वर्ष 2021 में सामान्य मॉनसून (जैसा कि भारतीय मौसम विभाग और निजी मौसम अनुमान जताने वाली कंपनी स्काइमेट ने भविष्यवाणी की है) से कृषि संबंधित कंपनियों के लिए अच्छा समय बने रहने की संभावना है। विश्लेषकों का कहना है कि इन कंपनियों में कीटनाशक, उर्वरक, कृषि उपकरण निर्माताओं को अच्छे मॉनसून का लाभ मिल सकता है।
हालांकि वे इसे लेकर सतर्क है कि यह लाभ सरकारी नीतियों पर निर्भर करेगा क्योंकि देश को कोविड-19 की दूसरी लहर से जूझना पड़ रहा है और प्रमुख जिंसों की कीमतों में लगातार तेजी से मुद्रास्फीति संबंधित चिंताएं भी बनी हुई हैं। विश्लेषकों का कहना है कि मॉनसून का अस्थायी और स्थानिक वितरण भी महत्वपूर्ण रहेगा।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘दो वर्षों तक औसत से ज्यादा बारिश और अच्दे उत्पादन के बाद अब हमें कृषिगत सकल मूल्य वृद्घि (जीवीए) वित्त वर्ष 2022 में 2 प्रतिशत की नरम वृद्घि पर रहने का अनुमान है। सामान्य मॉनसून से खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी, हालांकि खाद्य तेलों की कीमतों में वैश्विक रुझान के साथ साथ जल्द खराब हो जाने वाले उत्पादों (सब्जियों समेत) के लिए घरेलू मांग आपूर्ति संबंधित समस्याओं का अहम योगदान बरकरार रहेगा।’
17 अप्रैल, 2020 से, कृषि संबंधित कई शेयरों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। एसीई इक्विटी के आंकड़े से पता चलता है कि रामा फॉस्फेट्स, दीपक फर्टिलाइजर्स, फर्टिलाइजर्स ऐंड केमिकल्स त्रावणकोर (एफएसीटी), हैरिसंस मलयालम, एस्टेक लाइफसाइंसेज, और गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर्स ऐंड केमिकल्स में 113-300 प्रतिशत की तेजी आई है। तुलनात्मक तौर पर, बीएसई सेंसेक्स, बीएसई मिडकैप, और एसेंडपी बीएसई स्मॉलकैप सूचकांकों में 54 प्रतिशत, 70 प्रतिशत और 94 प्रतिशत की तेजी आई है।
आईडीबीआई कैपिटल के शोध प्रमुख ए के प्रभाकर ने कहा, ‘कृषि संबंधित कंपनियों, खासकर कीटनाशक और उर्वरक, रसायन तथा कृषि उपकरण कंपनियों ने कोविड संबंधित चुनौतियों के बावजूद पिछले एक साल में अच्छा प्रदर्शन किया है। यदि मॉनसून अच्छा रहा तो यह रुझान 2021 में बरकरार रहने की संभावना है। एफएमसीजी क्षेत्र उतना ज्यादा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकता है, क्योंकि वह काफी हद तक खपत पैटर्न पर निर्भर है जिसमें शहरी भारत में अच्छी तेजी आनी अभी बाकी है। कोरोमंडल फर्टिलाइजर्स, बेयर क्रॉप, धानुका एग्रो, चंबल फर्टिलाइजर्स, और कृषि उपकरण कंपनियां (ट्रैक्टर) पर मैं सकारात्मक बना हुआ हूं।’ आईएमडी का भविष्यवाणी रिकॉर्ड मिश्रित है। आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले 10 वर्षों में उसके अनुमान 70 प्रतिशत सही साबित हुए हैं। विश्लेषकों का कहना है कि हालांकि आईएमडी और स्काईमेट दोनों ने सामान्य मॉनसून का अनुमान जताया है, जिससे इसकी संभावना बढ़ गई है।
एडलवाइस सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने एक ताजा रिपोर्ट में लिखा है, ‘सामान्य मॉनसून से निश्चित तौर पर कृषि धारणा सुधरेगी। हालांकि वैश्विक खाद्य कीमतें ग्रामीण आय के निर्धारण के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं और भविष्य में इन पर नजर रखना जरूरी है। अंतरराष्ट्रीय खाद्य कीमतें (आपूर्ति संबंधित समस्याओं की वजह से) बढ़ी हैं। हालांकि इन्वेंट्री के ऊंचे स्तर को देखते हुए कीमतों में यह तेजी अस्थायी होने की संभावना है।’
प्रभुदास लीलाधर की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, अच्छी फसल कीमतों और अनुकूल जलाशय स्तरों को देखते हुए कृषिगत गतिविधि वित्त वर्ष 2022 में मजबूत बने रहने की संभावना है। इसके अलावा, कृषि रसायन और उर्वरक कंपनियों ने अप्रैल के शुरू से कीमतें बढ़ानी भी शुरू की हैं।
प्रभुदास लीलाधर के शोध प्रमुख अमनीश अग्रवाल का कहना है, ‘आगामी खरीफ सीजन कृषि/कृषि उत्पाद कंपनियों के लिए व्यावसायिक परिदृश्य से अच्छा रहने की संभावना दिख रही है। हमने सामान्य मॉनसून, मजबूत बुआई और कृषि रुझान को देखते हुए मॉडल पोर्टफोलियो में बेयर इंडिया को बरकरार रखा है।’