मशहूर निवेशक मुकुल अग्रवाल के पोर्टफोलियो में शामिल कंपनी LT Foods का शेयर गुरुवार को बीएसई पर ₹509 के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। शेयर दिन के कारोबार में 3% तक चढ़ा और इससे एक दिन पहले 4% की तेजी पहले ही आ चुकी थी। ट्रेडिंग वॉल्यूम में बढ़ोतरी ने इस तेजी को और मज़बूती दी। इस हालिया उछाल की वजह से LT Foods का शेयर अप्रैल 2025 में छुए गए ₹290 के तीन महीने के निचले स्तर से अब तक करीब 76% की बढ़त दे चुका है। सिर्फ बीते आठ ट्रेडिंग सेशनों में ही इसमें 26% की तेजी आई है, जो ईरान और इज़राइल के बीच सीज़फायर की खबर के बाद देखने को मिली।
LT Foods में मार्च 2025 तिमाही तक मुकुल महावीर अग्रवाल के पास 3.9 मिलियन (यानी 39 लाख) शेयर थे, जो कंपनी की कुल हिस्सेदारी का 1.12% हिस्सा है। मुकुल अग्रवाल शेयर बाजार के सबसे चर्चित निवेशकों में से हैं, और वे LT Foods के अलावा Indo Count Industries, Deepak Fertilisers, Neuland Labs, Radico Khaitan, Nuvama Wealth, BSE, Onesource Pharma और PTC Industries जैसी कंपनियों में भी हिस्सेदारी रखते हैं।
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LT Foods ने वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) के लिए ₹10,000 करोड़ की कुल कमाई का लक्ष्य रखा है। इस टारगेट में अमेरिका की Golden Star कंपनी के अधिग्रहण से होने वाली आय भी शामिल है, जो साल की दूसरी छमाही में जुड़ सकती है। कंपनी ने बताया है कि उसका EBITDA मार्जिन लगभग 13% रहने का अनुमान है, और ROE (रिटर्न ऑन इक्विटी) 20% तक जा सकता है। FY26 में कंपनी का ₹340 करोड़ का पूंजीगत खर्च (Capex) का प्लान है, जो अमेरिका में वेयरहाउस और Ready-to-Heat फूड यूनिट्स की स्थापना के लिए इस्तेमाल होगा।
LT Foods को अपनी सबसे बड़ी ताकत अमेरिका से मिल रही है, जहां उसे बासमती चावल के लिए लगातार मजबूत मांग मिल रही है। कंपनी ने साफ किया है कि फिलहाल टैरिफ (आयात शुल्क) का कोई असर अमेरिका में नहीं है, और अगर कोई असर आता भी है तो कच्चे माल की गिरती कीमतों से उसकी भरपाई हो जाएगी। हालांकि यूरोप में कंपनी की ग्रोथ थोड़ी धीमी हुई है क्योंकि अब UK को अलग से रिपोर्ट किया जा रहा है, जिससे आंकड़ों में अस्थायी गिरावट दिख सकती है।
LT Foods ने वित्त वर्ष 2024-25 में भारत और इंटरनेशनल दोनों बाजारों में बेहद अच्छा प्रदर्शन किया है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज का कहना है कि कंपनी की यह ग्रोथ आगे भी बनी रह सकती है। इसका कारण है –
बासमती चावल सिर्फ भारत और पाकिस्तान के कुछ खास इलाकों में ही उगाया जाता है, और यह दुनिया के सबसे महंगे चावलों में गिना जाता है। भारत में इसकी खपत भले ही अभी सिर्फ 2–3% हो, लेकिन लोगों की आय और ब्रांड के प्रति रुझान बढ़ने के कारण आने वाले वर्षों में इसकी डिमांड तेज़ी से बढ़ सकती है।
LT Foods, जो Daawat और Royal जैसे ब्रांड चलाती है, इस बदलाव का बड़ा फायदा उठा सकती है। Daawat भारत और दुनियाभर में प्रसिद्ध है, वहीं Royal अमेरिका में नंबर 1 बासमती ब्रांड है और वहां इसकी 50% से ज्यादा मार्केट हिस्सेदारी है।
LT Foods की कुल कमाई का 30% भारत, 40% अमेरिका और बाकी हिस्सा यूरोप, मिडल ईस्ट और ईस्ट एशिया जैसे बाजारों से आता है। कंपनी यूरोप के Rotterdam में अपनी खुद की प्रोसेसिंग यूनिट और अमेरिका में पैकेजिंग व Ready-to-Heat फूड यूनिट का संचालन करती है।