राजमार्गों पर आवाजाही सामान्य होने में लगेगी अभी और एक तिमाही

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 2:33 AM IST

अप्रैल और मई की तुलना में भारत के राजमार्गों पर अब ज्यादा वाहन चल रहे हैं। बहरहाल यातायात के आंकड़ों से पता चलता है कि रिकवरी असमान है और अभी पूरी तरह रिकवरी में मॉनसून खत्म होने का इंतजार करना पड़ सकता है। सड़क डेवलपर भी पूरी रिकवरी और सालाना वृद्धि के लिए अंतिम दो तिमाहियों पर उम्मीद लगाए बैठे हैं।

रेटिंग एजेंसी इक्रा ने हाल की एक रिपोर्ट में कहा है कि अगस्त के पहले दो सप्ताह में ई-वे बिल का सृजन पिछले साल की समान अवधि की तुलना  में 91 प्रतिशत रहा है। यह सुधार अहम है, क्योंकि मई महीने में पिछले साल की तुलना में 47 प्रतिशत सृजन हुआ था। नोट मेंं कहा गया है कि रिकवरी की गति अगर बरकरार रहती है तो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं से कुल मिकार कर संग्रह में कमी पूरे साल के लिए 10 प्रतिशत से कम रह सकती है।

बहरहाल रिकवरी में भी सुस्ती के संकेत मिल रहे हैं। जून में बिल का सृजन पहले ही 93 प्रतिशत पर था। क्या परिवहन में सुधार बिगड़ रहा है? सड़क डेवलपर इस सुस्ती का दोष मॉनसून और स्थानीय लॉकडाउन को दे रहे हैं।

अशोका बिल्डकॉन के प्रबंध निदेशक सतीश पारेख ने कहा, ‘तिमाही आधार पर टोल संग्रह 90 प्रतिशत से ज्यादा पर पहुंच चुका है। यह मुख्य रूप से निजी वाहनों के बजाय वाणिज्यिक वाहनों की आवाजाही की वजह से हो रहा है। अगस्त महीने में आवाजाही मॉनसून की वजह से प्रभावित हुई है। हम उम्मीद कर सकते हैं कि वित्त वर्ष 21 की दूसरी छमाही में यातायात में सालाना बढ़ोतरी दर्ज होगी।’

आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक वीरेंद्र म्हाइस्कर ने कहा, ‘दीपावली के आसपास और तीसरी तिमाही के अंत तक हम कोविड के पहले की स्थिति में पहुंच जाएंगे। मैं उम्मीद कर रहा हूं कि इसके पहले की तिमाही में भी कुछ वृद्धि होगी।’

जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी कंपनियों के मामले में ट्रैफिक में सुधार की धारणा ऐसी ही है। कंपनी की प्रस्तुति से उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर हैदराबाद विजयवाड़ा मार्ग पर अगस्त महीने में कोविड के पहले की तुलना में 84 प्रतिशत यातायात बहाल हो गया है, जो जुलाई में 85 प्रतिशत था। कंपनी के अंबाला-चंडीगढ़ एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक अगस्त में कोविड के पहले की तुलना में 78 प्रतिशत और जुलाई में 75 प्रतिशत था।

इक्रा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अनलॉक के दौरान कोविड-19 संक्रमण बढऩे से स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन कई राज्यों में लगे हैं और तमाम इलाकों में भारी मॉनसूनी बारिश हुई है, जिसकी वजह से जुलाई के पहले पखवाड़े में यातायात बाधित हुआ है।

क्षेत्र के आधार पर भी रिकवरी में असमानता नजर आती है। आईआरबी के म्हाइस्कर इससे असहमत हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारी कई परियोजनाओं में यातायात 85 से 90 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जबकि महाराष्ट्र के कुछ अन्य इलाकों में जहां यातायात कम था, अब स्थिति सुधर रही है, क्योंकि ई-पास संबंधी प्रतिबंध हटा लिए गए हैं।’

इक्रा ने कहा है कि तमिलनाडु जैसे राज्यों में स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन के कारण कर संग्रह पर बुरा असर पड़ा है, जहां जुलाई में यातायात कोविड के पहले के स्तर की तुलना में 65 से 75 प्रतिशत के बीच रहा है।

पीएनसी इन्फ्राटेक के अधिकारियों को अब उम्मीद है कि मॉनसून के बाद ही रिकवरी हो पाएगी। आनंद राठी से जुड़े विश्लेषकों ने अगस्त में कंपनी पर अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘संग्रह कोविड के पहले के स्तर के 90 प्रतिशत तक हो रहा है, जो वाणिज्यिक वाहनों के चालू होने की वजह से है। कोविड के पहले से स्तर पर मॉनसून के बाद पहुंचने की उम्मीद है।’

First Published : September 4, 2020 | 11:52 PM IST