ट्रैवल-टूरिज्म

भारत और चीन के रिश्तों में आ रही गरमाहट, दोनों देशों के बीच टूरिज्म को लगेंगे पंख

IATO का मानना है कि वीजा सुविधा और प्रचार अभियान को ठीक से संभाला गया तो अगले 12 से 18 महीनों में चीन से पर्यटन संबंधी कारोबार में 20-25% की हो सकती है बढ़ोतरी

Published by
अक्षरा श्रीवास्तव   
रोशिनी शेखर   
Last Updated- September 04, 2025 | 9:24 AM IST

भारत और चीन के रिश्तों में आ रही गरमाहट के साथ-साथ दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें जल्द शुरू होने से पर्यटन क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। इसीलिए दोनों देशों के रुख में नरमी का यात्रा और आतिथ्य क्षेत्र ने स्वागत किया है। उसने आने वाले महीनों में विदेशी पर्यटकों की संख्या में संभावित वृद्धि को ध्यान में रखते हुए अभी से अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ) का मानना है कि वीजा सुविधा और प्रचार अभियान को ठीक से संभाला गया तो अगले 12 से 18 महीनों में चीन से पर्यटन संबंधी कारोबार में कम से कम 20-25 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। अभी केंद्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर सीधी उड़ानों की बहाली की घोषणा नहीं की है।

विमानन कंपनियां अपनी तैयारी कर रही जुटी

इस बारे में आईएटीओ अध्यक्ष रवि गोसाईं और फेडरेशन ऑफ एसोसिएशंस इन इंडियन टूरिज्म ऐंड हॉस्पिटैलिटी (एफएआईटीएच) के महासचिव राजीव मेहरा ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें अक्टूबर तक शुरू होने की उम्मीद है। गोसाईं ने कहा, ‘यात्रा एग्रीगेटर और टूर ऑपरेटर आकर्षक यात्रा कार्यक्रम बनाने के लिए सक्रिय हो गए हैं। वे पर्यटकों की सुविधा के लिहाज से अपने डिजिटल बुकिंग सिस्टम में सुधार तो कर ही रहे हैं, अपेक्षित मांग को पूरा करने के लिए अपने चीन के यात्रा एग्रीगेटर और ऑपरेटरों के साथ साझेदारी बढ़ा रहे हैं।’

मेहरा ने यह भी कहा कि विमानन कंपनियां इस तरह अपनी तैयारी कर रही हैं कि केंद्र सरकार के उड़ान बहाली की घोषणा करते ही वे अपना संचालन शुरू कर दें। उन्होंने बताया कि 2025 में यूरोप से विदेशी पर्यटकों की आमद में 5-8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। चीन के साथ सीधी उड़ानें शुरू होने से भारत को कोविड महामारी से पहले विदेशी पर्यटकों की संख्या को पार करने में मदद मिलेगी।

पर्यटन मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार भारत में अप्रैल में 6,26,000 विदेश पर्यटक आए थे। यह संख्या 2019 की तुलना में 19.2 प्रतिशत कम है। वर्ष 2019 में लगभग 300,000 चीनी पर्यटक भारत आए थे। इसके बाद कोविड-19 महामारी के कारण विदेश आने-जाने में बंदिशें लग गईं। चीन और भारत ने महामारी के बाद भी एक-दूसरे के नागरिकों के लिए यात्रा प्रतिबंधों में ढील नहीं दी।

बढ़ सकती हैं चीन से भारत आने वाले पर्यटक

ऑनलाइन यात्रा प्लेटफॉर्म यात्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (उड़ान और होटल व्यवसाय) भरत मलिक ने कहा, ‘यात्रा प्रतिबंध लगने से पहले पांच विमानन कंपनियां- एयर इंडिया, चाइना ईस्टर्न, चाइना सदर्न, एयर चाइना और चाइना एयरलाइंस दोनों देशों में सेवाएं दे रही थीं। हवाई उड़ानें शुरू होने से इन विमानन कंपनियों के माध्यम से यात्रा तेज, अधिक सुविधाजनक और किफायती हो जाएगी। इससे उम्मीद है कि चीन से भारत आने वाले पर्यटकों की संख्या पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।’ विदेश मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कैलाश मानसरोवर यात्रा और टूरिस्ट वीजा की बहाली के आधार पर सीधी उड़ानों और वीजा सुविधा के माध्यम से दोनों देशों के नागरिकों के बीच संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

सबसे अधिक खर्च करने वालों में चीनी पर्यटक भी

कॉक्स ऐंड किंग्स के निदेशक करण अग्रवाल ने कहा, ‘सबसे अधिक खर्च करने वालों में चीनी पर्यटक भी शामिल होते हैं। वे खासकर लक्जरी हॉस्पिटैलिटी, हेरिटेज सर्किट और वेलनेस टूरिज्म में दिल खोलकर खर्च करते हैं। वर्ष 2025-26 में दो लाख से अधिक चीनी पर्यटकों की आमद को देखते हुए यात्रा उद्योग शानदार वृद्धि की उम्मीद कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘उच्च अनुमानित प्रति-पर्यटक खर्च (लगभग 1.5 लाख रुपये) से होटल, स्थानीय गाइड, परिवहन ऑपरेटरों और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं को सीधा लाभ होगा। गोल्डन ट्रायंगल, आध्यात्मिक गंतव्यों और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्यों में इन पर्यटकों की संख्या बढ़ने की अधिक संभावना है।’ यही नहीं, उड़ानें शुरू होने से न केवल लोग छुट्टियां बिताने आएंगे, बल्कि व्यापार से संबंधित यात्राओं में भी वृद्धि होगी। इससे एमआईसीई यानी बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनी आदि से संबंधित क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।

एसओटीसी ट्रैवल के अध्यक्ष और कंट्री हेड (हॉलिडेज़ ऐंड कॉरपोरेट टूर्स) एसडी नंदकुमार ने कहा, ‘यह कंपनी के अवकाश, व्यापार और एमआईसीई जैसे सभी क्षेत्रों में व्यवसाय वृद्धि में सहायक होगा।’ उन्होंने कहा कि चीन हमेशा से ही भारतीयों के लिए पर्यटन, संस्कृति और खरीदारी में ही नहीं, बड़े व्यापार मेलों के मामले में भी आकर्षक स्थान रहा है। नंदकुमार ने आगे कहा, ‘चीन के साथ सीधी आवाजाही चीन के उत्पादों, पड़ोसी पर्यटन स्थलों के लिए भी अवसरों के दरवाजे खोलती है। हम इसी का लाभ उठाने की योजना बना रहे हैं।’

भारतीय यात्रियों की ओर मांग बढ़ी

थॉमस कुक इंडिया के अध्यक्ष और कंट्री हेड (हॉलिडेज़, एमआईसीई, वीजा) राजीव काले ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें बहाल होने से पहले ही भारतीय यात्रियों की ओर मांग बढ़ गई है। काले ने कहा, ‘हम भारतीय यात्रियों के साथ उत्पादों और यात्रा कार्यक्रमों को बढ़ावा देने तथा चीन को एक प्रमुख गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के लिए चीनी पर्यटन विभाग के साथ साझेदारी करने के लिए उत्सुक हैं। इसी तरह भारत में आने वाले यात्रियों के लिए विशेष रूप से बौद्ध विरासत सर्किट के आसपास भी इसी तरह अवसरों के द्वार खुलते देख रहे हैं। हमारा मानना है कि चीन आने वाले वर्षों में बाहरी और आंतरिक यात्रा दोनों के लिए प्रमुख बाजार होगा।’

क्लीयरट्रिप में मुख्य विकास और व्यवसाय अधिकारी मंजरी सिंघल ने कहा कि यह कदम भारतीय यात्रा और पर्यटन उद्योग के लिए लंबे समय के लिए रोमांचक अवसर उपलब्ध कराने का संकेत देता है। वर्ष 2030 तक अनुमानित 20 करोड़ चीनी पर्यटक विदेश जाएंगे। इस तरह भारत के लिए चीन शीर्ष बाजार बन सकता है।’

First Published : September 4, 2025 | 9:24 AM IST