स्वच्छ भारत मिशन-शहरी व अटल मिशन के दूसरे चरण की शुरुआत

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 12:36 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्वच्छ भारत मिशन-शहरी’ और कायाकल्प एवं शहरी सुधार के लिए ‘अटल मिशन’ के दूसरे चरण की शुक्रवार को शुरुआत की। उन्होंने कहा कि इन मिशनों का उद्देश्य शहरों को कचरा मुक्त और पानी सुरक्षित बनाना है। मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) 2.0 और अमृत 2.0 की शुरुआत करने के बाद एक भाषण में कहा कि ये अभियान भीमराव आंबेडकर के सपने पूरे करने की दिशा में एक और कदम है। यहां आंबेडकर इंटरनैशनल सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने प्रमुख मिशन की शुरुआत की।
मोदी ने कहा, ‘यह हमारा सौभाग्य है कि आज का कार्यक्रम बीआर आंबेडकर सेंटर में आयोजित किया गया। बाबा साहेब का मानना था कि शहरी विकास असमानता को दूर करने में महत्त्वपूर्ण है।’ उन्होंने कहा कि कई लोग बेहतर जीवन के लिए गांवों से शहरों में आते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें रोजगार तो मिल जाता है लेकिन उनका जीवन स्तर गांव से भी खराब हो जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दोहरी मार की तरह है क्योंकि वे घर से दूर हैं, और ऐसी स्थिति में रहते हैं। बाबासाहेब ने इस स्थिति को बदलने को लेकर काफी जोर दिया। मोदी ने कहा कि युवा पीढ़ी ने स्वच्छता अभियान को बेहतर बनाने के लिए काम किया। उन्होंने कहा, ‘टॉफी की पन्नी अब जमीन पर नहीं फेंकी जाती, बल्कि उसे जेब में रखा जाता है। छोटे बच्चे अब बड़ों से कूड़ा ना फैलाने को कहते हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमें ये याद रखना है कि स्वच्छता, एक दिन का, एक पखवाड़े का, एक साल का या कुछ लोगों का ही काम नहीं है। स्वच्छता हर किसी का, हर दिन, हर पखवाड़े, हर साल, पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाला महाअभियान है। स्वच्छता जीवनशैली है, स्वच्छता जीवन मंत्र है।’
उन्होंने कहा कि भारत हर दिन लगभग एक लाख टन कचरे का प्रसंस्करण कर रहा है, शहरों में कचरे के पहाड़ों को संसाधित किया जाएगा और दोनों अभियानों के नए चरणों के तहत इसे पूरी तरह से हटा दिया जाएगा। मोदी ने कहा कि 2014 में लोगों ने भारत को खुले में शौच मुक्त बनाने का संकल्प लिया और 10 करोड़ से अधिक शौचालयों के निर्माण के साथ इस संकल्प को पूरा किया। उन्होंने कहा कि देश प्रतिदिन लगभग 70 प्रतिशत कचरे का प्रसंस्करण कर रहा है और हमें इसे 100 प्रतिशत तक ले जाना है। उन्होंने शहरी विकास मंत्रालय के लिए बढ़ाए गए आवंटन के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले के सात वर्षों में मंत्रालय को लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये दिए गए थे, जबकि 2014 से सात वर्षों में मंत्रालय के लिए लगभग चार लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। सरकार के मुताबिक एसबीएम-यू 2.0 का परिव्यय करीब 1.41 लाख करोड़ रुपये है। देश में शहरों के विकास के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग भी लगातार बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने हाल में शुरू की गई ‘राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपिंग नीति’ का भी उल्लेख किया और बताया कि यह नीति तेज विकास की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। मोदी ने शहरी विकास से जुड़े कार्यक्रम में रेहड़ी-पटरी वालों और फेरीवालों को किसी भी शहर के सबसे महत्त्वपूर्ण साझेदारों में से एक बताया। उन्होंने दोहराया कि ‘पीएम स्वनिधि योजना’ इन लोगों के लिए आशा की एक नई किरण बनकर आई है। उन्होंने कहा कि 46 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वाले स्वनिधि योजना का लाभ लेने के लिए आगे आए हैं और 25 लाख लोगों को 2.5 हजार करोड़ रुपये मिले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ये विक्रेता डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दे रहे हैं और अपने ऋणों का भुगतान करने का बहुत अच्छा रिकॉर्ड बनाए हुए हैं।
उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों ने इस योजना को लागू करने का बीड़ा उठाया है। इस बीच प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि स्वच्छ भारत मिशन और अटल मिशन भारत में तेजी से शहरीकरण की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने की दिशा में एक कदम आगे बढऩे का संकेत देने के साथ-साथ सतत विकास लक्ष्य 2030 की उपलब्धि में योगदान करने में भी मददगार होंगे। स्वच्छ भारत मिशन सभी शहरों को ‘कचरा मुक्त’ बनाने और अटल मिशन के अंतर्गत आने वाले शहरों के अलावा अन्य सभी शहरों में धूसर और काले पानी के प्रबंधन को सुनिश्चित करने, सभी शहरी स्थानीय निकायों को खुले में शौच से मुक्त बनाने की परिकल्पना करता है, जिससे शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित स्वच्छता के लक्ष्य को पूरा किया जा सके।    

First Published : October 1, 2021 | 11:24 PM IST