आयुष्मान खुराना, रश्मिका मंधाना, नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी अभिनीत यह फिल्म अक्टूबर में दीवाली के मौके पर प्रदर्शित होने वाली सबसे बड़ी हिंदी फिल्म है।
आदित्य सरपोतदार की ‘थामा’ अलौकिक चीजों एवं मिथकों पर आधारित रोमांस एवं हास्य से भरपूर फिल्म है। आयुष्मान खुराना, रश्मिका मंधाना, नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी अभिनीत यह फिल्म अक्टूबर में दीवाली के मौके पर प्रदर्शित होने वाली सबसे बड़ी हिंदी फिल्म है। यह ऋषभ शेट्टी की कन्नड़ फिल्म ‘कांतारा – ए लीजेंड चैप्टर 1’ के साथ रिलीज हो रही है। कई भाषाओं में एक साथ आ रही इस फिल्म में शेट्टी, रुक्मिणी वसंत और गुलशन देवैया मुख्य भूमिका में नजर आएंगे।
इनके साथ ही शशांक खेतान की ‘सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी’ भी सिनेमाघरों में धमाल मचाएगी। धर्मा प्रोडक्शंस की इस फिल्म में वरुण धवन, सान्या मल्होत्रा और जाह्नवी कपूर हैं। सुजीत की तमिल फिल्म‘ओजी’ के प्रति भी प्रशंसक काफी उत्साहित है। इसमें पवन कल्याण और इमरान हाशमी दिखेंगे। इस बड़े त्योहार के मौके पर तमिल, तेलुगु और हिंदी में कई अन्य फिल्में भी आएंगी। इनमें एस एस राजामौली की ब्लॉकबस्टर ‘बाहुबली’ भी शामिल है, जो अक्टूबर के अंत में दोबारा दिखाई जाएगी।
हालांकि, मुक्ता आर्ट्स के प्रबंध निदेशक राहुल पुरी का कहना है कि ये सभी अमूमन दीवाली के मौके पर प्रदर्शित होने वाली फिल्म नहीं लग रही हैं। दीवाली पर प्रदर्शित होने वाली फिल्में आमतौर पर भव्य होती हैं, जिनमें बड़े सुपरस्टार होते हैं। पीवीआर-आईनॉक्स के कार्यकारी निदेशक संजीव बिजली कहते हैं,‘उन दिनों को याद करें जब दीवाली केवल शाहरुख खान, आमिर खान या सलमान खान के लिए होती थी। उसके बाद यह जगह रणबीर कपूर और रणवीर सिंह ने ले ली। मगर अब यह सब बदल गया है, क्योंकि अब फिल्में अभिनेता नहीं, बल्कि पटकथा एवं सामग्री पर निर्भर हैं।’
इससे दर्शकों के बदले मिजाज का भी पता चलता है। यह 20,000 करोड़ रुपये के भारतीय सिनेमा कारोबार में कोविड महामारी के बाद आए बड़े बदलाव को भी परिलक्षित करता है। स्ट्रीमिंग के उदय और दर्शकों की पसंद में परिवर्तन का ही नतीजा है कि ‘12वीं फेल’ और ‘सैयारा’ जैसी फिल्में अप्रत्याशित रूप से हिट साबित हुईं, जबकि हृतिक रोशन अभिनीत ‘फाइटर’ और वॉर2 बुरी तरह पिट गईं। यह फ्रैंचाइज़ी और सीक्वल पर बढ़ती निर्भरता को भी दर्शाता है। मिराज सिनेमाज के प्रबंध निदेशक भुवनेश मेंदीरत्ता कहते हैं, ‘पहली नजर में दीवाली कमजोर लगती है, लेकिन अगर इन फिल्मों पर एक साथ नजर दौड़ाएं तो सब कुछ दमदार लगता है।’ ‘स्त्री’ (1 और 2), ‘भेड़िया’ और ‘मुंज्या’ के बाद आ रही ‘थामा’ मैडॉक फिल्म्स की हॉरर-कॉमेडी सीरीज की पांचवीं फिल्म है। ‘थामा’ से पहले ये चारों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धुरंधर साबित हुई हैं। इस साल की शुरुआत में इसने 2025 (अब तक) की सबसे बड़ी हिट दी।
‘छावा’ ने भारतीय बॉक्स-ऑफिस पर लगभग 700 करोड़ रुपये कमाए। मैडॉक फिल्म्स ने फिल्म कारोबार को काफी रोमांचित कर दिया है। यह 20 अक्टूबर को रिलीज होने वाली ‘थामा’ पर दीवाली को रोशन करने के लिए बड़ा दांव खेल रही है। मैडॉक फिल्म्स के सीईओ और संस्थापक दिनेश विजान कहते हैं, ‘थामा दीवाली का बेहतरीन तोहफा है। यह वह फिल्म है जहां डर’ प्यार, मजा और हास्य सब कुछ है। यह फिल्म हर किसी को हंसी से लोटपोट कर देगी।’ ओरमैक्स मीडिया के सीईओ शैलेश कपूर कहते हैं, ‘उम्मीद है कि थामा बड़ी ओपनिंग करेगी, लेकिन यह कितने समय तक टिकेगी, यह रिलीज के बाद ही पता चलेगा। कांतारा – ए लीजेंड चैप्टर 1 भी मजबूत नजर आ रही है और 2025 की सबसे बड़ी फिल्म साबित हो सकती है। यह ‘छावा’ से आगे निकल सकती है, क्योंकि यह कई भाषाओं में प्रदर्शित होगी।’ यह 2022 की ब्लॉकबस्टर कांतारा का प्रीक्वल है।’ पुरी कहते हैं, ‘पिछले साल की तुलना में सिनेमा कारोबार बेहतर कर रहा है।’ ओरमैक्स के डेटा के अनुसार भारतीय फिल्मों ने 2025 के पहले छह महीनों में 7,175 करोड़ रुपये का राजस्व थिएटर से हासिल किया है। यह 2024 की इसी अवधि की तुलना में लगभग 22 प्रतिशत अधिक है। फिल्मों की आमदनी पिछले साल तक एक बड़ी समस्या थी मगर अब यह सुलझती दिख रही है। बिजली कहते हैं, ‘हमें बहुत सारी फिल्में मिल रही हैं, क्योंकि ओटीटी कंपनियां उन्हें आक्रामक रूप से नहीं खरीद रही हैं जैसा वे पहले खरीदा करती थीं।’
मेंदीरत्ता का मानना है कि फिल्म कारोबार पिछले तीन वर्षों से 12,000 करोड़ रुपये पर ठिठक गया है, मगर इस बार यह 14,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।’ थिएटर या बॉक्स-ऑफिस राजस्व की हिस्सेदारी कुल राजस्व में 60-70 प्रतिशत होती है। शेष 30-40 प्रतिशत राजस्व टीवी, स्ट्रीमिंग, संगीत और विदेशी अधिकारों से आता है।
विश्लेषकों का कहना है कि इस साल फिल्म कारोबार बड़े स्टारों के बिना ही आगे बढ़ा है। विश्लेषक दीवाली पर प्रदर्शित होने वाली फिल्मों के प्रति जुनून पर भी सवाल उठाते हैं। कपूर कहते हैं, ‘दीवाली का महीना जैसी कोई चीज नहीं है क्योंकि यह त्योहार अक्टूबर एवं नवंबर में आता है। आप वास्तव में यह तय नहीं कर सकते कि दीवाली महीना कब शुरू करना है और कब खत्म। दक्षिण में दीवाली से बड़ा दशहरा होता है। केरल के लिए ओणम बड़ा मौका होता है। पूरे देश में दीवाली के मौके पर प्रदर्शित होने वाली फिल्मों की तुलना करना बेतुका है।’ बिजली आगे कहते हैं, ‘न केवल अक्टूबर/दीवाली का समय बल्कि पूरी तिमाही (अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर) हमेशा कारोबार के लिहाज से अच्छी रही है। इसमें दीवाली, क्रिसमस और अन्य सभी छुट्टियां शामिल हैं।’ नवंबर और दिसंबर दोनों महीनों में जेम्स कैमरून की अवतार- फायर ऐंड एश और आदित्य धार की धुरंधर सहित अन्य फिल्में शामिल हैं।’ अगर फिल्म कारोबार 2025 के अंत तक वास्तव में बढ़ता है तो यह भारतीय सिनेमा उद्योग के लिहाज से सबसे अच्छा संकेत होगा।