कैलेंडर वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही में आवासीय मकानों की बिक्री में सुधार हुआ है और दूसरी तिमाही की तुलना में तीसरी तिमाही में बिक्री 34 प्रतिशत बढ़ी है। हालांकि एक नए अध्ययन के मुताबिक बिक्री की रफ्तार कम हुई है।
जेएलएल रिसर्च की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टॉक खत्म करने का संभावित वक्त 2020 की दूसरी तिमाही के 3.6 साल की तुलना में 2020 की तीसरी तिमाही में बढ़कर 4 साल हो गया है।
इस तिमाही में कुल बिक्री में मुंबई की हिस्सेदारी 29 प्रतिशत है, जबकि दिल्ली एनसीआर की 22 प्रतिशत है। जेएलएल रिसर्च में कहा गया है कि बिक्री की गतिविधियों में तेजी चेन्नई, हैदराबाद और पुणे में बढ़ी मांग की वजह से है।
2020 की तीसरी तिमाही में आवासीय बाजार में गतिविधियों को प्रवासी भारतीयों की दिलचस्पी की वजह से भी समर्थन मिला है। इसके परिणामस्वरूप बाजार में मांग बढ़ी है और डेलवपरों से पूछताछ ज्यादा हो रही है।
जेएलएल ने कहा है कि नई पेशकश तीसरी तिमाही में 12,654 यूनिट्स की रही, जिसमें तिमाही आधार पर 14 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस तिमाही में नई पेशकश में हैदराबाद और मुंबई की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत से ज्यादा है। नई पेशकश में कमी मुख्य रूप से बेंगलूरु की वजह से आई है, जहां 2020 की दूसरी तिमाही की तुलना में 80 प्रतिशत की गिरावट आई है।
मझोले व सस्ते मकानों पर तीसरी तिमाही में ध्यान जारी रहा और नई पेशकश में 75 प्रतिशत फ्लैट 1 करोड़ रुपये से कम की श्रेणी के हैं। आने वाले दिनों में भी इसी श्रेणी के मकानों पर ध्यान जारी रहने की संभावना है, क्योंकि डेवलपर इस श्रेणी में बढ़ी मांग का लाभ उठाने पर काम कर रहे हैं।