प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि बीते छह सालों में देश में चौतरफा सुधार हुए हैं और पिछले कुछ महीनों से इसकी गति और दायरे दोनों को बढ़ाया गया है ताकि 21वीं सदी भारत की हो। मैसूर विश्वविद्यालय के शताब्दी दीक्षांत समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बीते छह सालों में बहुत सारे सुधार हुए हैं और कई क्षेत्रों में सुधार हुए है। इतने सुधार पहले कभी नहीं हुए। पहले कुछ फैसले होते भी थे तो वह किसी एक क्षेत्र में होते थे और दूसरे क्षेत्र छूट जाते थे।’
कृषि के क्षेत्र में किए गए हालिया सुधारों, शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए लाई गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, मजदूरों के लिए लाए गए श्रम सुधार सहित अन्य सुधारों की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि ये सुधार इसलिए किए जा रहे है ताकि यह दशक भारत का दशक बने।
उन्होंने कहा, ‘पिछले छह-सात महीने से सुधार की गति और दायरा दोनों बढ़ रहा है। खेती हो या अंतरिक्ष, रक्षा का क्षेत्र हो या उड्डयन का क्षेत्र, श्रम हो या फिर कोई और क्षेत्र, हर क्षेत्र में जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं।’
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के फायदों के बारे में मोदी ने कहा यह ‘प्री नर्सरी से लेकर पीएचडी’ तक देश की पूरी शिक्षा व्यवस्था में मौलिक बदलाव लाने वाला बड़ा अभियान है।
उन्होंने कहा कि छह सालों के भीतर सात नए भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), 15 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), हर साल एक नया भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और 16 नए भारतीय सूचना और प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना की गई है।
उन्होंने कहा, ‘वर्ष 2014 से पहले देश में 13 आईआईएम ही थे। इसी तरह करीब छह दशक तक देश में सिर्फसात एम्स देश में सेवाएं दे रहे थे। साल 2014 के बाद इससे दोगुने यानि 15 एम्स देश में या तो स्थापित हो चुके हैं या फिर शुरु होने की प्रक्रिया में हैं।
जीडीपी में गिरावट पर राहुल का निशाना
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एशिया के कई देशों के मुकाबले भारत की जीडीपी वृद्धि दर में ज्यादा गिरावट के अनुमान और प्रति 10 लाख आबादी पर कोरोनावायरस से होने वाली मौत से जुड़े आंकड़ों को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार पर परोक्ष रूप से निशाना साधा। उन्होंने आईएमएफ और कुछ अन्य स्रोतों का हवाला देते हुए ट्विटर पर कुछ आंकड़े साझा करते हुए कहा, ‘अर्थव्यवस्था को कैसे पूरी तरह नष्ट किया गया और तेजी से इतने ज्यादा लोग संक्रमित हो गए।’ भाषा