दूरसंचार क्षेत्र में निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय डिजिटल संचार आयोग शनिवार को होने वाली बैठक में सबके लिए ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 15 अगस्त को भारत के 6 लाख गांवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से अगले 1000 दिनों में जोडऩे की घोषणा के मुताबिक यह प्रस्ताव होगा। इसके अलावा सबमैरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल का लक्षद्वीप तक विस्तार करके हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी देने का भी मकसद इसमें शामिल है।
इस मिशन से देश भर में, खासकर ग्रामीण व दूरस्थ इलाकों में एकसमान ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देने की योजना है। इसमें 30 लाख रूट किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछाना और टॉवर का घनत्व 2024 तक प्रति एक हजार आबादी पर 0.42 से बढ़ाकर 1 टॉवर करना शामिल है।
यह भी माना जा रहा है कि डीसीसी ऑपरेटरों द्वारा सीमावर्ती इलाकों में टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के मसले पर भी विचार कर सकता है। मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा कि सुरक्षा के हिसाब से व्यवधान है, हालांकि इसे लेकर बहुत साफ निर्देश हैं, लेकिन कंपनियां स्थिति का लाभ उठाते हुए अनुमति प्राप्त सीमा से अधिक बुनियादी ढांचे का विस्तार करती हैं।
मौजूदा राइट आफ वे (आरओडब्ल्यू) नीति में संशोधन भी एक प्रस्ताव है, जिस पर बैठक में चर्चा होनी है।
नई नीति को आरओडब्ल्यू नीति 2020 नाम दिए जाने की उम्मीद है।