म्युचुअल फंड उद्योग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि संपत्ति सृजन के उद्योग का 25 साल का लंबा इतिहास रहा है और इस प्रदर्शन के मुंह-जुबानी प्रचार-प्रसार ने हमें भारत में गहराई तक पहुंचा दिया है। एचडीएफसी म्युचुअल फंड के सीईओ नवनीत मुनोत ने बिज़नेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई समिट में कहा, ‘आज इक्विटी के तहत प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) का 27 फीसदी हिस्सा अग्रणी 30 शहरों के बाहर का है। म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो का 45 फीसदी से ज्यादा हिस्सा भी ऐसे ही छोटे शहरों व गांवों से है। हमें अभी लंबा सफर तय करना है। क्योंकि तकनीक हमारे पास है, लिहाजा ऐसा संभव है।’
हाल के वर्षों में म्युचुअल फंडों की वृद्धि में तकनीक का अहम योगदान रहा है। ऑनलाइन निवेश प्लेटफॉर्म के उभरने से म्युचुअल फंडों की पहुंच कई गुना बढ़ी है। नियमन ने नए निवेशकों को ऑनलाइन जोड़ना अब आसान बना दिया है। एसबीआई एमएफ के उप-प्रबंध निदेशक डी पी सिंह ने कहा, ‘तकनीक काफी बड़ी मददगार रही है। व्यक्ति चाहे मुंबई के मलाबार हिल या देश के दूरदराज के इलाके में बैठा हुआ हो, हर किसी की समान रूप से तकनीक तक पहुंच है। लोगों का भी अब तकनीक से ज्यादा लगाव हो गया है।’
एडलवाइस म्युचुअल फंड की मुख्य कार्याधिकारी राधिका गुप्ता ने जागरूकता पैदा करने के लिए उद्योग के ‘म्युचुअल फंड सही है’ अभियान की सफलता का हवाला दिया। उन्होंने कहा, ‘हम पॉप कल्चर का हिस्सा बन गए हैं। मैंने टीवी पर विभिन्न शो में इस नारे को देखा है। बहुत सारे निवेशक कोरोना के बाद आए हैं और हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि वे बने रहें। पहला अनुभव तय करता है कि निवेशक म्युचुअल फंड में टिकेंगे या नहीं। म्युचुअल फंड के अधिकारियों का मानना है कि म्युचुअल फंड की डेट पेशकश में काफी गुंजाइश है, लेकिन निश्चित आय वाले उत्पादों को लोकप्रिय बनाने के लिए उद्योग ने पर्याप्त काम नहीं किया है।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड के मुख्य कार्याधिकारी निमेष शाह ने कहा, भारतीय कम उतार-चढ़ाव वाली परिसंपत्तियां पसंद करते हैं और म्युचुअल फंड की डेट पेशकश किसी भी अन्य निश्चित आय साधन से बेहतर है। आवश्यकता यह है कि हम लोगों को डेट म्युचुअल फंड की क्षमता के बारे में शिक्षित करें।’ आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्युचुअल फंड के सीईओ ए बालसुब्रमण्यन ने कहा, म्युचुअल फंड सही है के नारे के साथ हमें फिक्स्ड इनकम भी सही है, के अभियान की दरकार है। परिसंपत्ति सृजन के लिए इक्विटी अच्छी है लेकिन नियमित आय सृजन की भी जरूरत है और डेट फंडों में इसकी क्षमता है।
एसबीआई एमएफ के डी पी सिंह ने कहा, हमें डेट एमएफ के मामले में कर दक्षता को रेखांकित किए जाने की दरकार है। उन्होंने कहा, डेट एमएफ सिर्फ रिटर्न के लिए नहीं है। इससे भी कर बचाया जा सकता है। उद्योग के तौर पर हमने खुदरा निवेशकों के बीच डेट फंडों को लोकप्रिय नहीं बनाया है। डेट को लेकर जागरूकता अभियान पिछड़ा हुआ है।
एचडीएफसी एमएफ के नवनीत मुनोत ने कहा कि डेट एमएफ न सिर्फ निवेशकों व उद्योग को लाभान्वित करेगा बल्कि देश को भी इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा, नीति निर्माताओं को निश्चित तौर पर अहसास होना चाहिए कि कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार की वृद्धि अहम है। और यह तभी हो सकता है जब डेट एमएफ में वृद्धि हो। एक अवधि में भारत को देश की वृद्धि की खातिर बड़ी रकम उधार लेनी होगी और बेहतर बॉन्ड बाजार इसके लिए आवश्यक है।
डेट एमएफ वितरकों को कम कमीशन की पेशकश करता है और डेट फंडों के कमजोर प्रसार करी एक वजह यह भी है। विभिन्न फंड हाउस के सीईओ ने कहा कि वितरकों को सिर्फ कमीशन पर ही नजर नहीं डालनी चाहिए क्योंकि डेट फंडों के वितरण में कारोबारी वृद्धि की क्षमता है। उनका कहना है कि मार्जिन हालांकि कम है लेकिन वॉल्यूम काफी ज्यादा हो सकता है। म्युचुअल फंड वितरकों को ग्राहकों को जोड़ने पर ध्यान देना चाहिए, चाहे वह इक्विटी के जरिये हो या फिर डेट के जरिये।
निमेष शाह ने कहा, म्युचुअल फंड वितरक के तौर पर अगर हमारे पास ग्राहकों के लिए पूरा वॉलेट है तो उन्हें इक्विटी निवेशक के तौर पर हम आसानी से तब्दील कर पाएंगे। बैंक पहले से ही ऐसा कर रहे हैं। वे आसानी से इक्विटी फंड बेच पाते हैं क्योंकि उनके पास निवेशकों की रकम होती है। डेट फंड म्युचुअल फंड के वितरण में इजाफा कर सकता है। आने वाले समय में देश में सबसे बड़ा वितरक वही होगा जिनमें डेट फंड भी वितरित करने की क्षमता होगी।
उद्योग के दिग्गजों ने कहा कि सही प्रतिभा हासिल करना चुनौतीपूर्ण होगा क्योंकि अन्य वेल्थ मैनेजमेंट वर्टिकल मसलन पीएमएस व एआईएफ से प्रतिस्पर्धा होगी। विगत में कुछ स्टार फंड मैनेजरों मसलन प्रशांत जैन, मधुसूदन केला और ए हेराडिया ने अन्य वर्टिकल के लिए म्युचुअल फंड छोड़ दिया। कोटक एमएफ के सीईओ नीलेश शाह ने कहा, समय बदल गया है। बाजार में बढ़ती क्षमता के साथ ज्यादा व बेहतर रिटर्न मुश्किल होता जा रहा है। हमें उम्दा प्रदर्शन के लिए बेहतर प्रतिभा की दरकार होगी।