बाजार

ब्रोकरेज ने अपग्रेड की SBI Cards की रेटिंग, BUY की दी सलाह; टारगेट प्राइस भी बढ़ाया

विश्लेषकों ने SBI Cards का टारगेट प्राइस 620 रुपये से बढ़ाकर 850 रुपये कर दिया है। यह बदलाव FY26E के लिए 30x प्राइस-टू-अर्निंग्स अनुपात पर आधारित है, जो पहले 24x था।

Published by
अंशु   
Last Updated- January 05, 2025 | 9:49 AM IST

क्रेडिट कॉस्ट के बेहतर होते आउटलुक के आधार पर ब्रोकरेज फर्म नुवामा ने देश के दूसरे सबसे बड़े कार्ड जारीकर्ता SBI Cards की रेटिंग को ‘REDUCE’ से अपग्रेड कर ‘BUY’ कर दिया है। विश्लेषकों ने SBI Cards का टारगेट प्राइस 620 रुपये से बढ़ाकर 850 रुपये कर दिया है। यह बदलाव FY26E के लिए 30x प्राइस-टू-अर्निंग्स अनुपात पर आधारित है, जो पहले 24x था। यह फैसला पिछले दो वर्षों की कमजोर आय और बढ़ती क्रेडिट कॉस्ट के बावजूद सुधार के संकेत मिलने के बाद लिया गया है।

क्रेडिट कॉस्ट में सुधार के संकेत, Q4FY25E से इसमें गिरावट आने की संभावना

क्रेडिट कॉस्ट, जो SBI Cards की आय पर लगातार दबाव डाल रही थी, Q2FY25 में 9% के हाई पर पहुंच गई, जो Q3FY23 में 5.6% था। हालांकि, विश्लेषकों का अनुमान है कि Q3FY25E में क्रेडिट कॉस्ट स्थिर हो जाएगी और Q4FY25E से इसमें गिरावट आने की संभावना है।

विश्लेषकों का मानना है कि कमजोर ग्राहकों की संख्या में कमी और कंपनी द्वारा अपनाए गए बेहतर जोखिम मूल्यांकन उपायों के कारण क्रेडिट कॉस्ट में सुधार होगा। Q4FY25E में क्रेडिट कॉस्ट में 25–30 बेसिस पॉइंट (bps) की कमी और FY26E तक Q4 के स्तर से 90–100 bps की कमी होने की उम्मीद है।

जहां अन्य कंपनियां क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट्स में वृद्धि का सामना कर रही हैं, वहीं SBI Cards के सक्रिय उपाय और कमजोर क्रेडिट साइकिल की पहले शुरुआत होने से आगे चलकर इसकी क्रेडिट कॉस्ट में सुधार होने की संभावना है।

Also read: इन्वेस्टर कृपया ध्यान दें! AMFI ने बदली लार्ज, मिड कैप और स्मॉल कैप स्टॉक्स की लिमिट, देखें पूरी लिस्ट 

रेगुलेटरी प्रभाव पहले से ही फीस में शामिल, ब्याज दरों में संभावित कटौती से मिलेगा फायदा

अक्टूबर 2022 में RBI के मास्टर डायरेक्शन द्वारा लागू किए गए नियामकीय बदलावों का SBI Cards की आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। इसमें ओवर-लिमिट फीस पर प्रतिबंध भी शामिल था, जिससे FY25E में अनुमानित 4 अरब रुपये का नुकसान हुआ। इसके अलावा, क्रेडिट कार्ड से किराए के भुगतान में भी गिरावट आई है, जहां Q3FY24 के मध्य में डबल डिजिट से H1FY25 में यह फीस सालाना आधार पर घटकर सिंगल अंकों में आ गई है।

इन नियामकीय चुनौतियों के बावजूद, FY25 की आय में इनका पूरा प्रभाव पहले ही समायोजित किया जा चुका है, जिससे SBI Cards सुधार के लिए तैयार है। विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले तिमाहियों में RBI द्वारा संभावित दर कटौती से SBI Cards को और लाभ हो सकता है, क्योंकि इसकी देनदारियों की अवधि छोटी है।

SBI Cards की आय में सुधार की संभावना

SBI Cards ने क्रेडिट कॉस्ट चुनौतियों और नियामकीय प्रभावों को संभालने के लिए मजबूत रणनीति अपनाई है। इसके चलते कंपनी FY26 में बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयार है। गैर-निष्पादित ऋण (NPLs) को प्रबंधित करने और कमजोर ग्राहकों की संख्या को कम करने के प्रयास इसके सुधार के मुख्य कारण माने जा रहे हैं। निवेशक SBI Cards की बेहतर होती स्थिति और अनुकूल बाजार माहौल के कारण इसके विकास को लेकर आशावादी हैं।

First Published : January 5, 2025 | 9:48 AM IST