स्वास्थ्य

केंद्र सरकार ने 2014 के बाद पहली बार CGHS दरों में बड़ा बदलाव कर मरीजों को दी राहत

यह बात ऐसे समय में सामने आई है जब इस योजना का क्रियान्वयन स्वयं मरीजों और अस्पतालों दोनों के लिए विवाद का विषय रहा है

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संकेत कौल   
Last Updated- October 05, 2025 | 9:40 PM IST

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र सरकार स्वास्थ्य सेवा (सीजीएचएस) योजना की करीब 2,000 स्वास्थ्य प्रक्रियाओं की संशोधित दरों की घोषणा की है। ऐसा बदलाव वर्ष 2014 के बाद पहली बार किया गया है।    

बदली हुई दरें 13 अक्टूबर से लागू होंगी। इन दरों में बदलाव मान्यता की स्थिति, अस्पताल के प्रकार, शहर के वर्गीकरण और वार्ड के आधार पर किया गया है। हालांकि ऐसी दरें पहले नहीं थीं। यह बात ऐसे समय में सामने आई है जब इस योजना का क्रियान्वयन स्वयं मरीजों और अस्पतालों दोनों के लिए विवाद का विषय रहा है। सरकारी अधिकारियों और पेंशनर्स की प्रमुख शिकायत यह रही है कि पैनल में शामिल अस्पताल आमतौर पर कैशलेस इलाज की सुविधा देने से मना कर देते हैं।

सीजीएचएस के एक लाभार्थी ने बताया, ‘आमतौर पर मरीजों को इलाज के लिए अपनी जेब से अदा करने के लिए बाध्य किया जाता था और फिर उन्हें इस धन को वापस लेने के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है।’

दूसरी तरफ, अस्पतालों का तर्क था कि सरकार की पैकेज की तय दरें बेहद पुरानी हो गई थीं, यह बेहद कम थीं और वर्ष 2014 के बाद से इलाज के बड़े हुए खर्चे से मेल नहीं खाती थीं। लाभार्थी ने बताया, ‘सुविधाओं के लिए समय पर भुगतान नहीं होता था। लिहाजा अस्पताल लाभार्थियों के कैशलेस इलाज से परहेज करते थे।’

बहरहाल, सूची में समय समय पर बदलाव किए गए थे। हालांकि उद्योग ने सरकार से मांग की थी कि इलाज के बढ़ते खर्चे के मद्देनजर सीजीएसएस की दरों में बदलाव किया जाए।

पुरानी प्रणाली में सीजीएसएस की दरों को प्राथमिक तौर पर नैशनल एक्रिडेटिड बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स (एनएबीएच) और गैर एनएबीएच मान्यता प्राप्त के आधार पर अलग-अलग किया जाता था। इसमें शहरों और वार्ड विकल्पों में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) और अंत: रोगी विभाग (आईपीडी) परामर्श के लिए परामर्श शुल्क समान रूप से निर्धारित किए गए थे।  

नई दरों के अंतर्गत चार अलग-अलग मानदंडों के आधार पर कई तरह की दरों का ढांचा बनाया गया है। इसका ध्येय क्षेत्रों और वार्ड के चयन के साथ महत्त्वपूर्ण विविधता लाना है। सीजीएचएस की सभी श्रेणियों के कार्डधारकों पर संशोधित मसौदा लागू होता है, इसमें सेमी प्राइवेट रूम में दो से चार मरीजों के आधार पर पैकेज की दरें हैं।

5 अक्टूबर के आधिकारिक प्रपत्र के अनुसार, ‘अगर लाभार्थी जनरल वार्ड का हकदार है तो दरें 5 प्रतिशत कम होंगी जबकि निजी वार्ड के लिए 5 प्रतिशत की वृद्धि होगी।’ सीजीएचएस के अस्पतालों की दरें बड़े, मझोले और छोटे शहरों के आधार पर अलग होंगी। बड़े शहरों में स्टैंडर्ड दरें रहेंगी। हालांकि मझोले और छोटे शहरों के अस्पतालों में इलाज की प्रक्रियाएं बड़े शहरों की तुलना में 10 से 20 प्रतिशत कम होंगी।

First Published : October 5, 2025 | 9:40 PM IST