बीमा क्षेत्र के शेयरों ने देसी बाजार में जून में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश का 40 फीसदी से ज्यादा आकर्षित किया। विदेशी निवेशकों ने पिछले महीने कुल 2.35 अरब डॉलर निवेश किया, जिसमें से बीमा कंपनियों ने 0.97 अरब डॉलर का निवेश हासिल किया। आईआईएफएल सिक्योरिटीज के नोट में ये बातें कही गई है।
बीमा के बाद ऑटोमोबाइल व बैंक और वित्तीय शेयरोंं में क्रमश: 37.1 करोड़ डॉलर और 34.1 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ। एफपीआई भारांक के मामले में बीमा कोई बड़ा क्षेत्र नहीं रहा है। एफपीआई के कोष में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी महज 2.5 फीसदी है। इसकी तुलना में देश में होने वाले एफपीआई निवेश का करीब एक तिहाई बैंकिंग व बीमा क्षेत्र में है।
विशेषज्ञों ने कहा कि बीमा क्षेत्र में असामान्य उच्च निवेश की वजह एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में ब्लॉक डील है। जून में स्टैंडर्ड लाइफ ने एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का 5 फीसदी हिस्सा बेचकर करीब 6,784 करोड़ रुपये जुटाए। बाजार पर नजर रखने वालों ने कहा कि शेयर बिक्री में एफपीआई की खासी मांग देखने को मिली।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष श्रीराम वेलायुधन ने कहा, निवेश में बीमा क्षेत्र को काफी लाभ मिला है और ब्लॉक डील से इसका अहम हिस्सा हासिल हुआ। ब्लॉक डील की वैल्यू को समायोजित करने के बाद शुद्ध निवेश काफी उत्साहजनक रहा है।
उन्होंने कहा कि एफटीएसई की तरफ से दोबारा संतुलन के कारण वाहन क्षेत्र में एफपीआई निवेश बढ़ा है। इस बीच, परिवहन व लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में अधिकतम 30 करोड़ डॉलर की एफपीआई निवेश निकासी हुई। इसके बाद मीडिया व दूरसंचार क्षेत्र का स्थान रहा, जहां से जून में क्रमश: 8.1 करोड़ डॉलर और 5.1 करोड़ डॉलर की निकासी हुई।
क्षेत्रीय भारांक के लिहाज से आईटी व एफएमसीजी में क्रमश: 90 आधार अंक व 63 आधार अंक की बढ़ोतरी हुई और यह क्रमश: 14.02 फीसदी व 12.32 फीसदी पर पहुंच गया। बैंंकिंग व वित्तीय क्षेत्र में एफपीआई भारांक 85 आधार अंक घटकर 32.01 फीसदी रह गया। आईआईएफएल सिक्योरिटीज के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।