केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कहा कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) के जरिये पहले चरण में 2000 जन औषधि केंद्र खोलने की योजना है। केंद्र का लक्ष्य अगले दो-तीन वर्षों में देश में 25,000 जन औषधि केंद्र खोलना है। यह जानकारी मांडविया ने राष्ट्रीय कार्यक्रम ‘पीएसीएस में जनऔषधि केंद्र’ में दी।
उन्होंने बताया, ‘औषधि विभाग ने देश में पीएसीएस के 2,300 से अधिक जन औषधि केंद्र के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। इनमें से 500 से अधिक काम कर रहे हैं।’
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएसीएस को जन औषधि केंद्र खोलने की अनुमति देने का फायदा सहकारी संस्थाओं को ही नहीं होगा बल्कि समाज के सबसे निचले पायदान तक पहुंचेगा।
उन्होंने बताया, ‘जन औषधि केंद्रों ने बीते नौ वर्षों में गरीबी लोगों के 26,000 करोड़ रुपये की बचत की है। मार्केट की तुलना में इन केंद्रों पर 50 से 90 प्रतिशत सस्ती जेनरिक दवाएं उपलब्ध हैं। इनसे लोगों को किफायती दामों पर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं।’
पीएसीएस गांवों के स्तर पर सहकारी क्रडिट सोसायटियां हैं। यह तीन स्तरीय सहकारी उधारी ढांच में सबसे निचले पायदान पर हैं।