भारत इस वर्ष गर्मियों (जून-जुलाई) के दौरान थाईलैंड के लिए सीटों की संख्या के आधार पर एयरलाइन यात्रियों का दूसरा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय बाजार बन गया है। वैश्विक अनुसंधान एजेंसी ओएजी के आंकड़ों के अनुसार कोविड महामारी से पहले 2019 की गर्मियों में यह छठे नंबर पर था, लेकिन जापान, हॉन्गकॉन्ग, सिंगापुर और मलेशिया जैसे देशों को पछाड़ कर अब दूसरे स्थान पर काबिज हो गया है।
हवाई यात्रियों में भारत से हुई बड़ी वृद्धि ने थाईलैंड को अंतरराष्ट्रीय यात्रा में चीन से हुई भारी गिरावट से उबरने में मदद की है। चीन पर्यटन पर निर्भर इस देश का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन बाजार रहा है। थाईलैंड और चीन के बीच अंतरराष्ट्रीय यात्रा 2019 की गर्मियों में अपने चरम 74 लाख सीटों से घटकर 2025 की गर्मियों में लगभग 41 लाख सीटों पर आ गई है। यह 2024 की पिछली गर्मियों में 51 लाख सीटों से 20 प्रतिशत कम भी है। इसके विपरीत चीन को छोड़ दें तो भारत एकमात्र ऐसा देश रहा, जिसके पास इस वर्ष गर्मियों में 20 लाख से अधिक सीटें उपलब्ध हैं। बाकी सभी प्रमुख देश इस सीमा से बहुत पीछे हैं। थाईलैंड-भारत के बीच यात्री सीटों में इस वर्ष पिछले वर्ष की समान अवधि में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। इस मामले में जापान जैसे देशों में भी वृद्धि हुई, लेकिन इसकी वृद्धि साल दर साल के हिसाब से 7 प्रतिशत और वियतनाम में 21 प्रतिशत से अधिक तथा यूएई एवं ताइवान में एक ही अंक में वृद्धि हुई। सिंगापुर, हॉन्ग कॉन्ग और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में पिछली गर्मियों की तुलना में इस वर्ष सीट क्षमता में गिरावट आई है। कोविड पूर्व 2019 की तुलना में थाईलैंड के बीच जापान की कुल सीटें अभी भी 27 प्रतिशत कम हैं और वियतनाम की सीटें 2025 की गर्मियों के स्तर से 4 प्रतिशत कम हैं। इसके विपरीत भारत में सीटों की संख्या में लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
ओएजी ने भारतीयों के थाईलैंड का रुख करने में आई तेजी के तीन कारण बताए हैं- एक, उदार वीजा-मुक्त नीति है, जो यात्रा को आसान और कम खर्चीला बनाती है। दूसरा कारण भारत में मध्यम वर्ग की वृद्धि है जो पास की डेस्टिनेशन पर छुट्टी बिताने के लिए विदेश जाना चाहता है – थाईलैंड एक आदर्श गंतव्य है। और तीसरा कारण 2025 आसियान-भारत पर्यटन वर्ष के हिस्से के रूप में आक्रामक प्रचार गतिविधियां हैं।
भारत से यात्रियों की संख्या बढ़ने से थाईलैंड को काफी सहारा मिला है। ओएजी के अनुसार, थाईलैंड-चीन मार्गों में 2025 की गर्मियों में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 10 लाख सीटों की गिरावट आई थी, लेकिन भारत, जापान, यूएई और अन्य छोटे बाजारों से वृद्धि के कारण इसकी भरपाई हो गई, जिससे उन्हें 4 लाख सीटों की शुद्ध वृद्धि देखने में मदद मिली है।