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ब्रोकरों ने की मार्जिन दिशानिर्देशों की समीक्षा की मांग

Last Updated- December 15, 2022 | 4:11 AM IST

ब्रोकिंग हाउसों ने शेयर बाजारों से मार्जिन संग्रह एवं संबंधित दिशानिर्देशों पर फिर से विचार करने के लिए कहा है। नए दिशानिर्देशों के तहत ग्राहक अपने शेयरों को बेचकर प्राप्त राशि का उपयोग तत्काल किसी दूसरी ट्रेड को पूरा करने के लिए नहीं कर सकते।
एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के निदेशक एवं क्रॉसस कैपिटल के प्रबंध निदेशक राजेश बहेती ने कहा, ‘जिन शेयरों को वितरित किया जा चुका है, ऐसी राशि को क्रेडिट के तौर पर इस्तेमाल करने से इनकार करने का कोई कारण नहीं है।’
सक्रिय ग्राहकों के मामले में देश की सबसे बड़ी ब्रोकरेज फर्म जीरोधा के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी नितिन कामथ कहते हैं, ‘यहां किसी तरह का जोखिम नहीं है क्योंकि सिक्योरिटी जमा होने के चलते पैसों की गारंटी है।’ हाल ही में जारी किए गए ‘अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों’ में शेयर बाजारों का कहना है कि नकद बाजार में बेची जाने वाली तथा कारोबार करने वाले व्यक्ति के खाते में उपलब्ध प्रतिभूतियों को किसी अन्य व्यापार के लिए मार्जिन के रूप में नहीं माना जाएगा।
मौजूदा ढांचे के तहत, शेयरों का निपटान आमतौर पर कारोबार के दो दिन के भीतर होता है। एक अन्य ब्रोकिंग हाउस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बिक्री आय का इस्तेमाल तुरंत नहीं किया जा सकता है लेकिन हम शेयर बाजारों से स्पष्टता की मांग कर रहे हैं।
शेयर ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म फायर्स के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी तेजस खोड़े ने कहा, ‘इस कदम से बाजार में तरलता कम होगी और प्रभावी लागत बढ़ेगी, क्योंंकि यह धन के उपयोग के तरीकों में बाधा पहुंचाएगा तथा इसके प्रवाह को रोकेगा।’
इससे पहले, ऐसी चिंताएं थीं कि ग्राहकों को अपने डीमैट खातों में पड़े शेयरों को बेचने के लिए मार्जिन की आवश्यकता होगी। हालांकि, शेयरों की खरीद-बिक्री करने वालों का कहना है कि तकनीकों का उपयोग करने वाले ब्रोकरेज हाउस पे-इन या ईपीआई प्रणाली का उपयोग करके इस समस्या को हल कर सकते हैं।

First Published - July 28, 2020 | 12:27 AM IST

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