facebookmetapixel
Angle One AMC ने उतारा देश का पहला स्मार्ट बीटा फंड, ₹1,000 की SIP से शुरू करें निवेशLenskart IPO: 5 घंटे से कम में ही फुली सब्सक्राइब्ड, वैल्यूएशन पर छिड़ी बहस; एनालिस्ट बोले- स्केल है, जरूरी नहीं वैल्यू मिलेMaruti Suzuki शेयर में बड़ा मौका! ₹20,000 तक जा सकता है दाम – 4 में से 3 ब्रोकरेज बोले, ‘खरीदो’HUDCO से लेकर Force Motors तक, इन 5 शेयरों में 23% तक की तेजी के संकेत – चार्ट में दिखा ब्रेकआउट6-9 महीने के लिए पोर्टफोलियो में रख लें ये दिग्गज IT Stock, मिल सकता है दमदार रिटर्न3-4 हफ्तों में इन 3 शेयरों पर बन सकता है 17% तक मुनाफा, टेक्निकल चार्ट में दिखा ब्रेकआउटPine Labs IPO से जुटाएगी ₹3,900 करोड़, प्राइस बैंड ₹210-221 प्रति शेयर तय; जानिए कब होगी लि​स्टिंगमैन्युफैक्चरिंग PMI अक्टूबर में बढ़कर 59.2 पर, GST राहत और इनपुट लागत में कमी से मिली रफ्ताररिकॉर्ड ऊंचाई के बाद फिसले सोना-चांदी के दाम; अब निवेशक क्या करें? एक्सपर्ट ने दी अहम सलाहबेटियों ने रचा इतिहास, ऐतिहासिक जीत पर BCCI ने खोला खजाना- ₹51 करोड़ कैश इनाम का ऐलान

ISRO ने रचा इतिहास, ‘बाहुबली’ रॉकेट ने सबसे भारी सैटेलाइट को कक्षा में स्थापित किया

भूस्थिर स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) को लक्षित करते हुए इस उपग्रह ने श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट से रविवार शाम लगभग 5.26 बजे उड़ान भरी

Last Updated- November 02, 2025 | 11:19 PM IST
ISRO LVM3-M5 Rocket
Photo: ISRO | X

अंतरिक्ष क्षेत्र में एक और मील का पत्थर गाड़ते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को सीएमएस-03 लॉन्च कर नया इतिहास रच दिया। अब तक भारतीय धरती से लॉन्च किए गए सबसे भारी संचार उपग्रह को बाहुबली के नाम से भी जाना जाता है। यह उपग्रह मुख्य रूप से भारतीय नौसेना के संचार नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया है।

भूस्थिर स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) को लक्षित करते हुए इस उपग्रह ने श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट से रविवार शाम लगभग 5.26 बजे उड़ान भरी। कुल 4,410 किलोग्राम के सीएमएस-03 उपग्रह को युद्धक प्रक्षेपण यान एलवीएम3-एम5 पर ले जाया गया। जीसैट-7आर के नाम से भी पहचाना जाने वाला सीएमएस-03 अब तक किसी भारतीय रॉकेट द्वारा ले जाया गया सबसे भारी उपग्रह है।

अंतरिक्ष विभाग के प्रभारी केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘भारत का बाहुबली एलवीएम3-एम5 सफल प्रक्षेपण के साथ आसमान छू रहा है! बाहुबली के नाम से लोकप्रिय एलवीएम3-एम5 रॉकेट यह संचार उपग्रह ले जा रहा है। इसे भारतीय धरती से भूस्थिर स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में लॉन्च किया गया है। ‘

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सीएमएस-03 का लक्ष्य हिंद महासागर में भारतीय नौसेना के संचार नेटवर्क को सेवा प्रदान करना है। यह सी, विस्तारित सी और कु बैंड सहित मल्टी-बैंड पेलोड से लैस है, जो युद्धपोतों, पनडुब्बियों, विमानों और तट-आधारित कमांड केंद्रों के बीच सुरक्षित, उच्च क्षमता वाली आवाज, डेटा और वीडियो प्रसारण को सक्षम बनाता है।

इंडियन स्पेस एसोसिएशन (आईएसपीए) के महानिदेशक एके भट्ट ने कहा, ‘एलवीएम3 रॉकेट (बाहुबली) द्वारा सीएमएस-03 उपग्रह का सफल प्रक्षेपण भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।’ भट्ट ने यह भी कहा, ‘यह उपग्रह हमारे समुद्री और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण साबित होगा, जो उन्नत, सुरक्षित संचार चैनल प्रदान करता है। इसरो द्वारा प्रक्षेपण न केवल हमारी रणनीतिक स्वायत्तता को मजबूत करता है, बल्कि निजी उद्योग की भागीदारी के लिए भी जीवंत भविष्य का संकेत देता है। यह भारत को एक दुर्जेय अंतरिक्ष शक्ति के रूप में मजबूत करता है।’

इससे पहले भारत भारी उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए फ्रेंच गुयाना में कौरौ लॉन्च बेस का उपयोग कर रहा था। देश में अब तक सबसे भारी जीसैट-11 को 2018 में लॉन्च किया गया था जो 5,854 किलोग्राम वजन का था। सीएमएस-03 भारतीय नौसेना के लिए अब तक का सबसे उन्नत संचार उपग्रह होगा। स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित उपग्रह में कई स्वदेशी अत्याधुनिक घटक शामिल हैं, जो विशेष रूप से भारतीय नौसेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विकसित किए गए हैं। यह उपग्रह हिंद महासागर क्षेत्र में दूरसंचार नेटवर्क को मजबूती प्रदान करेगा।

एक सरकारी बयान में कहा गया है, ‘इसके पेलोड में कई संचार बैंडों पर आवाज, डेटा और वीडियो लिंक का समर्थन करने में सक्षम ट्रांसपोंडर शामिल हैं। यह उपग्रह उच्च क्षमता वाले बैंडविड्थ के साथ संपर्क को बढ़ाएगा। इससे जहाजों, विमानों, पनडुब्बियों और भारतीय नौसेना के समुद्री संचालन केंद्रों के बीच निर्बाध और सुरक्षित संचार सक्षम होगा।’

First Published - November 2, 2025 | 8:38 PM IST

संबंधित पोस्ट