Categories: बाजार

ब्रोकरों ने रिलायंस के आय अनुमान घटाए

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 5:17 PM IST

बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देश की सबसे बड़ी सूचीबद्ध कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) का वित्त वर्ष 2023 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए शुद्ध लाभ बाजार अनुमानों के अनुरूप नहीं रहने और अन्य समस्याओं को देखते हुए ब्रोकरों ने वित्त वर्ष 2023 और 2024 के लिए आय अनुमानों में कटौती की है।
जेएम फाइनैं​​शियल के विश्लेषकों दयानंद मित्तल ने अपने वित्त वर्ष 2023 के शुद्ध लाभ अनुमान में 4.3 प्रतिशत तक की कमी की है, जिसमें कुछ कम सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) और सामान्य कर दरें भी शामिल हैं। आरआईएल ने अपने वित्तीय परिणाम के बाद स्पष्ट किया है कि मंदी की चिंताओं का क्षेत्र पर प्रभाव पड़ सकता है, जिससे कीमत और मार्जिन पर दबाव पड़ रहा है।
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के स्वर्णेन्दु भूषण का कहना है कि ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही का सकल रिफाइनिंग मार्जिन अनुमान 14 डॉलर से घटाकर 10 कर दिया है। सिंगापुर में जीआरएम घटने की वजह से इस अनुमान में कटौती की गई है। बेंचमार्क स्तर अब 3 डॉलर से नीचे है। जहां ऑयल-टु-केमिकल सेगमेंट (जिसका पहली तिमाही के परिचालन लाभ में 91 प्रतिशत का योगदान रहा) तिमाही आधार पर 40 प्रतिशत तक बढ़ा था, लेकिन यह दलाल पथ के अनुमान की तुलना में 14 प्रतिशत तक कम रहा।
जीआरएम सर्वा​धिक ऊंचे स्तर पर रहने के बाद भी, प​श्चिम ए​शियाई कच्चे तेल में आ​धिकारिक बिक्री कीमत में 4-5 डॉलर प्रति बैरल तक की वृद्धि, ऊंची ऊर्जा और ढुलाई लागत, और डीजल हाइड्रो-डीसल्फराइजर इकाई के बंद होने से ​बिक्री घट गई जिससे सेगमेंट का प्रदर्शन प्रभावित हुआ।
हालांकि अल्पाव​धि परिदृश्य कमजोर है, लेकिन जीआरएम में दूसरी तिमाही के दौरान सुधार आने की संभावना है।
सबरी हजारिका के नेतृत्व में एमके रिसर्च के विश्लेषकों का कहना है, ‘जहां पहली तिमाही के आंकड़े अनुमान के मुकाबले कुछ कमजोर रहे और दूसरी तिमाही में भी जीआरएम नीचे बना हुआ है, इसलिए हमें जाड़े के मौसम के साथ इसके सामान्य स्तरों पर पहुंचने की संभावना है।’
हालांकि ओ2सी सेगमेंट में बड़ा उतार-चढ़ाव आया है, लेकिन पहली तिमाही में डिजिटल और रिटे व्यवसायों में तेजी का रुझान रहा और इनमें परिदृश्य मजबूत बना रहा। डिजिटल व्यवसाय के लिए परिचालन लाभ कम नेटवर्क लागत, ऊंचे औसत राजस्व प्रति उपयोगकर्ता (एआरपीयू) और ग्राहक वृद्धि के साथ करीब 5 प्रतिशत तक बढ़ा था। कीमत वृद्धि को देखते हुए, एआरपीयू सालाना आधार पर 27 प्रतिशत तक बढ़ा और तिमाही आधार पर इसमें 4.7 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में यह 176 रुपये पर दर्ज किया गया। इसमें लगातार पांच तिमाहियों में वृद्धि दर्ज की गई है। शुद्ध ग्राहक वृद्धि का आंकड़ा भी मजबूत रहा। 88 लाख शुद्ध ग्राहक वृद्धि के साथ कंपनी इससे पहले की तीन तिमाहियों की गिरावट के रुझान को बदलने में सक्षम रही। कुल ग्राहक आधार 97 लाख आधार बढ़ा, जबकि ब्रोकरेज कंपनी ने 60 लाख का अनुमान जताया था। तिमाही के अंत में कुल ग्राहक आधार 42 करोड़ ग्राहक दर्ज किया गया था।
जहां अल्पाव​धि परिदृश्य 5जी नीलामियों के परिणाम पर निर्भर करेगा, वहीं मध्याव​धि के दौरान एआरपीयू और ग्राहक वृद्धि जैसे आंकड़ों पर नजर रखे जाने की जरूरत होगी।
पहली तिमाही में रिटेल राजस्व तीन वर्षीय आधर पर 51,600 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तरों पर था, और कंपनी ने सालाना आधार पर 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
ब्रोकरेज ने घटाया आरआईएल का लक्ष्य मूल्य
जून 2022 में समाप्त तिमाही में निराशाजनक आय दर्ज करने के बाद करीब एक दर्जन ब्रोकिंग हाउस ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की लक्षित कीमतों में कटौती की है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों से पता चलता है कि विदेशी ब्रोकरेज फर्मों सिटी व मॉर्गन स्टैनली ने लक्षित कीमतों में काफी कटौती की है। सोमवार को आरआईएल का शेयर 3.33 फीसदी टूट गया। शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद नतीजे का ऐलान करने वाली कंपनी के नतीजे बाजार के अनुमान के मुताबिक नहीं रहे, जिसकी वजह तेल से लेकर केमिकल (ओ2सी) के लिए अल्पावधि का कमजोर परिदृश्य है, जिसकी हिस्सेदारी पहली तिमाही के बढ़े हुए परिचालन लाभ में 91 फीसदी रही क्योंकि सिंगापुर सकल रिफाइनिंग मार्जिन में कमी आई। हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि आरआईएल के डिजिटल व खुदरा कारोबार का परिदृश्य मजबूत बना हुआ है। सुंदर सेतुरामन

First Published : July 26, 2022 | 1:20 AM IST