शेयर कारोबारियों में आज खलबली मच गई, जब तकनीकी खराबी आने के कारण नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में कारोबार कई घंटों तक रोकना पड़ा। इससे कई कारोबारियों को तगड़ा नुकसान हुआ। एक्सचेंज ने कहा कि उसकी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ समस्या होने से खराबी हुई, जिससे शेयर और सूचकांकों के मूल्य एवं स्तर दिखने बंद हो गए।
सुबह कारोबार शुरू हुआ घंटा भर भी नहीं बीता था और खराबी आ गई। कई ब्रोकरों ने कीमतों में बदलाव तुरंत नजर नहीं आने की शिकायत की। दिन में करीब 11:40 पर एनएसई ने शेयर कारोबार रोक दिया, जिससे कारोबारियों को नकद बाजार के अपने सौदे बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के मार्फत करने पड़े। बीएसई में कारोबार की मात्रा कम होने के कारण ‘इंपैक्ट कॉस्ट’ (लिवाल और बिकवाल सौदा करने पर जो लागत चुकाते हैं) ज्यादा है।
एनएसई ने दूरसंचार प्रदाताओं के नाम लिए बगैर बयान जारी कर कहा, ‘आपात स्थिति से निपटने के लिए एनएसई ने दो सेवा प्रदाताओं से कई लिंक ले रखे हैं। लेकिन इस बार दोनों को एक साथ परेशानी पेश आ गई, जिससे एनएसई पर कारोबार प्रभावित हुआ।’ सूत्रों ने कहा कि एयरटेल और टाटा कम्युनिकेशंस एनएसई को दूरसंचार सेवाएं देती हैं। इन दोनों कंपनियों को भेजे ई-मेल का कोई जवाब नहीं आया।
वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ) कारोबार में एनएसई का ही दबदबा है और नकद बाजार में भी इसकी हिस्सेदारी 90 प्रतिशत से अधिक है। इस वजह से एफऐंडओ खंड में कई कारोबारियों के सामने कारोबार बहाल होने तक इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं था।
एनएसई ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि डीआर साइट सक्रिय क्यों नहीं थी या दिक्कत दूर करने में इतने घंटे क्यों लगे। वित्त मंत्रालय और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कारोबार ठप पडऩे पर एनएसई से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। बाजार नियामक ने एक बयान में कहा, ‘सेबी ने एनएसई को कारोबार ठप पडऩे के कारणों की विस्तृत जांच करने को कहा है। एनएसई से यह भी पूछा गया है कि कारोबार डिजास्टर रिवकरी (डीआर) साइट पर क्यों नहीं ले जाया गया।’ वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम देख रहे हैं कि मामला कितना गंभीर था और यह भी पता लगाया जा रहा है कि घटना का कोई अन्य प्रतिकूल असर तो नहीं हुआ। हम पहले भी आई ऐसी बाधाओं और उनसे निपटने के एक्सचेंज के कदमों की जानकारी भी मांग रहे हैं।’
सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रालय को 24 घंटे के भीतर अंतरिम रिपोर्ट सौंपी जाएगी और मामले की तह तक जाने में एक सप्ताह का समय लग सकता है। दोपहर साढ़े तीन बजे तक भी कारोबार शुरू होने की कोई खबर नहीं आने पर कई ब्रोकरों ने खुले सौदे रद्द करने शुरू कर दिए और बीएसई पर लगे अपने दांव वापस लेने लगे। इससे कई शेयरों के भाव बदल गए और एचडीएफसी बैंक तथा टीसीएस के शेयर बीएसई पर लुढ़क गए। एनएसई पर कारोबार दोपहर साढ़े तीन बजे समाप्त हो जाता है। कारोबार बंद होने से 15 मिनट पहले एनएसई और बीएसई ने कारोबारी समय पौने चार बजे से बढ़ाकर 5 बजे तक करने की घोषणा कर दी। अंतिम समय में की गई घोषणा के लिए कारोबारियों ने एनएसई की आलोचना की। हालांकि सूत्रों ने कहा कि कारोबार के घंटे बढ़ाने के लिए नियामक से अनुमति लेने में समय लग गया।एनएसई पर नकद श्रेणी में 45,837 करोड़ रुपये और डेरिवेटिव्स में 30.6 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। ये आंकड़े फरवरी के औसत आंकड़े के मुकाबले कम रहे।