महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Monsoon Session) के मानसून सत्र के पहले दिन राज्य में चल रही सियासी उठापटख का असर देखने को मिला।
सियासी चक्रव्यूव में सबसे बुरी तरह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विधायक फंसे हुए हैं। वह सदन के अंदर और बाहर समझ ही नहीं पा रहे हैं कि वह सत्तापक्ष के साथ खड़े हो या फिर विपक्ष की ताकत बने।
सदन के बाहर विपक्षी विधायकों ने विधान भवन की सीढ़ियों पर इकट्ठा होकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की लेकिन इस नारेबाजी में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विधायक शामिल नहीं हुए तो खेमेबाजी के चलते एनसीपी के बहुत कम विधायक सदन के अंदर गए। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार अपने विधायकों के साथ एक बार फिर शरद पवार से मुलाकात की तो विपक्ष के कान खड़े हो गए।
मानसून सत्र का पहला दिन नए मंत्रियों के परिचय और दिवंगत सदस्यों के श्रद्धांजलि के साथ खत्म हो गया। इस बार का मानसून सत्र कई मायनों में अलग है।
यह सत्र अहम
अजित पवार के एनसीपी में सेंध लगाने के बाद सरकार में शामिल होने की वजह से यह सत्र अहम है। वहीं शिवसेना के 16 विधायकों के मुद्दे पर भी विधानसभा अध्यक्ष को इसी सेशन में फैसला लेना है।
सत्र शुरु होने के पहले विपक्ष ने पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर और मुंबई कांग्रेस प्रमुख वर्षा गायकवाड़ की अगुवाई में विधायक विधान भवन की सीढ़ियों पर इकट्ठा हुए और सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
शिवसेना (उद्धव ) से केवल अंबादास दानवे इस प्रदर्शन में उपस्थित थे। वह राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता भी हैं। प्रदर्शन में शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी से कोई विधायक मौजूद नहीं था।
अजित पवार और उनके समर्थक विधायकों ने आज फिर शरद पवार से मुलाकात की। दो जुलाई को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार और उनके समर्थक विधायकों की दो दिन में यह दूसरी बैठक है।
बैठक में शामिल राज्यसभा सदस्य प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि वह और अजित पवार मंगलवार को दिल्ली में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बैठक में शामिल होंगे। पटेल ने कहा कि शरद पवार के साथ आज की बैठक में हमने उनसे फिर यह सुनिश्चित करने को कहा कि राकांपा एकजुट रहे। जो विधायक रविवार को हुई बैठक के दौरान शरद पवार से नहीं मिल सके थे, वे आज की मुलाकात में शामिल थे।
दरअसल एनसीपी विधायकों की स्थिति डामाडोल है और वो अभी भी दुविधा में हैं कि, वो शरद पवार का साथ दें या अजित पवार का। इसीलिए ज्यादात्तर विधायक दूरी बनाएं हुए हैं। राकांपा (शरद पवार गुट) के मुख्य सचेतक जितेन्द्र आव्हाड ने रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को एक पत्र लिखकर अजित पवार खेमे के सदस्यों तथा पार्टी के अन्य विधायकों के लिए इस सत्र के लिए अलग-अलग बैठने की व्यवस्था करने का अनुरोध किया था।
आव्हाड ने पत्र में कहा था कि सरकार में शामिल हो चुके अजित पवार समेत नौ विधायकों को छोड़कर शेष राकांपा विपक्ष का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि मंत्री पद की शपथ लेने वाले नौ विधायकों को छोड़कर अन्य के लिए अलग बैठने की व्यवस्था की जाए। राकांपा विपक्ष में है और हम विपक्ष में बैठना चाहते हैं।