किसान बातचीत के लिए आएं तो और सवालों पर विचार संभव: केंद्र

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 8:21 PM IST

कृषि कानून के कुछ प्रावधानों में बदलाव के लिए औपचारिक प्रस्ताव भेजने के एक दिन बाद केंद्र ने गुरुवार को इस बात का संकेत दिया है कि अगर किसान संगठन बातचीत के लिए आते हैं, तो वह इन कानूनों के संबंध में कुछ और स्पष्टीकरण तथा बदलावों पर विचार करने को तैयार है। यह ऐसा प्रस्ताव है जिसे उन किसानों द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था जो इन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के अपने रुख पर कायम हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने किसान संगठन के नेताओं से तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ गतिरोध खत्म करने के लिए उन्हें भेजे गए प्रस्तावों पर विचार करने का आग्रह किया और कहा कि सरकार उनके साथ किसी भी समय विचार-विमर्श के लिए तैयार है।
तोमर ने एक संवाददाता समेलन में कहा कि सरकार प्रदर्शन करने वाले किसानों के साथ आगे और विचार-विमर्श के लिए उत्सुक और तैयार है।
किसान संगठनों ने बुधवार को कहा था कि वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे तथा राष्ट्रीय राजधानी को जोडऩे वाले सभी राजमार्गों को अवरुद्ध करना शुरू कर देंगे। अब वे आंदोलन को तेज करते हुए रेलमार्गों को भी अवरुद्ध करने की तैयारी में हैं।
नए कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए हजारों किसान विभिन्न सीमाओं पर लगभग दो सप्ताह से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनको दावा है कि इन कानूनों का उद्देश्य मंडी व्यवस्था और कृषि उपज की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था को कमजोर करते हुए कंपनियों को फायदा पहुंचाना है।
तोमर ने कहा कि जब बातचीत जारी है, तो ऐसे में आंदोलन के अगले चरण की घोषणा करना उचित नहीं है और उन्होंने संगठनों से बातचीत की ओर लौटने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि हमने किसानों से मुलाकात के बाद उन्हें अपने प्रस्ताव दिए हैं और इसलिए हम उनसे उन प्रस्तावों पर विचार करने का आग्रह कर रहे हैं। अगर वे उन प्रस्तावों पर भी चर्चा करना चाहते हैं, तो हम इसके लिए भी तैयार हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार एमएसपी व्यवस्था के संबंध में नए विधेयक पर विचार करेगी, मंत्री ने कहा कि नए कानून एमएसपी व्यवस्था को प्रभावित नहीं करते हैं और यह जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि हम किसान नेताओं से उनकी चिंताओं पर विचार करने के लिए सुझावों का इंतजार कर रहे, लेकिन वे कानूनों को निरस्त करने की बात पर अड़े हुए हैं।
मंत्री ने कहा कि हम सर्दी के मौसम और मौजूदा कोविड-19 महामारी के दौरान किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर चिंतित हैं। किसान संगठनों को सरकार के प्रस्ताव पर जल्द से जल्द विचार करना चाहिए और फिर अगर जरूरत पड़ती है, तो हम अगली बैठक में इस पर मिलजुलकर फैसला कर सकते हैं।

First Published : December 10, 2020 | 11:51 PM IST