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NEET-UG 2024: फिजिक्स के एक सवाल को जांचने के लिए बनाएं एक्सपर्ट टीम, सुप्रीम कोर्ट ने IIT Delhi को दिया आदेश

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि इससे सफल उम्मीदवारों की अंतिम मेरिट सूची पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।

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संकेत कौल   
Last Updated- July 22, 2024 | 7:43 PM IST

NEET-UG 2024: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली को ग्रेजुएशन के लिए भारत की सबसे बड़ी मेडिकल परीक्षा NEET-UG 2024 के लिए परीक्षा में पूछे गए एक विशेष फिजिक्स के सवाल की जांच के लिए तीन विशेषज्ञों की टीम (three experts team) गठित करने का आदेश दिया।

यह आदेश तब आया जब सुप्रीम कोर्ट ने कुछ उम्मीदवारों के इस दावे को नोट किया कि फिजिक्स के पेपर में ‘परमाणु और इसकी विशेषताओं’ (atoms and its characteristics) पर सवाल के दो सही उत्तर थे और जिन परीक्षार्थियों ने इन दो सही उत्तरों में से एक विशेष उत्तर दिया था, उन्हें चार अंक दिए गए।

मंगलवार देपहर तक रिपोर्ट सौंपेगी टीम

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI D Y Chandrachud) की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि इससे सफल उम्मीदवारों की अंतिम मेरिट सूची (NEET UG 2024 final merit list) पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। विशेषज्ञ टीम को मंगलवार दोपहर तक सही उत्तर पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।

फिजिक्स से सवाल का संदर्भ देते हुए बेंच ने कहा, ‘जैसा कि प्रश्न में संकेत दिया गया है, छात्रों को एक विकल्प को अपने उत्तर के रूप में चुनना था। सही उत्तर के संबंध में मुद्दे को हल करने के लिए, हमारा विचार है कि IIT दिल्ली से विशेषज्ञ राय ली जानी चाहिए।’ सुप्रीम कोर्ट की बेंच मंगलवार को मेडिकल प्रवेश परीक्षा से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई फिर से शुरू करेगी।

NEET-UG 2024 की परीक्षा रद्द करने पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट

बेंच ने याचिकाकर्ताओं से भी कहा, जो NEET-UG 2024 की रद्द करने की मांग कर रहे हैं, वे यह साबित करें कि परीक्षा के आयोजन में ‘प्रणालीगत विफलता’ (systemic failure) थी। उनसे डेटा प्रेजेंट करने को कहा गया है जिससे यह तय हो सके कि प्रश्न पत्र का लीक होना ‘व्यापक’ था और पूरे देश में था।

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के झज्जर में परीक्षा केंद्रों पर कुछ छात्रों को अतिरिक्त अंक और समय देने के मामले पर भी सवाल उठाए। बेंच ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) से झज्जर और अन्य स्थानों पर जहां ‘गलत’ प्रश्न पत्र बांटे गए थे, कुछ छात्रों को अतिरिक्त अंक (ग्रेस मार्क्स) और समय देने पर एक नोट देने को कहा।

टॉप कोर्ट के आदेश उन विवादों के बीच आ रहे है जब पूरे भारत में मेडिकल प्रवेश परीक्षा में बड़े पैमाने पर प्रश्न पत्र लीक और धोखाधड़ी के आरोप लगाए जा रहे हैं।

बेंच मौजूदा समय में 40 से अधिक याचिकाओं की सुनवाई कर रही है, जिनमें परीक्षा रद्द करने, फिर से परीक्षा और बड़े पैमाने पर गलत कदमों के आरोपों की जांच के लिए कोर्ट द्वारा निगरानी में जांच की मांग वाली याचिकाएं और NTA द्वारा कई हाई कोर्ट में उसके खिलाफ लंबित मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिकाएं शामिल हैं।

First Published : July 22, 2024 | 7:43 PM IST