ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इसके साथ ही पैसे देकर प्रोडक्ट की तारीफों के पुल बांधने वाले झूठे रिव्यू का चलन भी बढ़ता जा रहा है। ग्राहक कई बार फर्जी रिव्यू के झांसे में आकर खरीदारी कर लेते हैं और बाद में उन्हें पछताना पड़ता हैं। अगर आप भी ई-कॉमर्स साइट पर रिव्यू देखकर प्रोडक्ट खरीदने का फैसला लेते हैं तो यह खबर आपके लिए ही है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) अब इस तरह के फर्जी रिव्यू पर नकेल कसने की तैयारी में है।
रिवॉर्ड्स के आधार पर दी गई रेटिंग्स नहीं होगी शामिल
सरकार फर्जी रिव्यू पर नकेल कसने की तैयारी में है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने इसके लिए एक मसौदा जारी करके सभी हितधारकों से 10 नवंबर तक सुझाव मांगा है। ई-कॉमर्स साइटें बेहतर रिव्यू देने के लिए रिवॉर्ड्स (पैसा) देती है। रिव्यू के तौर-तरीकों में पारदर्शिता लाने के रिवॉर्ड्स के आधार पर दी गई रेटिंग्स को रिव्यू में शामिल नहीं किया जाएगा।
अलग से दिखाना होगा रिवॉर्ड वाले रिव्यू
भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा तैयार मसौदे में कहा गया है कि ई-कॉमर्स साइटें किसी भी प्रोडक्ट या सर्विस की रेटिंग में रिवॉर्ड्स या भुगतान के आधार पर दी गई रेटिंग्स को नहीं जोड़ सकेंगे। इसके अलावा रिवॉर्ड के आधार पर दी गई रेटिंग को अलग से दर्शाया होगा जिससे ग्राहक उसे बाकी रिव्यू से अलग पहचान सकें। नए नियम में ई-कॉमर्स साइटों को रिव्यू देने वाले ग्राहक का पता दिखाना होगा। जबकि पहले ऐसा नहीं होता था।