प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि खपत के तरीकों पर फिर से विचार करने की जरूरत है, जिससे इसका पारिस्थितिक असर कम किया जा सके, क्योंकि खपत पर केंद्रित आर्थिक मॉडलों की वजह से ग्रह पर दबाव बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ इतना ही पर्याप्त नहीं है कि हम उत्पादन प्रक्रिया को ज्यादा कुशल और कम प्रदूषणकारी बनाएं।
उन्होंने कहा कि रीसाइक्लिंग और चीजों का फिर से इस्तेमाल, कचरे से बचाव और संसाधनों की कुशलता में सुधार हमारी जीवनशैली का हिस्सा होना चाहिए। इंडिया-ऑस्ट्रेलिया सर्कुलर इकोनॉमी हैकाथन (आई-एसीई) में मोदी ने कहा, ‘हमारी तमाम चुनौतियों के समाधान की दिशा में यह एक प्रमुख कदम है।’
उन्होंने कहा कि युवा न सिर्फ ऑस्ट्रेलिया और भारत के लिए टिकाऊ और समग्र समाधान निकाल सकते हैं, बल्कि वह पूरी दुनिया को इसका लाभ दे सकते हैं। कोविड के बाद की दुनिया को आकार देने में भारत और ऑस्ट्रेलिया की मजबूत साझेदारी अहम भूमिका निभा सकती है और युवा नवोन्मेषी व स्टार्टअप इस साझेदारी में सबसे आगे होंगे।