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BoJ की दर वृद्धि से वैश्विक बाजारों में हलचल, Chris Wood ने बताया बाजारों में बिकवाली का कारण

बीओजे ने पिछले सप्ताह पॉलिसी ओवरनाइट कॉल दरें 15 आधार अंक तक बढ़ाकर करीब 0.25 प्रतिशत कर दी थीं।

Last Updated- August 05, 2024 | 10:01 PM IST
Jefferies Chris Wood

जेफरीज में इ​क्विटी रणनीति के वै​श्विक प्रमुख क्रिस्टोफर वुड ने निवेशकों को भेजी अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट ग्रीड ऐंड फियर में कहा है कि बैंक ऑफ जापान (बीओजे) का दरों में वृद्धि करना वै​श्विक शेयर बाजारों के लिए झटका साबित हुआ है। वैश्विक शेयर बाजारों पिछले दो कारोबारी सत्रों में बड़ी गिरावट देखी गई है।

बीओजे ने पिछले सप्ताह पॉलिसी ओवरनाइट कॉल दरें 15 आधार अंक तक बढ़ाकर करीब 0.25 प्रतिशत कर दी थीं। जापान के केंद्रीय बैंक ने भविष्य में अपनी मासिक जेजीबी खरीदारी की मात्रा हरेक कैलेंडर तिमाही करीब 400 अरब येन तक घटाने की भी योजना बनाई है। यह खरीदारी जुलाई के 5.7 लाख करोड़ येन से घटाकर जनवरी-मार्च 2026 में करीब 3 लाख करोड़ येन करने की योजना है।

उन्होंने कहा कि बीओजे पर राजनीतिक दबाव है जिसका कारण प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की लोकप्रियता रेटिंग में गिरावट है। प्रधानमंत्री को सितंबर में एलडीपी नेतृत्व चुनाव का सामना करना पड़ रहा है।

वुड ने कहा, ‘इन सबका नतीजा यह है कि जब फेडरल रिजर्व बाजारों को नरमी के लिए तैयार कर रहा है, तब बैंक ऑफ जापान सख्ती बरत रहा है। यह बैंक ऑफ जापान के लिए आसान बात नहीं है। ऐसा नहीं है कि जापान की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। घरेलू खपत कमजोर बनी हुई है और लंबे समय तक ऐसी बनी रहेगी क्योंकि येन में गिरावट से से वास्तविक पारिश्रमिक घट रहा है।’

अमेरिकी बाजारों और फेड की दर कटौती पर

अमेरिका से आए आ​र्थिक आंकड़े भी वै​श्विक वित्तीय बाजारों के लिए उत्साहजनक नहीं रहे हैं। अमेरिका में नवीनतम रोजगार आंकड़ों से पता चला है कि जुलाई में नौकरियों की वृद्धि दर घटकर 114,000 रह गई जबकि जून में यह 179,000 थी।

इसने बाजारों को चिंता में डाला है क्योंकि उनको डर है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ सकती है और अमेरिकी फेड ब्याज दरें घटाने में विलंब कर सकता है। वुड का मानना है कि आ​र्थिक मंदी के दौरान अमेरिका में स्मॉलकैप में एआई इन्फ्रास्ट्रचर शेयरों के मुकाबले ज्यादा कमजोरी आ सकती है।

भारतीय शेयर बाजार पर

इस वै​श्विक पृष्ठभूमि में वुड का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार वै​श्विक उतार-चढ़ाव का सामना करने में सफल रहेंगे क्योंकि वे विदेशी पूंजी पर बहुत ज्यादा निर्भर रहने के बजाय घरेलू पूंजी पर अ​धिक केंद्रित हैं।

उनका कहना है कि ब्याज दरों में कटौती ए​शियाई और उभरते शेयर बाजारों के लिए फायदे का सौदा होगी जिनके केंद्रीय बैंकों को फेड के दरें घटाने और डॉलर कमजोर होने की ​स्थिति में घरेलू स्तर पर राहत देने के लिए अधिक गुंजाइश होगी।

First Published - August 5, 2024 | 10:01 PM IST

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