वित्त वर्ष 2023-24 की दिसंबर तिमाही की तरह मार्च तिमाही में देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने परिचालन के मोर्चे पर अनुमान से बेहतर प्रदर्शन किया है जबकि कंपनी का राजस्व बाजार के अनुमान से थोड़ा सा कम रहा। तिमाही आधार पर राजस्व में 1.1 फीसदी की वृद्धि ज्यादातर अनुमानों से कम रही लेकिन लगातार तीसरी तिमाही में मार्जिन में विस्तार जारी रहा।
कंपनी का एबिटा मार्जिन (कर और ब्याज पूर्व लाभ) 26 फीसदी रहा जो क्रमिक आधार पर 100 आधार अंक ज्यादा है और 12 तिमाहियों का सर्वोच्च स्तर है। वित्त वर्ष 24 की शुरुआत से ही सॉफ्टवेयर दिग्गज ने अपने मार्जिन में 280 आधार अंक जोड़े हैं। वृद्धि थोड़ी नरम पड़ने के बीच कंपनी के लागत कम करने के उपाय जारी रहे।
मार्जिन के मोर्चे पर बढ़त में उप-अनुबंधों की लागत में कमी, ज्यादा उत्पादकता और बेहतर इस्तेमाल का योगदान रहा जिससे 190 आधार अंकों का सुधार हुआ। हालांकि परिचालन के मोर्चे पर मिले फायदे पर थर्ड पार्टी लागत व आवाजाही की ज्यादा लागत का थोड़ा असर पड़ा जिसने मार्जिन में 90 आधार अंक की कमी कर दी।
विभोर सिंघल की अगुआई में नुवामा रिसर्च के विश्लेषकों ने कहा कि कंपनी को उम्मीद है कि प्राइसिंग व पिरामिड जैसी व्यवस्था करने से उसे परिचालन मार्जिन 26 से 28 फीसदी के महत्वाकांक्षी दायरे में रखने में मदद मिलेगी।
वित्त वर्ष 2024 की शुरुआत में कर्मचारियों की संख्या में कमी होना शुरू हुई जो मार्च तिमाही में भी जारी रही और इस दौरान सालाना आधार पर 2.2 फीसदी की कमी देखने को मिली। वित्त वर्ष की शुरुआत में कंपनी के करीब 6.14 लाख कर्मचारी थे जो वित्त वर्ष के आखिर तक घटकर करीब 6 लाख रह गए। अब कर्मचारियों के मोर्चे पर लाभ मुश्किल से ही मिलेगा।
राहुल जैन की अगुआई में दौलत कैपिटल के विश्लेषकों ने कहा कि कंपनी हालांकि यूटिलाइजेशन डेटा साझा नहीं करती लेकिन राजस्व में सालाना आधार पर 3.4 फीसदी वृद्धि के साथ कर्मियों की संख्या में 2 फीसदी की कमी के अलावा सब-कॉन्ट्रैक्टर खर्च में खासी कमी से संकेत मिलता है कि वह कर्मियों के मोर्चे पर वह पहले ही दबाव में है। 1 अप्रैल से कर्मियों की वेतन बढ़ोतरी को देखते हुए अल्पावधि में कंपनी को मार्जिन के मोर्चे पर कुछ अवरोध का सामना करना पड़ सकता है।
वेतन बढ़ोतरी के अलावा यात्रा व ऑनसाइट पर ज्यादा खर्च से अप्रैल-जून तिमाही में मार्जिन कम हो सकता है। बाजार मार्जिन के अलावा सॉफ्टवेयर दिग्गज की रिकवरी की रफ्तार और ऑर्डर के परिदृश्य पर ध्यान केंद्रित करेगा।
जनवरी-मार्च तिमाही में स्थिर मुद्रा के लिहाज से कंपनी के राजस्व में वृद्धि अनुमान से कम रही और बिक्री में हुई वृद्धि का कारण भारत संचार निगम से सौदा मिलना रहा। कंपनी ने अल्पावधि को लेकर सतर्क आउटलुक बरकरार रखा है क्योंकि विवेकाधीन खर्च टल गए हैं और कंपनियां लागत के अधिकतम इस्तेमाल वाले सौदों को प्राथमिकता दे रही हैं और उनका बजट स्थिर बना हुआ है।
हालांकि कंपनी ने संकेत दिया है कि काफी सौदे हासिल करने और बेहतर क्रियान्वयन के चलते 2024-25 पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले बेहतर रहेगा। उसका मानना है कि उसके राजस्व में करीब 50 फीसदी का योगदान करने वाला उत्तर अमेरिका और वित्तीय सेवा (जो उसका सबसे बड़ा वर्टिकल है और राजस्व में जिसका योगदान 31 फीसदी है) अब निचले स्तर से उबर गए हैं।
उत्तर अमेरिका ने पिछले पांच तिमाहियों में से हर तिमाही में क्रमिक आधार पर गिरावट दर्ज की है जबकि वित्तीय सेवाओं में पिछली चार तिमाहियों से गिरावट का रुझान है। आउटलुक के मोर्चे पर मुख्य सकारात्मक चीज ज्यादा सौदे हासिल करना है। कंपनी ने तिमाही में अब तक की सबसे ऊंची कुल कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू 13.2 अरब डॉलर दर्ज की है जो सालाना आधार पर 32 फीसदी ज्यादा है। वित्त वर्ष 2024 के लिए यह 42.7 अरब डॉलर रही जो सालाना आधार पर 25 फीसदी ज्यादा है और अवीवा से मिले बड़े ऑर्डर ने इसकी अगुआई की।
कंपनी वित्तीय सेवा क्षेत्र में दबी हुई मांग लगातार निकलते हुए देख रही है लेकिन उपभोक्ता क्षेत्र पर अर्थव्यवस्था के अवरोधों का असर लगातार दिख रहा है। मांग को लेकर चिंता और डिस्क्रिश्नरी खर्च में कटौती के कारण ब्रोकरेज फर्में अल्पावधि के परिदृश्य को लेकर सतर्क हैं।
हालांकि नुवामा रिसर्च का मानना है कि अल्पावधि की मांग उतारचढ़ाव भरी होगी। इसे लेकर वह सतर्क है लेकिन मध्यम अवधि के लिहाज से कंपनी को लेकर उसका नजरिया तेजी का है। ब्रोकरेज ने फिर कहा कि वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही इस क्षेत्र के लिए आय कम होने वाले चक्र के लिए निचला स्तर थी और उम्मीद है कि पिछली कुछ तिमाहियों में मिले मजबूत ऑर्डर आगामी तिमाहियों में धीरे-धीरे राजस्व में तब्दील होंगे क्योंकि अमेरिका के आर्थिक हालात अनुकूल हैं।
उसका मानना है कि बढ़त के इस क्रम में टीसीएस सबसे अच्छा लार्जकैप होगा क्योंकि उसे काफी सौदे मिले हैं और मार्जिन के मोर्चे पर उसका प्रदर्शन मजबूत है। नुवामा रिसर्च ने 4,560 रुपये प्रति शेयर के लक्ष्य के साथ इसे खरीद की रेटिंग दी है।
दौलत रिसर्च ने इस शेयर पर रेटिंग घटाई है। ब्रोकरेज का मानना है कि टीसीएस और अन्य बड़ी आईटी कंपनियां कुछ और तिमाहियों में नरम वृद्धि का सामना कर सकती हैं। इसके बाद इनमें सुधार दिखेगा। अभी वह वित्त वर्ष 26 की आय के 26 गुना पर टीसीएस का मूल्यांकन करती है और शेयर के लिए उसकी लक्षित कीमत 3,920 रुपये प्रति शेयर है।
एमके रिसर्च ने भी रेटिंग घटाई है। ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 25-26 के लिए प्रति शेयर आय में 1-1.5 फीसदी की बढ़ोतरी की है जिसमें उसने वित्त वर्ष 24 के प्रदर्शन व उच्च मार्जिन के अनुमान को शामिल किया है। महंगे मूल्यांकन के कारण ब्रोकरेज ने हालांकि इसकी रेटिंग घटाई है और 3,950 रुपये का लक्ष्य दिया है।