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क्या हुआ प्रसारण संहिता का !

Last Updated- December 05, 2022 | 5:11 PM IST

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सरकार से टेलीविजन कार्यक्रमों व विज्ञापन संहिता पर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। 


सरकार ने इससे पहले टेलीविजन कार्यक्रमों और विज्ञापनों में अश्लील प्रसारण के खिलाफ एक जनहित याचिका पर यह संहिता अदालत में प्रस्तुत की थी। कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।


प्रसारण मीडिया उद्योग इस घटनाक्रम पर बहुत संभल कर चल रहा है क्योंकि सरकार के स्व नियमन वाले दिशानिर्देशों और कंटेंट कोड में दो बड़े टेलीविजन चैनल के प्रतिनिधियों के संगठनों के सुझावों को शामिल नहीं किया गया है। इनमें समाचार के लिए द न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन(एनबीए) और सामान्य मनोरंजन व आला चैनलों के संगठन इंडियन ब्रॉडकास्टिंग शामिल हैं। सुनवाई के दौरान एनबीए भी मौजूद था।


उसने कहा कि वह स्व-नियमन के लिए दिशानिर्देश तैयार कर रहा है, जिसे सरकार को दिया जाएगा। एनबीए के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने न्यायालय में कहा है कि हमें एक किनारे धकेल दिया गया है। हमारे सुझावों पर अवश्य ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि मनोरंजन चैनलों की तुलना में हमारे हित अलग हैं।’

First Published - March 27, 2008 | 10:51 PM IST

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