वीजा प्रोसेसिंग प्लेटफॉर्म एटलीज की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि तुर्किये और अजरबैजान के वीजा आवेदनों में 42 फीसदी की गिरावट आई है, क्योंकि भारतीय पर्यटक अब इन दो देशों की यात्रा करने से परहेज कर रहे हैं। बीते दिनों भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष के दौरान इन दोनों देशों का पाकिस्तान के साथ नरम रुख होने से भारतीय पर्यटक अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए यहां की यात्रा नहीं करना चाह रहे हैं।
तनाव बढ़ने के 36 घंटे के भीतर 60 फीसदी उपयोगकर्ताओं ने इन दोनों देशों के लिए अपने वीजा आवेदन प्रक्रिया को बीच में रोक दिया। एटलीज के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी मोहक नाहटा ने कहा कि प्रतिक्रिया स्पष्ट थी। यात्रियों ने जानकारी और उपलब्ध विकल्पों के आधार पर अपनी योजनाओं में बदलाव किया। एटलीज ने तुर्किये और अजरबैजान के लिए सभी मार्केटिंग गतिविधियों को रोक दिया है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने पहले बताया था कि ट्रैवल पोर्टल और टूर ऑपरेटरों ने इन देशों के लिए बुकिंग लेना बंद कर दिया है, जबकि पिछली यात्रा योजनाओं को रद्द करने की संख्या में 260 फीसदी की वृद्धि हुई है।
साल 2025 की पहली तिमाही में एक साल पहले के मुकाबले तुर्किये और अजरबैजान के लिए वीजा आवेदनों में 64 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी। वीजा प्रसंस्करण फर्म के आंकड़े दर्शाते हैं कि इस्तांबुल, कैपाडोसिया और बाकू भारतीय यात्रियों के लिए पसंदीदा विकल्प बने हुए थे।
दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों से तुर्किये जाने के आवेदनों में 53 फीसदी की गिरावट आई है। इंदौर और जयपुर जैसे शहरों से यह गिरावट 20 फीसदी है। पारिवारिक यात्राओं सहित ग्रुप वीजा आवेदनों में भी करीब 49 फीसदी की गिरावट आई है। अकेले (सोलो) और युगल (कपल) आवेदनों में गिरावट 27 फीसदी रही। इससे पता चलता है कि बड़े यात्रा समूह, जो आमतौर पर पहले से अच्छी योजना बनाते हैं, उन्होंने व्यक्तिगत यात्रियों के मुकाबले काफी तेजी से प्रतिक्रिया दी है।
एटलीज के आंकड़े दर्शाते हैं कि 25 से 34 वर्ष आयुवर्ग के करीब 70 फीसदी यात्रियों ने तुर्किये के लिए वीजा आवेदनों को बीच में ही रद्द कर दिया। महिला यात्रियों द्वारा वियतनाम और थाईलैंड जैसे दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के लिए पुनः आवेदन करने की संभावना 2.3 गुना अधिक रही।
तुर्किये और अजरबैजान जाने में कम दिलचस्पी के कारण ही अन्य गंतव्यों ने लोकप्रियता हासिल की है। वियतनाम, इंडोनेशिया और मिस्र के लिए आवेदनों में 31 फीसदी तक की वृद्धि हुई है। ये देश अब उन यात्रियों को आकर्षित कर रहे हैं, जो पहले बाकू और इस्तांबुल जाने पर विचार कर रहे थे। एटलीज को उम्मीद है कि जब भारत से दक्षिण-पूर्व एशिया की यात्राएं जून और जुलाई में दोबारा बढ़ेंगी, तो यही रुझान उस समय भी देखने को मिलेगा।