स्वास्थ्य

Nipah virus: केरल में निपा वायरस का प्रकोप, एक की मौत; क्या हैं बीमारी का लक्षण

ICMR ने इलाज के लिए मोनोक्लोन एंटीबॉडीज और अतिरिक्त परीक्षण के लिए मोबाइल बीएसएल -3 प्रयोगशाला को करने के लिए भेजा है।

Published by
शाइन जेकब   
सोहिनी दास   
Last Updated- July 21, 2024 | 10:15 PM IST

केरल में 2018 के बाद से निपा वायरस के पांचवें मामले की जानकारी मिली है। केरल के मलप्पुरम जिले के पांडिक्कड़ के पास चेम्ब्रासरी में रविवार को सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 14 साल के एक लड़के की मौत हो गई। मलप्पुरम में 68 साल के एक बुजुर्ग पुरुष में निपा के लक्षण उजागर होने के बाद उसे गंभीर स्थिति में कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराए जाने के बाद डर बढ़ गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने रविवार को केरल के मलप्पुरम में निपा वायरस का मामला उजागर होने की पुष्टि की। भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘मलप्पुरम के 14 साल के बच्चे में एईएस के लक्षण उजागर हुए थे और उसे पेरिनतलमन्ना के स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल किया गया था। बाद में उसे बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए कोझिकोड भेजा गया था। वहां मरीज की इस बीमारी के कारण मौत हो गई। उसके नमूने पुणे एनआईवी भेजे गए थे।

एनआईवी पुणे ने निपा वायरस संक्रमण की पुष्टि कर दी है।’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की राष्ट्रीय ‘वन हेल्थ मिशन’ के बहुसदस्यीय संयुक्त दल को केरल में तैनात किया जाएगा। यह दल केरल को मामले की जांच, महामारी विज्ञान संबंधों की पहचान करने मदद करेगा और तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।

ऐसा लगता है कि देश में संक्रमण मामले बढ़ने शुरू हो गए हैं। इस साल महाराष्ट्र में जीका के 28 मामले उजागर हुए हैं जो साल 2021 के बाद सर्वाधिक हैं। इनमें पुणे में 24 मामले उजागर हुए हैं लेकिन अभी तक मुंबई में इसका एक भी मामला सामने नहीं आया है।

केरल में लड़के को 20 जुलाई के बाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। राज्य सरकार के अनुसार इस लड़के को जबरदस्त दिल का दौरा पड़ा था और उसकी सुबह 11.30 बजे मौत हो गई।

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि उसके तीन परिजनों को मंजेरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कर नजर रखी जा रही है और इनमें से एक परिजन का सघन चिकित्सा केंद्र में इलाज जारी है। राज्य की 68 वर्षीय महिला के नमूनों को जांच के लिए पुणे के एनआईवी में भेज दिया गया है।

आईसीएमआर ने इलाज के लिए मोनोक्लोन एंटीबॉडीज और अतिरिक्त परीक्षण के लिए मोबाइल बीएसएल -3 प्रयोगशाला को करने के लिए भेजा है। कोझिकोड पहुंची मोबाइल प्रयोगशाला संपर्क में आए लोगों के नमूनों की जांच करेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया, ‘मरीज की मृत्यु से पहले मोनोक्लोन एंटीबॉडीज पहुंच गई थीं लेकिन मरीज की अत्यधिक खराब स्थिति के कारण इस्तेमाल नहीं हो पाई थी।’

निपा वायरस जानवरों से फैलने वाली बीमारी है। यह संक्रमित चमगादड़ों और सूअरों से मनुष्य के संपर्क में आने की वजह से फैलता है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति से भी संक्रमण फैलता है, हालांकि ऐसा होने की आशंका कम होती है। जीका वायरस उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में मुख्य तौर पर संक्रमित एडीज जीनस के मच्छर के काटने से फैलता है।

First Published : July 21, 2024 | 10:15 PM IST