पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद कर में कटौती के सरकारी कदम के बीच विश्लेषक वाहन कंपनियों के शेयरों को लेकर तेजी का नजरिया अपना रहे हैं। इसके अतिरिक्त स्टील विनिर्माण के लिए कच्चे माल पर आयात शुल्क में बदलाव से भी मांग में सुधार होगा और वाहनों की लागत कम होगी।
सप्ताहांत में सरकार ने पेट्रोल व डीजल पर उथ्पाद कर क्रमश: 8 रुपये प्रति लीटर व 6 रुपये प्रति लीटर घटा दिए, इसके अलावा स्टील व प्लास्टिक विनिर्माण के लिए कच्चे माल के आयात पर शुल्क घटा दिया। दूसरी ओर, लौह अयस्क व अन्य स्टील इंटरमीडियरीज पर निर्यात शुल्क में इजाफा कर दिया गया।
नोमूरा के विश्लेषकों का कहना है कि इससे देसी बाजार में स्टील की कीमतें 10 फीसदी से ज्यादा घट सकती हैं और वाहनों की लागत घट सकती है, साथ ही मांग पर इसका सकारात्मक असर पड़ेगा। नोमूरा ने कहा, जिंस की कम कीमतें ज्यादातर ओईएम के मार्जिन के लिए सकारात्मक होंगी।
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए नोमूरा ने उद्योग का वॉल्यूम मध्यम व भारी वाणिज्यिक वाहनों के लिए 50 फीसदी बढऩे का अनुमान लगाया है जबकि यात्री वाहनों के मामले में यह बढ़ोतरी 20 फीसदी और दोपहिया के लिए 11 फीसदी होगी।
नोमूरा के कपिल सिंह और सिद्धार्थ बेरा ने हालिया नोट में कहा है, हमारे विश्लेषण से संकेत मिलता है कि कार/दोपहिया की स्वामित्व लागत पिछले दो साल में 17/20 फीसदी बढ़ी है, जिसकी वजह र्ईंधन व वाहनों की बढ़ती कीमत है। ऐसे में हम एंट्री लेवल कार व दोपहिया की अक्टूबर 2022 के बाद होने वाली बिक्री को लेकर चिंतित हैं। र्ईंधन की कीमतों में कमी से कार व दोपहिया की लागत में 2 से 3 फीसदी की कमी आ सकती है और यह मांग के परिदृश्य के लिहाज से सकारात्मक होगा।
नोमूरा ने कहा, परिचालन के स्तर पर कंपनियों के लिए मार्जिन का लाभ स्टील की कीमतों में कटौती की पृष्ठभूमि में होगा। उनके अनुमान के मुताबिक, स्टील की कीमतों में करीब 10 फीसदी की कटौती से वाणिज्यिक वाहनों व ट्रैक्टरों पर मार्जिन की रफ्तार करीब 200 आधार अंक बढ़ेगी जबकि यात्री वाहनों पर 100 आधार अंक और दोपहिया पर करीब 60 आधार अंक बढ़ेगी। हालिया प्रगति के बाद आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज भी इस क्षेत्र के भविष्य को लेकर आशावादी है और उसका अनुमान है कि कंपनियों को मांग व लागत दोनों लिहाज से फायदा होगा। ब्रोकरेज ने एक नोट में कहा है, मांग की बात करें तो र्ईंधन की खुदरा कीमतों में गिरावट से वाहनों की बिक्री बढ़ेगी, खास तौर से दोपहिया की। र्ईंधन की कीमतों में कमी से कारोबारी लागत घटाने में भी मदद मिलेगी, खास तौर से कम लॉजिस्टिक्स लागत का फायदा मिलेगा।