दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को उसकी शुरुआत से ही ऋण मुहैया कराने वाली जापान इंटरनैशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जिका) बीते समय में दिल्ली मेट्रो के साथ वित्तीय समस्या का सामना करने के बावजूद आगामी मेट्रो गलियारे को भी कर्ज प्रदान करने पर विचार कर रही है।
जिका के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नाकाजावा केइचिरो ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा कि यात्रियों की तादाद बढ़ने से दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की आय में सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘हम दिल्ली मेट्रो के साथ 20 साल से जुड़े हुए हैं और हमें जापान-भारत की इस साझेदारी पर गर्व है। कुछ वित्तीय मसले हैं जिन्हें हल किया जाना है लेकिन यह परियोजना दोनों देशों के सहयोग के लिए महत्त्वपूर्ण है।’
जिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि जिका डीएमआरसी के चौथे चरण के विस्तार के तहत आगाती तीन गलियारों के लिए पूंजी मुहैया कराने पर विचार कर रही है। डीएमआरसी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मेट्रो रेल नेटवर्क के चौथे चरण का विकास कर रही है। करीब 24,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से चौथे चरण में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के उन हिस्सों को परिवहन ढांचे से जोड़ा जाएगा जो अभी मेट्रो नेटवर्क से नहीं जुड़े हैं।
हालांकि इस चरण के विस्तार में कई चुनौतियां भी हैं जैसे कि महामारी के कारण लागत बढ़ना, बुनियादी ढांचे की समस्या और डीएमआरसी की कमजोर वित्तीय स्थति। इस चरण में प्रमुख परियोजनाओं में नई ‘सिल्वर लाइन’ है जो एरोसिटी को तुगलकाबाद से जोड़ेगी। इस चरण में छह लाइन का विस्तार किया जाएगा जिसकी कुल लंबाई 103.93 किलोमीटर होगी, जिनमें से 61 किलोमीटर को प्राथमिकता वाले गलियारे के तौर पर चुना गया है।
डीएमआरसी ने हाल ही में कानूनी दस्तावेज में कहा था कि वह वित्तीय संकट से जूझ रही है। यह मामला रिलायंस इन्फ्रा दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस को 7,000 करोड़ रुपये का भुगतान किए जाने के लंबित मध्यस्थता आदेश से संबंधित है। डीएमआरसी ने सर्वोच्च न्यायालय में दायर हलफनामे में कहा कि कंपनी वित्तीय संकट से जूझ रही है और अगर वह कर्ज जुटाने का प्रयास करती है तो वह ब्याज और कर्ज अदा करने में सक्षम नहीं होगी और कर्ज के भंवर में फंस जाएगी।
इस कानूनी मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जिका इंडिया कार्यालय के मुख्य प्रतिनिधि साइतो मित्सनोरी ने कहा, ‘कानूनी मामले का नतीजा चाहे जो भी हो, डीएमआरसी की वित्तीय व्यवहार्यता मजबूत है, जैसा कि डीएमआरसी प्रबंधन ने हमें बताया है। यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ वह आय बढ़ाने की कोशिश कर रही है।’ पिछले साल मार्च में जिका ने चौथे चरण के लिए तीन गलियारों को पूंजी मुहैया कराने के लिए भारत सरकार के साथ 8,000 करोड़ रुपये के ऋण अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।