इस साल की शुरुआत के साथ ही शेयर बाजार भले ही जमींदोज होता नजर आ रहा हो लेकिन साल के अंत तक यह 19,000 के आस-पास रहेगा।
यह राय है, बंबई शेयर बाजार के अधिकांश शेयर दलालों की। उनकी यह राय बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा प्रमुख स्थानीय दलाल संस्थाओं के बीच कराए गए सर्वेक्षण से सामने आई है। वास्तव में यह आंकड़ा बीते दिसंबर महीने के मुकाबले कम है।
जब 2007 के अंत में यानी दिसंबर के अंत में शेयर बाजार 20,000 की ऊंचाई पर पहुंच गया था, तो ज्यादातर दलाल यह उम्मीद कर रहे थे कि उन्हें 15 से 20 फीसदी का मुनाफा होगा। हालांकि जनवरी में सेंसेक्स के 20,800 अंक पर पहुंचने के बाद से लेकर अब तक इसमें 25 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
सर्वेक्षण के तहत कुल 20 दलालों से की गई बातचीत के बाद यह बात सामने आई है कि इनमें से 60 फीसदी यह महसूस करते हैं कि रीयल एस्टेट सेक्टरों में मिले जख्म का दर्द अभी भी हरा है, जबकि 50 फीसदी यह महसूस करते हैं कि आने वाले कुछ तिमाही में पूंजीगत उत्पाद का प्रदर्शन फीका ही रहेगा। हालांकि ये आंकड़े सौ फीसदी उपयुक्त नहीं बैठते हैं, क्योंकि कोई एक दलाल फर्म खासतौर पर दो या दो से अधिक सेक्टरों के ही प्रदर्शन पर अपनी राय जताती है।
रेलिगेयर सिक्यूरिटीज के इक्विटी प्रमुख अमिताभ चक्रवर्ती ने बताया,”हाल ही में एमएमआरडीए द्वारा बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में कराई गई नीलामी में दो प्लॉटों के लिए कोई बोली लगाने वाला नहीं मिला। इसमें कोई शक नहीं कि मुंबई कमर्शियल प्रॉपर्टी मार्केट इस वक्त ठंडा पड़ा हुआ है।
कमोबेश इसी तरह की स्थिति एनसीआर, बेंगलुरु और अन्य शहरों में की भी है। वास्तव में जैसे-जैसे क्रेडिट महंगा होता जा रहा है, वैसे-वैसे रियलटी सेक्टर में खुदरा निवेशकों का प्रवाह कम होता जा रहा है।”