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खुशखबरी! बेहतर हुई दिल्ली की आबोहवा, हट गए GRAP-4 प्रतिबंध

दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता पर केंद्र के आयोग ने प्रदूषण के स्तर में गिरावट के बीच मंगलवार को आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी।

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भाषा   
Last Updated- December 24, 2024 | 9:49 PM IST

दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में मंगलवार को गिरावट देखी गई और 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 369 रहा। दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता पर केंद्र के आयोग ने प्रदूषण के स्तर में गिरावट के बीच मंगलवार को क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के तहत चौथे चरण के प्रतिबंधों को हटा दिया। एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गयी।

भारत मौसम विज्ञान विभाग और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के पूर्वानुमानों के अनुसार, अनुकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के कारण वायु गुणवत्ता की स्थिति में और सुधार होने की संभावना है। जीआरएपी के चौथे चरण के तहत प्रतिबंधों में सभी निर्माण गतिविधियों पर रोक, दिल्ली में गैर-जरूरी प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों का प्रवेश रोकना और कक्षा 10 और 12 को छोड़कर स्कूल की कक्षाओं को ‘हाइब्रिड’ (भौतिक और डिजिटल) माध्यम में अनिवार्य रूप से संचालित करना शामिल है। गैर-आवश्यक डीजल ट्रकों का दिल्ली में प्रवेश करने पर प्रतिबंध है, जबकि आवश्यक सेवाओं को छोड़कर, दिल्ली में पंजीकृत बीएस-4 और डीजल से चलने वाले पुराने भारी माल वाहनों पर प्रतिबंध है।

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण कम करने की रणनीति बनाने के लिए जिम्मेदार वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कहा कि चरण एक, दो और तीन के तहत निर्धारित प्रतिबंध लागू रहेंगे। चरण तीन के तहत, पांचवीं तक की कक्षाएं ‘हाइब्रिड’ तरीके में चलाना आवश्यक है। माता-पिता और छात्रों के पास जहां भी उपलब्ध हो, ऑनलाइन शिक्षा चुनने का विकल्प है। दिल्ली और आस-पास के एनसीआर जिलों में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कारों (चार पहिया वाहनों) का उपयोग प्रतिबंधित है। दिव्यांग व्यक्तियों को इस नियम से छूट दी गई है।

सर्दियों के दौरान, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में जीआरएपी के तहत प्रतिबंध लागू होते हैं, जो वायु गुणवत्ता को चार चरणों में वर्गीकृत करता है – चरण एक (खराब, एक्यूआई 201-300), चरण दो (बहुत खराब, एक्यूआई 301-400), चरण तीन (गंभीर, एक्यूआई 401-450), और चरण चार (अतिगंभीर, एक्यूआई 450 से ऊपर)। प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियां, वाहनों से निकलने वाला धुआं, धान की पराली जलाना, पटाखे फोड़ना तथा अन्य स्थानीय प्रदूषण स्रोत सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता को खतरनाक बना देते हैं।

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First Published : December 24, 2024 | 9:22 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)