वित्त वर्ष 2022 की अप्रैल-जून तिमाही में शानदार परिचालन प्रदर्शन के बाद ब्रोकरों ने बाजार पूंजीकरण के लिहाज से भारत की सबसे बड़ी सूचीबद्घ कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के आय अनुमानों में 1-4 प्रतिशत तक का संशोधन किया है।
आय संशोधन को रिलायंस जियो में मार्जिन प्रदर्शन, रिफाइनिंग सेगमेंट समेत तेल-रसायन (ओ2सी) व्यवसाय सुधरने से मदद मिली है। लेकिन बड़े सुधार के लिए बाजार को अन्य कारकों का भी गंभीरता से इंतजार है। हालांकि सबसे बड़ा कारक दर वृद्घि और अरामको सौदा बना रहेगा, क्योंकि जियो के मुनाफे पर इसका बड़ा असर देखा जा सकता है, लेकिन इसके अलावा कर्ज स्तरों में बड़ी गिरावट और रिटेल परिचालन में सुधार अन्य सुधार संबंधित वाहक हैं।
जहां एमके रिसर्च ने अपने प्रति शेयर आय (ईपीएस) अनुमान वित्त वर्ष 2022-24 के दौरान 3-4 प्रतिशत तक बढ़ा दिए हैं, वहीं ऊंची ब्रेंट क्रूड तेल कीमतों के साथ साथ कमजोर रुपया और जून तिमाही में कंपनी की अच्छी दर को देखते हुए उसने अपने मल्टीपल लक्ष्य और 2,340 रुपये के कीमत लक्ष्य को काफी हद तक अपरिवर्तित बनाए रखा है।
जेफरीज इंडिया के भास्कर चक्रवर्ती के नेतृत्व में विश्लेषकों ने जियो के लिए ऊंचे ग्राहक अनुमानों और ऊंची शुद्घ ब्याज आय को ध्यान में रखते हुए वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने ईपीएस अनुमान 1 प्रतिशत तक बढ़ा दिए हैं। वित्तीय परिणाम के बाद, जहां कुछ ब्रोकर तटस्थ हैं, वहीं मॉर्गन स्टैनली रिसर्च आशान्वित है। मॉर्गन स्टैनली का मानना है कि बाजार के अनुमानों में सुधार आया है। आय की गुणवत्ता अच्छी रही है और गैस उत्पादन में तेज सुधार आया है तथा दूरसंचार व्यवसाय में वृद्घि आश्चर्यजनक थी। मल्टीपल और अनुमानों, दोनों में बदलाव प्रत्याशित है। मल्टीपल में बदलाव लाने वाला मुख्य सेगमेंट दूरसंचार है। जहां जियो का प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) तिमाही आधार पर 138.4 रुपये पर सपाट रहा, वहीं परिचालन मुनाफे में तेजी के लिए मुख्य कारक 1.44 करोड़ ग्राहकों की वृद्घि को माना जा सकता है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के संजेश जैन का कहना है, ‘तिमाही के दौरान ग्राहक वृद्घि 1.44 करोड़ के साथ मजबूत थी।’ ग्राहक वृद्घि से जियो का ग्राहक आधार 33 करोड़ के आंकड़े पर पहुंच गया, जो करीब आधा अरब ग्राहकों के लक्ष्य के नजदीक है। जहां सपाट एआरपीयू मुख्य तौर पर जियोफोन पेशकश और लॉकडाउन के दौरान रिचार्ज की वजह से था, वहीं मार्जिन मजबूत बना रहा।
सैंक्टम वेल्थ मैनेजमेंट के शोध निदेशक आशीष चतुरमोहता का कहना है, ‘हालांकि कुल एआरपीयू तिमाही आधार पर सपाट रहा, वहीं मार्जिन भी अच्छा रहा और इसमें 13 तिमाहियों में सबसे अच्छी तेजी दर्ज की गई।’