कोरोना का सबसे ज्यादा कहर झेलने वाले महाराष्ट्र में संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने हर जिले को तीसरी लहर से निपटने की योजना तैयार करने का निर्देश दिया है। टीकाकरण से कोई वंचित न रह जाए इसके लिए राज्य में बेघरों, भिखारियों, ट्रांसजेंडर और कैदियों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और जिलाधिकारियों की बैठक में कोरोना की मौजूदा और आने वाले संकट से आगाह करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण की दर काबू में आई है लेकिन अभी दूसरी लहर पूरी तरह खत्म नहीं हुई है, लॉकडाउन के प्रतिबंधों में छूट देने में कोई जल्दबाजी न की जाए, जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचे। ठाकरे ने स्वास्थ्य विभाग को कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए सभी जिलों में योजना बनाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री रायगड, रत्नागिरि, सिंधुदुर्ग, सातारा, सांगली, कोल्हापुर और हिंगोली जिलों के जिलाधिकारियों से बात कर रहे थे। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि यह राज्य के लिए चिंता की बात है कि कोविड-19 के दैनिक मामले 8,000 के स्तर से नीचे नहीं आ रहे हैं। पिछले सात-आठ दिन में राज्य में रोजाना करीब सात से आठ हजार मामले आ रहे हैं लेकिन यह संख्या नीचे नहीं जा रही है। ऐसे में हमें सावधानी से कदम उठाने होगे।
कोविड-19 रोधी टीकाकरण से कोई भी वंचित नहीं रहे, इसके लिए नवी मुंबई महानगर पालिका (एनएमएमसी) ने बेघर लोगों और भिखारियों को टीके की खुराक देने की शुरुआत की है। एनएमएमसी के प्रवक्ता ने दावा किया कि एनएमएमसी महाराष्ट्र में पहला ऐसा नगर निकाय है जिसने बेघर लोगों और भिखारियों के लिए टीकाकरण शुरू किया है। एनएमएमसी आयुक्तअभिजित बांगड़ ने कहा कि हम सुनिश्चित करेंगे कि टीकाकरण अभियान से कोई वंचित नहीं रहे। इसलिए बेघर लोगों और भिखारियों के लिए अभियान शुरू किया गया है। स्वास्थ्य अधिकारियों का एक दल विभिन्न स्थलों पर जाकर बेघर लोगों का टीकाकरण करेगा। चूंकि ऐसे लोगों के पास कोई पहचान पत्र नहीं होता है, इसलिए उनके बायोमेट्रिक विवरण लिए जाएंगे। हम ऐसे लोगों के फिंगरप्रिंट लेकर और सरकारी पोर्टल पर उनके नाम का पंजीकरण कर टीकाकरण कर रहे हैं। बेघर लोगों की पहचान के लिए गैर सरकारी संगठनों की सहायता भी ली जा रही है। अधिकारियों ने कहा कि ट्रांसजेंडर लोगों का भी टीकाकरण होगा। ठाणे महानगर पालिका ने भी पिछले सप्ताह ट्रांसजेंडर लोगों के लिए कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान शुरू किया था।
महाराष्ट्र में 13 हजार से अधिक कैदियों को अभी तक कोविड-19 का टीका लगाया जा चुका है और जेलों में कोरोनावायरस के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में काफी कमी आई है। राज्य सरकार ने गुरुवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों से जेलों में काफी सुधार हुआ है। महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने मुख्य न्यायाधीश दीपंकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी के पीठ से कहा कि राज्य के 47 जेलों में वर्तमान में 23,372 कैदी हैं। इनमें से 13,567 कैदियों को कोविड-19 का टीका लगाया जा चुका है। इन जेलों में 3641 कर्मचारियों का भी टीकाकरण किया गया है। कुंभकोणी ने अदालत से कहा कि जेल विभाग ने कैदियों की भीड़भाड़ कम करने के लिए राज्य के उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिशों को लागू किया है और 2,700 कैदियों को अंतरिम जमानत दी गई है और 518 कैदियों को आपातकालीन परोल पर रिहा किया गया है।