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आईपीएल से गेमिंग ऐप की लौटी रौनक

Last Updated- December 15, 2022 | 1:40 AM IST

छह महीने पहले भारत की गेमिंग स्टार्टअप कंपनियां ताइवान एवं बेलारूस जैसे देशों में कम नामचीन बास्केटबॉल लीग में शिरकत कर रही थीं। उस समय कोविड-19 महामारी के कारण लोकप्रिय खेल आयोजन रद्द कर दिए गए थे। इस वजह से कई कंपनियां रकम निवेश करने में हिचकिचाने लगीं। हालांकि गेमिंग स्टार्टअप के लिए अब दिन बहुरे हैं। कम से कम फिलहाल तो ऐसा ही लग रहा है। फैंटसी क्रिकेट ऐप शनिवार से शुरू होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से पहले नई पेशकशों के साथ अपने मोबाइल गेम में नई खूबियां दे रही हैं। इनके अलावा वे प्रचार-प्रसार पर भी दिल खोलकर खर्च कर रही हैं। उपयोगकर्ताओं की संख्या के लिहाज से भारत की सबसे बड़ी गेमिंग कंपनी ड्रीम 11 इस साल तो आईपीएल की टाइटल प्रायोजक तक बन गई है। भारत और चीन के बीच सीमा पर झड़प के बाद इसने वीवो को पीछे धकेल कर यह अधिकार हासिल कर लिया। इस वर्ष के अंत तक कंपनी अपने साथ 3 से 4 करोड़ नए उपयोगकर्ताओं को जोडऩा चाहती है। सिकोया समर्थित एमपीएल ने एक नई पेशकश की है। इसने एक 99 रुपये वाला एक नया टिकट शुरू किया है, जिसे खरीदकर उपयोगकर्ता पूरे आईपीएल सत्र के दौरान कई बड़ी प्रतियोगिताओं में मुफ्त में भाग ले सकते हैं। एपीएल आईपीएल की टीमें केकेआर और आरसीबी की किट स्पॉन्सर भी है। कंपनी आईपीएल के समापन तक अपने यूजर की तादाद मौजूदा 6 करोड़ से बढ़ाकर 8 करोड़ तक करना चाहती है।
गेमिंग ऐप की इन नई कवायदों पर पेटीएम फस्र्ट गेम्स के मुख्य परिचालन अधिकारी सुधांशु गुप्ता कहते हैं, ‘मोबाइल गेमिंग ऐप श्रेणी में यूजर को जोडऩे और उन्हें बनाए रखने के लिहाज से आईपीएल सबसे बड़ा आयोजन है। ये कंपनियां साल भर में जितनी कमाई करती हैं उनका 30 से 40 प्रतिशत हिस्सा दो महीने के क्रिकेट के इस आयोजन से ही मिल जाता है। देश के ही गेमिंग मंच होने की वजह से हमारा मकसद आईपीएल के दौरान खेल प्रशंसकों के बीच इसके रोमांच को बढ़ाना है।’
पेटीएम फस्र्ट गेम्स इस इवेंट के दौरान 8 करोड़ उपयोगकर्ताओं के स्तर को पार कर 10 करोड़ के स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है और इसने इस इवेंट के लिए दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंडुलकर को उतारा है। इसने इस वित्त वर्ष में फैंटेसी स्पोट्र्स के लिए प्रचार-प्रसार और निवेश के लिए 300 करोड़ रुपये तय किए हैं जिसका एक बड़ा हिस्सा आईपीएल में जाता है। कंपनी ने गुरु फीचर पेश किया है जिसके तहत विशेषज्ञ उपयोगकर्ताओं को अपनी टीम का चुनाव करने से पहले कुछ सुझाव और विचार देते हैं। हालांकि शुक्रवार की दोपहर सट्टेबाजी की नीतियों के कथित उल्लंघन की वजह से गूगल प्लेस्टोर से पेटीएम फस्र्ट गेम्स ऐप को हटा दिया गया था जबकि इसकी वेबसाइट पर इंस्टॉलेशन के लिए डाउनलिंक  उपलब्ध था और ऐप काम कर रहा था। ईवाई भारत के अधिकारी और नैशनल लीडर (ई कॉमर्स और कंज्यूमर इंटरनेट) अंकुर पाहवा कहते हैं, ‘लॉकडाउन के दौरान कैजुअल और ऑनलाइन सट्टेबाजी के क्षेत्रों में उपयोगकर्ताओं को काफी सक्रिय देखा गया जबकि लाइव स्पोर्टिंग इवेंट पर निर्भर रहने वाले फैंटेसी स्पोट्र्स पर रोक लग गई। लाइव इवेंट की शुरुआत होने से विशेषतौर पर आईपीएल सीजन की वजह से न केवल नए उपयोगकर्ताओं के मिलने से मदद मिलेगी बल्कि निष्क्रिय उपयोगकर्ता भी इसमें वापसी कर सकते हैं।’ 60 दिनों का यह खेल आयोजन खुदरा विक्रेताओं के लिए दीवाली के समान देखा जाता है क्योंकि इसको लेकर काफी उम्मीदें बनी हुई हैं। दरअसल महामारी के बाद पहली बार भारतीय खिलाड़ी सक्रिय नजर आएंगे जबकि सिनेमाघर अब तक बंद हैं। न केवल निजी इक्विटी कंपनियों द्वारा समर्थित स्टार्टअप बल्कि हर्षा भोगले समर्थित फैंटेसी अखाड़ा और माईटीम 11 जैसी छोटी प्रतिस्पद्र्धी कंपनियां भी नए यूजरों के लिए इस पर दांव लगा रही थीं। मिसाल के तौर पर इसके संस्थापक अमित पुरोहित के मुताबिक कोरानावायरस महामारी से पहले के दौर के मुकाबले फैंटेसी अखाड़ा का साइनअप पिछले कुछ हफ्ते में 17 गुना तक बढ़ गया लेकिन इसका कुल मासिक खर्च भी आक्रामक प्रचार-प्रसार की वजह से 12 गुना तक बढ़ गया।
फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटसी स्पोट्र्स-केपीएमजी 2020 रिपोर्ट जुलाई में रिलीज की गई जिसके मुताबिक 2020 में खत्म हुए वित्त वर्ष में ऑनलाइन फैंटेसी स्पोट्र्स कंपनियों का सकल राजस्व 2,400 करोड़ रुपये था जो वित्त वर्ष 2019 में 920 करोड़ रुपये था। इसमें कहा गया है कि उद्योग के राजस्व में आईपीएल की हिस्सेदारी 35-40 फीसदी है।

First Published - September 18, 2020 | 11:27 PM IST

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