December 15, 2022 | 2:15 AM IST

बाजार नियामक सेबी ने म्युचुअल फंडों की तरफ से पेश की जाने वाली मल्टीकैप योजनाओं के परिभाषा में बदलाव किया है। नियामक ने इक्विटी व इक्विटी से संबंधित प्रतिभूतियों में निवेश की न्यूनतम सीमा फंड के कुल कोष का 65 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी कर दिया है। इसके अलावा अनिवार्य किया गया है कि फंड के कोष का कम से कम 25 फीसदी लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप में लगाया जाए।

अगर फंड का कोष 100 करोड़ रुपये का है तो मल्टीकैप योजना को 25 फीसदी निवेश लार्जकैप, मिडकैप व स्मॉलकैप शेयरों में करना होगा। पहले इस तरह की न्यूनतम सीमा नहीं थी। इसके परिणामसस्वरूप काफी मल्टीकैप योजनाओं का निवेश लार्जकैप की ओर हो जाएगा।

विशेषज्ञों ने कहा कि परिभाषा के आधार पर मल्टीकैप योजनाओं का विभिन्न बाजार पूंजीकरण वाले शेयरों में पर्याप्त निवेश होना चाहिए। सेबी ने शुक्रवार को जारी परिपत्र में कहा, मल्टीकैप फंडों का निवेश लार्ज, मिड व स्मॉलकैप में विशाखित करने के लिए मल्टीकैप फंडों से जुड़ी योजनाओं की विशेषता में आंशिक तौर पर बदलाव किया गया है।

First Published - September 12, 2020 | 12:25 AM IST

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