कैंब्रिज, मैसाच्यूसेट्स स्थित कंपनी मॉडर्ना इंक ने सोमवार को कहा कि कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने में उसका टीका 94.5 फीसदी प्रभावी साबित हुआ है और इसके अंतरिम आंकड़े बड़े पैमाने पर आखिरी चरण के परीक्षण पर आधारित हैं। इस तरह मॉडर्ना अमेरिका की दूसरी कंपनी है जिसने अपने टीके के आखिरी चरण में प्रभावी होने का डेटा पेश किया है। इससे पहले फाइजर और बायोटेक के टीके को एक अंतरिम विश्लेषण में 90 फीसदी प्रभावी पाया गया था। मॉडर्ना का अंतरिम विश्लेषण परीक्षण प्रतिभागियों के बीच 95 संक्रमणों पर आधारित है जिन्हें प्रायोगिक दवा या टीका दिया गया था। जिन्हें टीके दिए गए उनमें से केवल 5 ही संक्रमित हुए। यह टीका 28 दिनों के अंतराल में दो शॉट में दिया गया।
इन अंतरिम सुरक्षा और प्रभावकारिता डेटा के आधार पर मॉडर्ना आने वाले हफ्तों में अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) से आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (ईयूए) की अनुमति मांगना चाहती है और सुरक्षा तथा प्रभावकारिता डेटा (कम से कम 2 महीने की औसत अवधि के साथ) के जरिये ईयूए को सूचित करना चाहती है। मॉडर्ना वैश्विक नियामक एजेंसियों से भी अनुमति लेने के लिए आवेदन देने की योजना बना रही है।
फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना के टीके आरएनए तकनीक पर आधारित हैं जो एक ऐसी नई तकनीक है जिसका इस्तेमाल अब तक कभी भी अनुमोदित टीका तैयार करने के लिए नहीं किया गया है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के अनुसार, अमेरिका में दिसंबर तक आपातकालीन इस्तेमाल के लिए अधिकृत दो टीके हो सकते हैं जिनकी 6 करोड़ खुराक इस साल उपलब्ध होगी। 2021 में अमेरिका को इन दोनों टीका निर्माताओं से टीके की एक अरब से ज्यादा खुराक मिल सकती है। अमेरिका में 33 करोड़ निवासी हैं। ऐसे में देश में इस्तेमाल की तुलना में ज्यादा टीके की आपूर्ति हो सकती है। फाइजर पहले ही संकेत दे चुकी है कि वह भारत सरकार के साथ बातचीत को आगे बढ़ा रही है और इस टीके को भारत में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराने की संभावनाएं तलाश कर रही है।
फाइजर के प्रवक्ता ने हाल ही में बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया था कि इसने स्थापित टीका कंपनियों के साथ दो आपूर्ति शृंखला बनाई है जिनमें से एक अमेरिका और एक यूरोप में है ताकि विशेष रूप से दुनिया भर में इस्तेमाल के लिए इस टीके का निर्माण किया जा सके। इसने कहा कि इसकी प्राथमिकता तेजी से टीके तैयार करना और इसकी आपूर्ति सुनिश्चित करना है। 11 नवंबर को प्रकाशित रूस के स्पूतनिक वी टीके के आखिरी चरण के परीक्षण नतीजों से पता चलता है कि यह 92 फीसदी प्रभावी है। नवंबर या दिसंबर में ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय के साथ एस्ट्राजेनेका पीएलसी के डेटा जारी हो सकते हैं। जॉनसन ऐंड जॉनसन का कहना है कि इस साल इसके डेटा भी आ जाएंगे।
जब विकासशील देशों में टीके के वितरण की बात आती है तो मॉडर्ना को फाइजर पर बढ़त मिलने की संभावना है इसकी वजह तापमान से जुड़ी आवश्यकताएं हैं। मॉडर्ना के टीके को 30 दिनों के लिए 2 से 8 डिग्री सेल्सियस के सामान्य फ्रिज तापमान रखा जा सकता है और इसे -20 डिग्री सेल्सियस पर छह महीने तक संग्रहित किया जा सकता है। वहीं इसके मुकाबले फाइजर के टीके को -70 डिग्री सेल्सियस पर ही संग्रहित किया जा सकता है और भेजते वक्त भी इतना ही तापमान होना चाहिए। इसे एक मानक रेफ्रिजरेटर में पांच दिनों तक या थर्मल शिपिंग बॉक्स में 15 दिनों तक रखा जा सकता है। मॉडर्ना के पास अभी तक कोविड-19 का टीका बनाने या वितरित करने के लिए भारतीय साझेदार नहीं है। भारत अगले साल जनवरी-फरवरी से अपना व्यापक टीका अभियान शुरू कर सकता है और इसके लिए मुख्य रूप से एस्ट्राजेनेका और भारत बायोटेक के टीके पर दांव लगा हुआ है।
अभी तक कंपनी को शोध और विकास के लिए अमेरिकी सरकार से करीब 1 अरब डॉलर मिले हैं और अमेरिका को 10 करोड़ खुराक की आपूर्ति करने के लिए 1.5 अरब डॉलर का सौदा किया है। अमेरिकी सरकार के पास एक और 40 करोड़ खुराक का विकल्प भी है। कंपनी को उम्मीद है कि यह 2021 में 50 करोड़ से 1 अरब खुराक का उत्पादन कर लेगी जिसे अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय विनिर्माण स्थलों में तैयार किया जाएगा और यह मांग पर निर्भर है। अमेरिकी सरकार ने कहा है कि कोविड-19 के टीके अमेरिकियों को मुफ्त दिए जाएंगे चाहे उनके पास स्वास्थ्य बीमा हो या नहीं हो और उन्हें सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रम मेडिकेयर के द्वारा कवर किया जाएगा।
कंपनियां प्रायोगिक दवाइयों के मुकाबले अपने टीके का परीक्षण स्वस्थ लोगों में करके देख रही है ताकि यह अंदाजा मिले की कोविड-19 की संक्रमण दर उन लोगों में कितनी है जिन्हें टीका मिला है और जिन्हें डमी शॉट मिला है। इन परीक्षणों के नतीजे आने में कितना समय लगता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि जहां परीक्षण किए जा रहे हैं वहां वायरस कितना व्यापक है।
