स्थिर मांग वृद्धि वाली एक और तिमाही की वजह से सीमेंट कंपनियां (Cement Companies) अपनी कमाई में पिछले साल की तुलना में दमदार वृद्धि दर्ज कर सकती हैं। विश्लेषकों ने यह अनुमान जताया है। सितंबर तिमाही (वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही) में भी कुछ बाजारों में दाम बढ़ोतरी शुरू नजर आई है।
देश की सबसे बड़ी सीमेंट विनिर्माता कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट ने समीक्षाधीन तिमाही के दौरान सीमेंट बिक्री में पिछले साल के मुकाबले 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। विश्लेषकों का मानना है कि पिछली तिमाही में अल्ट्राटेक जैसी प्रमुख कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी में इजाफा हुआ होगा।
कोटक सिक्योरिटीज के नोट में विश्लेषकों ने लिखा है ‘हमें वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही में सीमेंट उद्योग की मांग में पिछले साल के मुकाबले 12 से 14 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। हम अपने कवरेज क्षेत्र में पिछले साल की तुलना में 15 प्रतिशत की वॉल्यूम वृद्धि का अनुमान लगा रहे हैं।’
वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही आम तौर पर सीमेंट कंपनियों के लिए कमजोर अवधि होती है क्योंकि मॉनसून के मौसम से देश के विभिन्न हिस्सों में निर्माण गतिविधि धीमी पड़ जाती है। हालांकि वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही में स्थिर वृद्धि और स्थिर कीमतें देखी गईं हैं।
वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही के दौरान मांग वृद्धि के साथ ही लागत पिछली तिमाही के मुकाबले स्थिर रही और पिछले वर्ष के अधिक लागत आधार की तुलना में गिरावट आई।
कोटक सिक्योरिटीज को उम्मीद है कि तिमाही के दौरान स्थिर लागत और दामों की वजह से प्रति टन सीमेंट एबिटा में पिछली तिमाही के मुकाबले मामूली इजाफा होगा और पिछले साल की तुलना में यह 60.5 प्रतिशत वृद्धि के साथ प्रति टन 966 रुपये टन हो जाएगा।
ऐक्सिस सिक्योरिटीज के विश्लेषकों को उम्मीद है कि जिन कंपनियों की वह समीक्षा कर रहे हैं, उनका प्रति टन एबिटा वित्त 23 की दूसरी तिमाही के 530 रुपये के मुकाबले 64 प्रतिशत तक बढ़कर 870 रुपये हो जाएगा।
ब्रोकिंग फर्म ने कहा कि राजस्व वृद्धि पिछले साल की तुलना में 12 प्रतिशत रहने की उम्मीद है और करोपरांत लाभ पिछले साल के मुकाबले 166 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।
क्रिसिल ने इस क्षेत्र के संबंध में अपनी अर्ध-वार्षिक रेटिंग में उल्लेख किया है कि बिजली और ईंधन की लागत, जो उत्पादन लागत का 30 से 35 प्रतिशत होती है, वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही के दौरान 10 प्रतिशत कम हो गई तथा कोयला/पेटकोक के दामों में नरमी के बाद उनमें और कमी हो सकती है क्योंकि कम कीमत वाला स्टॉक अधिक कीमत वाले स्टॉक का स्थान ले सकता है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि इससे सीमेंट विनिर्माताओं का प्रति टन लाभ कई साल के निचले स्तर 770 रुपये की तुलना में बढ़कर 950 से 975 रुपये हो जाएगा। मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषकों को उम्मीद है कि पिछले साल दर्ज की गई कमाई के निम्न आधार पर यह क्षेत्र 72 प्रतिशत की आय वृद्धि दर्ज करेगा।