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भारत में ड्रोन के जरिये मेडिकल डिलिवरी की शुरुआत

ICMR ड्रोन के जरिये सुदूर इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाएगी

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संकेत कौल   
Last Updated- October 04, 2023 | 11:11 PM IST

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने एक ड्रोन लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप टीएसएडब्ल्यू ड्रोन को ऑर्डर देने की घोषणा के साथ ही ड्रोन के जरिये विभिन्न मेडिकल उत्पादों की आपूर्ति से जुड़ी महत्त्वाकांक्षी योजना की शुरुआत कर दी है।

आईसीएमआर की परियोजना के तहत तीन स्थानों, यद्दारी भुवनगिरि जिला (तेलंगाना), मणिपाल (कर्नाटक) और लाहौल (हिमाचल प्रदेश) में स्वास्थ्य सेवा केंद्रों को मदद देने के लिए छह महीने तक नियमित डिलिवरी करनी है। इस डिलिवरी के तहत वितरण केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित कई लोकेशन जोड़े जाएंगे और महत्त्वपूर्ण दवाओं की आपूर्ति के साथ ही टीबी और डायग्नॉस्टिक नमूने भेजने की सुविधा भी होगी।

कोरोनावायरस महामारी के दौरान भारत की सरकारी एजेंसियों ने ड्रोन के जरिये पहले प्रायोगिक परीक्षण किया था। आईसीएमआर ने पहले भी यह अंदाजा लेने की कोशिश की थी कि ड्रोन के जरिये देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में कोविड-19 टीके और दवाएं भेजी जा सकती हैं या नहीं और इसके लिए आई-ड्रोन प्रोग्राम लॉन्च किया गया था।

आईसीएमआर के वैज्ञानिक-डी और प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. सुमित अग्रवाल ने इसे एक महत्त्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि आईसीएमआर की प्रतिबद्धता से ही देश में स्वास्थ्य सेवा डिलिवरी की सीमाओं का विस्तार हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘ड्रोन तकनीक की क्षमताओं का इस्तेमाल करते हुए हम न केवल नए दरवाजे खोल रहे हैं बल्कि हम देश के सुदूर इलाके में स्वास्थ्य सेवा की पहुंच की बाधाओं को भी दूर कर रहे हैं।’

कई निजी कंपनियों ने ड्रोन के जरिये दवाएं पहुंचाने और आपूर्ति करने में हाथ आजमाया है। डिजिटल स्वास्थ्य सेवा कंपनी टाटा 1एमजी ने 2022 के आखिर में देहरादून में ड्रोन के जरिये डायग्नॉस्टिक नमूने और दवाओं की डिलिवरी शुरू की। एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स (अब एजिलस डायग्नॉस्टिक्स) ने अप्रैल 2022 में नमूने जुटाने और उन्हें गुरुग्राम और मुंबई की लैबोरेटरी ले जाने के लिए स्काई एयर के साथ काम करना शुरू कर दिया।

टीएसएडब्ल्यू ड्रोन के साथ आईसीएमआर के साथ किया जा रहा सहयोग इस मेडिकल अनुसंधान परिषद के लिए स्टार्टअप के साथ पहला बड़ा सहयोग है। टीएसएडब्ल्यू ड्रोन के संस्थापक और सीईओ किशन तिवारी का कहना है, ‘कठिन इलाकों को पार करते हुए अप्रत्याशित ऊंचाई तक पहुंच कर वैसे समुदाय को सेवाएं दी जा सकती हैं कि जिन्हें सुविधाएं नहीं मिलती हैं। यह निश्चित तौर पर एक बड़ी चुनौती है लेकिन हम इसके लिए तैयार हैं।’

 

First Published : October 4, 2023 | 10:56 PM IST