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भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद

Last Updated- December 12, 2022 | 3:51 AM IST

पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गएं। उत्तर प्रदेश में कभी दमदार राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले प्रसाद कांग्रेस से नाराज चल रहे थे। प्रसाद ने अपने कुछ खास मित्रों को बताया था कि कांग्रेस में उनका व्यक्तिगत एवं राजनीतिक कद थम सा गया है। प्रसाद के अनुसार कांग्रेस में उनके लिए संभावनाएं नजर नहीं आ रही हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने उन्हें संगठन स्तर पर प्रबंधन देखने के लिए भेजा था। उस समय प्रसाद उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण चेतना यात्रा कर रहे थे।
कांग्रेस से उनकी सख्त नाराजगी बतौर भाजपा नेता पहले ही संवाददाता सम्मेलन में दिख गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उनकी अनदेखी की और उचित सम्मान नहीं दिया। प्रसाद ने कहा, ‘मुझे लगने लगा कि जब आप अपने लोगों के हितों की रक्षा नहीं कर सकते और उनके लिए काम नहीं कर सकते तो फिर ऐसी पार्टी में बने रहने का मतलब ही क्या है। मुझे लगा कि मैं कांग्रेस में लोगों के लिए काम नहीं कर पा रहा था।’
हालांकि कांग्रेस के लोग भी यह पूछने से पीछे नहीं हट रहे हैं कि आखिर प्रसाद ने पार्टी में क्या योगदान दिया। इन नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें कई राजनीतिक अवसर दिए और केंद्र में राज्य मंत्री तक बनाया लेकिन प्रसाद ने पार्टी के लिए कुछ नहीं किया। 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रसाद ने धौराहा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। भाजपा की रेखा वर्मा ने उन्हें 1.6 लाख मतों के अंतर से हराया। प्रसाद अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए।
इस बीच, भाजपा को लग रहा है कि प्रसाद के पार्टी में आने से ब्राह्मण मतदाता पार्टी की ओर लौट जाएंगे। लंबे समय से भाजपा का साथ दे रहे ब्राह्मण मतदाता मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की राजनीतिक कार्य शैली से नाराज चल रहे हैं। आदित्यनाथ अफसरशाही एवं पुलिस में और शीर्ष राजनीतिक पदों पर ठाकुर समुदाय के लोगों को नियुक्त कर रहे हैं और यह बात ब्राह्मण मतदाताओं को रास नहीं आ रही है। भाजपा में प्रसाद के आने के बाद उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और अधिकारी से राजनेता बने ए के शर्मा को एक नया प्रतिस्पद्र्धी मिल गया है। प्रसाद को उम्मीद है कि भाजपा उन्हें राज्य सभा भेज सकती है लेकिन पार्टी उन्हें पहले आगामी राज्य विधानसभा का चुनाव लडऩे के लिए कह सकती है। कुल मिलाकर, राज्य की राजनीति और अधिक दिलचस्प हो गई है।

First Published - June 9, 2021 | 11:11 PM IST

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