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Allahbadia-Raina कंट्रोवर्सी, Social Media पर बवाल के बाद OTT प्लेटफॉर्म पर ये हुआ सरकार का एक्शन

क्या है सूचना- प्रसारण मंत्रालय की एडवायजरी? क्या बोला था सुप्रीम कोर्ट? OTT प्लेटफॉर्म पर अश्लील- पोर्नोग्राफिक कंटेंट, नशे का महिमामंडन पर क्या हुई थी कार्रवाई? जानें...

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निमिष कुमार   
Last Updated- February 20, 2025 | 7:28 PM IST

सोशल मीडिया पर अश्लील चुटकुलों को लेकर उपजे विवाद के बीच, केंद्र ने ओटीटी मंचों को कानून द्वारा निषिद्ध सामग्री प्रसारित करने से परहेज करने को कहा है। ओटीटी(ओवर-द-टॉप) मंचों और स्व-नियामक संस्थाओं को जारी एक परामर्श में, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने उन्हें सामग्री प्रकाशित करते समय आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) नियम-2021 के तहत निर्धारित आचार संहिता का सख्ती से पालन करने को कहा है, जिसमें सामग्री के आयु-आधारित वर्गीकरण का कड़ाई से पालन करना भी शामिल है।

मंत्रालय ने ओटीटी मंचों के स्व-नियामक संस्थाओं को आचार संहिता के उल्लंघन पर सक्रियता से उपयुक्त कार्रवाई करने को भी कहा। मंत्रालय ने कहा कि उसे कुछ ओटीटी और सोशल मीडिया मंचों द्वारा अश्लील सामग्री का कथित तौर पर प्रसार किये जाने के बारे में सांसदों और वैधानिक संगठनों से शिकायतें मिली हैं। साथ ही, जन शिकायतें भी मिली हैं।

परामर्श में कहा गया है, ‘‘इन बातों के मद्देनजर यह सलाह दी जाती है कि ओटीटी मंच सामग्री प्रसारित करते समय, कानूनों के विभिन्न प्रावधानों और आईटी नियम, 2021 के तहत निर्धारित आचार संहिता का पालन करें, जिसमें आचार संहिता के तहत निर्धारित सामग्री के आयु-आधारित वर्गीकरण का कड़ाई से पालन करना भी शामिल है।’’

इसमें कहा गया है कि आचार संहिता में अन्य बातों के साथ-साथ ओटीटी मंच से यह अपेक्षा की जाती है कि वे कानून द्वारा निषिद्ध किसी भी सामग्री को प्रसारित न करें। साथ ही, नियमों की अनुसूची में दिए गए सामान्य दिशानिर्देशों के आधार पर सामग्री का आयु-आधारित वर्गीकरण करें तथा उचित सावधानी एवं विवेक का प्रयोग भी करें।

यह परामर्श उच्चतम न्यायालय द्वारा सोशल मीडिया मंच पर सामग्री का विनियमन करने के सुझाव के मद्देनजर जारी किया गया है। शीर्ष अदालत ने यूट्यूब जैसे मंच पर सामग्री साझा करने के मामले में कानून में प्रावधान के अभाव को रेखांकित किया था।

OTT मामले में क्या बोला था सुप्रीम कोर्ट –

अक्टूबर, 2024 में उच्चतम न्यायालय ने ‘ओवर-द-टॉप’ (OTT) एवं अन्य मंचों पर सामग्री की निगरानी तथा वीडियो के नियमन के लिए एक स्वायत्त निकाय स्थापित करने का निर्देश देने के अनुरोध से संबंधित जनहित याचिका को खारिज कर दिया था। ओवर-द-टॉप सीधे इंटरनेट के माध्यम से दर्शकों प्रदान की जाने वाली मीडिया सेवा है।

तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश (CJI) डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ (Supreme Court Bench) ने कहा कि इस तरह के मुद्दे कार्यपालिका के नीति निर्माण क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं और इसके लिए विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श की आवश्यकता होती है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘जनहित याचिकाओं की यही समस्या है। सभी जनहित याचिकाएं अब नीतिगत (मामलों) पर दायर की जाती हैं और हम वास्तविक जनहित याचिकाओं को छोड़ देते हैं।’’

जनहित याचिका दायर करने वाले वकील शशांक शेखर झा ने याचिका वापस लेने और अपनी शिकायतों को लेकर संबंधित केंद्रीय मंत्रालय से संपर्क करने की अनुमति देने का अनुरोध किया। इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘नहीं, याचिका खारिज की जाती है।’’

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि इसके लिए एक वैधानिक फिल्म प्रमाणन निकाय – केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) मौजूद है, जिसे सिनेमैटोग्राफ अधिनियम के तहत फिल्मों के सार्वजनिक प्रदर्शन को विनियमित करने का काम सौंपा गया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि सिनेमैटोग्राफ कानून सार्वजनिक स्थानों पर दिखाई जाने वाली व्यावसायिक फिल्मों के लिए एक सख्त प्रमाणन प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार करता है।

OTT प्लेटफॉर्म्स को लेकर क्या थी जनहित याचिका (PIL)-

जनहित याचिका में इस तरह के नियामक तंत्र की आवश्यकता पर जोर देते हुए ‘नेटफ्लिक्स’ पर प्रसारित ‘आईसी 814: द कंधार हाईजैक’ सीरीज का भी उल्लेख किया गया है। हालांकि, ओटीटी प्लेटफॉर्म का दावा है कि यह सीरीज वास्तविक जीवन की घटनाओं पर आधारित है। जनहित याचिका के अनुसार, ‘‘ओटीटी’ सामग्री की निगरानी / विनियमन के लिए ऐसा कोई निकाय उपलब्ध नहीं है और वे केवल स्व-नियमन से बंधे हैं जिन्हें ठीक से संकलित नहीं किया गया है और विवादास्पद सामग्री बिना किसी जांच तथा संतुलन के, बड़े पैमाने पर लोगों को दिखाई जाती है।’’

जनहित याचिका में कहा गया है कि 40 से अधिक ‘ओटीटी’ और ‘वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म’ नागरिकों को ‘‘भुगतान, विज्ञापन-समावेशी और मुफ्त सामग्री’’ प्रदान कर रहे हैं और अनुच्छेद 19 में दिए गए अभिव्यक्ति के अधिकार का दुरुपयोग कर रहे हैं।

OTT प्लेटफॉर्म पर नशीले पदार्थों के उपयोग के महिमामंडन पर सख्त हुई सरकार –

दिसंबर, 2024 में सरकार ने ओटीटी मंचों को आगाह किया था कि यदि वे ऐसी सामग्री प्रसारित करते हुए पाए गए जो मुख्य पात्र और अन्य अभिनेताओं के माध्यम से नशीले पदार्थों (Drugs) के उपयोग को अनजाने में बढ़ावा देती है या उन्हें महिमामंडित करती है तो उनके खिलाफ नियामक संबंधी जांच की जाएगी।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ओटीटी मंचों के लिए जारी किए गए परामर्श (Advisory) में कहा था कि इस तरह के चित्रण के, खासकर युवा और संवेदनशील दर्शकों पर संभावित प्रभाव के मद्देनजर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। परामर्श में ओटीटी मंचों (OTT Platforms) के लिए आचार संहिता का हवाला देते हुए उन्हें सामग्री की समीक्षा के दौरान उचित सावधानी बरतने और किसी भी कार्यक्रम में नशीले पदार्थों के उपयोग का चित्रण करते समय अस्वीकरण या उपयोगकर्ता चेतावनी जारी करने के लिए कहा गया है।

अश्लील- पोर्नोग्राफिक कंटेंट के चलते 18 OTT प्लेटफॉर्म किए थे ब्लॉक-

मार्च, 2024 में सूचना और प्रसारण मंत्रालय (I&B) ने विभिन्न मध्यस्थों के साथ मिलकर 18 ओटीटी प्लेटफार्मों को ब्लॉक करने की कार्रवाई की थी जो अश्लील कंटेंट और कुछ मामलों में पोर्नोग्राफिक कंटेंट पब्लिश कर रहे थे। इसके अलावा, भारत में 19 वेबसाइटें, 10 ऐप्स (Google Play Store पर 7, Apple App Store पर 3) और इन प्लेटफॉर्म से जुड़े हुए 57 सोशल मीडिया अकाउंट डिसेबल कर दिए गए थे।

12 मार्च, 2024 को ठाकुर ने घोषणा की थी कि अश्लील कंटेंट दिखाने वाले 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म बंद कर दिए गए हैं। यह फैसला विभिन्न सरकारी विभागों, मीडिया और मनोरंजन के डोमेन एक्सपर्ट, महिला अधिकारों और बाल अधिकारों के विशेषज्ञों के इनपुट के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत लिया गया। इन प्लेटफार्मों पर ज्यादातर कंटेंट अश्लील प्रकृति का पाया गया, जिसमें महिलाओं को अपमानजनक तरीके से दिखाया गया और शिक्षक-छात्र संबंधों और अनाचारपूर्ण पारिवारिक परिदृश्यों जैसी अनुचित स्थितियों में नग्नता और यौन कृत्यों को दिखाया गया। इसमें यौन चुटकुले और कभी-कभी, बिना किसी सही संदर्भ के स्पष्ट यौन कंटेंट के लंबे सीन भी शामिल थे।

एक ओटीटी ऐप के गूगल प्ले स्टोर पर 10 मिलियन से अधिक डाउनलोड थे, और दो अन्य के 5 मिलियन से अधिक डाउनलोड थे। इसके अलावा, इन ओटीटी प्लेटफार्मों ने दर्शकों को अपनी वेबसाइटों और ऐप्स पर आकर्षित करने के लिए ट्रेलर, खास सीन और लिंक शेयर करने के लिए सोशल मीडिया का भारी उपयोग किया। उनके सोशल मीडिया अकाउंट के संयुक्त फॉलोअर्स की कुल संख्या 3.2 मिलियन से ज्यादा है।

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First Published : February 20, 2025 | 7:28 PM IST