Aviation stocks: विमानन शेयरों की थम सकती है रफ्तार, कच्चे तेल की बढ़ती कीमत जिम्मेदार

Indigo का पैसेंडर लोड फैक्टर जून के मुकाबले जुलाई में 700 आधार घटकर 83.7 प्र​तिशत, जबकि स्पाइसजेट के लिए 470 आधार अंक घटकर 88.9 प्रतिशत रहा

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राम प्रसाद साहू   
Last Updated- September 03, 2023 | 8:16 PM IST

बढ़ती कच्चे तेल की कीमतों और जुलाई-सितंबर तिमाही में सुस्त यात्री आवाजाही ने लिस्टेड विमानन कंपनियों के मुनाफे को लेकर चिंता बढ़ा दी है। इन दो चिंताओं ने इस क्षेत्र में सबसे बड़ी कंपनी इंटरग्लोब एविएशन (इंडिगो) के शेयर को भी प्रभावित किया है। यह शेयर जुलाई के अंत में दर्ज किए गए अपने ऊंचे स्तरों से करीब 11 प्रतिशत तक गिर चुका है।

नुवामा रिसर्च का मानना है कि बदलते मौसम, बढ़ती कच्चे तेल की कीमतों और ऊंची क्षमता की वजह से अल्पाव​धि में प्रतिफल (yields) नरम पड़ने की संभावना है।

कच्चे तेल की कीमतें जुलाई के शुरू से 18 प्रतिशत तक चढ़ी हैं और वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में विमानन कंपनियों की ईंधन लागत में इजाफा होने का अनुमान है।

तेल विपणन कंपनियों (OMC) ने विमानन ईंधन यानी ATF की कीमतें 1 सितंबर को 14.1 प्रतिशत तक बढ़ा दी। ओएमसी द्वारा यह लगातार तीसरी कीमत वृद्धि है और इसके साथ ही 1 जून से अब तक कुल तेल कीमत वृद्धि 26 प्रतिशत हो गई है।

कच्चे तेल और विमानन तेल कीमतों के बीच बढ़ते अंतर की वजह से ब्रोकरों ने एटीएफ कीमतों में दो अंक वृद्धि का अनुमान जताया था, जिससे सितंबर तिमाही के लिए अनुमान में संशोधन को बढ़ावा मिला। वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में पिछले मुनाफे के अनुमान की तुलना में कुछ नुकसान देखा जा सकता है।

IIFL रिसर्च के विश्लेषक जोसफ जॉर्ज के अनुसार, ‘ATF कीमत में 10 प्रतिशत वृद्धि से प्रतिफल में महज 4 प्रतिशत वृद्धि तक दर्ज की जा सकती है। मजबूत मांग और कम प्रतिस्पर्धी तीव्रता को देखते हुए हमारा मानना है कि यह वृद्धि लक्ष्य हासिल हो सकता है। हालांकि सितंबर मौसमी तौर पर कमजोर महीना है, लेकिन अक्टूबर में त्योहार विलंब से शुरू होने से इस बार यह और ज्यादा कमजोर रह सकता है। इससे सितंबर में कीमतों में कमी को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे दूसरी तिमाही में इंडिगो को शुरू के कुछ लाभ के अनुमान की तुलना में हल्का नुकसान हो सकता है।’
एटीएफ एयरलाइन कंपनियों के लिए सबसे बड़ी लागत है।

2022-23 की जनवरी-मार्च मिताही में, ईंधन लागत (परिचालन से बिक्री के प्रतिशत के तौर पर) करीब 40 प्रतिशत रही। कम एटीएफ कीमतों के साथ साथ शानदार राजस्व से हालां​कि कंपनी को अप्रैल-जून तिमाही में यह लागत घाटाकर 11 प्रतिशत पर लाने में मदद मिली।

सितंबर तिमाही में ऊंची लागत को देखते हुए, हालात काफी हद तक मांग परिदृश्य और लागत वृद्धि की भरपाई के प्रयास में कीमत वृद्धि की क्षमता पर निर्भर करेंगे। जुलाई कमजोर महीना रहा है और यात्री कारोबार मासिक आधार पर 3 प्रतिशत घटकर 1.21 करोड़ रह गया।

Indigo का यात्री लोड फैक्टर जून के मुकाबले जुलाई में 700 आधार घटकर 83.7 प्र​तिशत, जबकि स्पाइसजेट के लिए 470 आधार अंक घटकर 88.9 प्रतिशत रहा। अगस्त में कुछ सुधार देखा गया और यात्री कारोबार 1.26 करोड़ पर अनुमानित था, जो जुलाई के मुकाबले 4 प्रतिशत और सालाना आधार पर 24 प्रतिशत अ​धिक है।

बाजार दिग्गज के लिए लोड फैक्टर 200 आधार अंक तक सुधरकर 86 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

बिक्री में सुधार के अलावा, बाजार दिग्गज को जिन दो अन्य कारकों से मदद मिल सकती है, वे हैं अच्छी कमाई वाले अंतरराष्ट्रीय मार्गों की बढ़ती भागीदारी और आपूर्ति दबाव।

ब्रोकरों का मानना है कि भारतीय कंपनियां अपनी मौजूदगी बढ़ाने और राजस्व में सुधार लाने के लिए अपने कुछ विमान अंतरराष्ट्रीय ​मार्गों पर तैनात करने की को​शिश कर रही हैं। घरेलू कंपनियों ने जून तिमाही में अंतरराष्ट्रीय मार्गो पर बाजार भागीदारी में 900 आधार अंक का इजाफा दर्ज किया।

कोटक इंस्टीट्यूशनल इ​क्विटीज का मानना है कि इंडिगो इस बदलते रुझान की सबसे बड़ी लाभार्थी रही है और उसने 700 आधार अंक का लाभ हुआ। ब्रोकरेज के आदित्य मोंगिया और साई सिद्धार्थ पशुपुलेती का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर ध्यान देने से एयरलाइनों, खासकर इंडिगो को बड़ी मदद मिली है।

निर्माण एवं आपूर्ति समस्याओं से कैलेंडर वर्ष 2023 अैर 2024 में बाजार आपूर्ति चुनौतीपूर्ण रहेगी। ICICI Securities का मानना है कि मूल उपकरण निर्माताओं (एयरलाइन निर्माताओं) और कमजोर एयरलाइन बैलेंस शीट पर नजर डालें तो पता चलता है कि पिछले चार साल से भारत ने 650-700 विमानों का ​स्थिर बेड़ा रहा है।

अंशुमन देब के नेतृत्व में ब्रोकरेज के विश्लेषकों का कहना है, ‘आपूर्ति किल्लत से मुनाफे को मदद मिल सकती है जो किसी भी मौसमी कमजोरी के बावजूद इंटरग्लोब एविएशन में हमारा निवेश सिद्धांत बना हुआ है।’

जहां कई ब्रोकरों ने इंडिगो पर ‘खरीदें’ रेटिंग दी है, वहीं स्पाइसजेट के लिए अनि​श्चितताओं ने ब्रोकरों को सकारात्मक रुख अपनाने से रोका है। प्रमोटरों द्वारा स्पाइसजेट में पैसा लगाने की प्रक्रिया, देनदारी क्षमताओं को इ​क्विटी में तब्दील करने और पुनर्गठन से कंपनी की बैलेंस शीट को कर्जमुक्त बनाने में मदद मिल सकती है।

नुवामा रिसर्च ने निवेशकों केलिए पारद​​​र्शिता के अभाव, कार्गो व्यवसाय अलग किए जाने, 40 प्रतिशत विमानों को परिचालन से अलग रखने जैसे घटनाक्रम को देखते हुए इस शेयर पर ‘होल्ड’ रेटिंग दी है।

First Published : September 3, 2023 | 7:43 PM IST