नौकरीपेशा लोगों के वर्किंग लाइफ में केंद्र सरकार कुछ जरूरी बदलाव करने वाली है। बता दें कि भारत सरकार जल्द ही नया श्रम कानून (New Labour Code) लागू कर सकती है। इस नए कानून के आने से कर्मचारियों को कई ऐसे बदलाव मिलेंगे जिससे भारत में वर्किंग कल्चर बिल्कुल बदल जाएगा।
नए श्रम कानून के अंदर कर्मचारियों को हफ्ते में चार दिन काम करना होगा और बाकी के दिन छुट्टी होगी। साथ ही महिलाओं के लिए भी कुछ ऐसे नियम होंगे जिससे उन्हें भी काम करने में आसानी रहेगी।
आइए, जानते है क्या-क्या बदलाव होंगे नए लेबर कोड में-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने हाल ही में फ्लेक्सिबल वर्क प्लेसेज और फ्लेक्सिबल वर्किंग घंटे के बारे में कहा था कि इसको भविष्य में भारत में लागू करने की जरूरत है।
बता दें कि श्रम मंत्रालय ने नए श्रम कानून के नियमों पर काम करना शुरू कर दिया है। श्रम कानून का असर भारत में 50 करोड़ कामगारों पर पड़ेगा। बता दें कि यह संख्या चीन के बाद सबसे बड़ी संख्या है।
लेबर कोड के मुताबिक, देश में 41.19 प्रतिशत लोग कृषि उद्योग, 32.33 प्रतिशत सेवा क्षेत्र और 26.18 प्रतिशत लोग उद्योग में काम कर रहे हैं।
हालांकि, अभी इस कानून पर सभी राज्यों से सहमति नहीं मिली है। कुछ राज्य नए श्रम कानून के कुछ पॉइंट्स पर आपत्ति जता रहे हैं।
बता दें कि अभी श्रम मंत्रालय ने नए कानून को लागू करने की तारीख की घोषणा नहीं की है।
जानें वर्किंग और ओवरटाइम से जुड़े नियम
मिलेगा 4 डे वर्किंग और 15 मिनट काम करने पर ओवरटाइम
नए श्रम कानून के अंदर कर्मचारियों को एक सप्ताह में तीन दिन की छुट्टी और चार दिन काम करना रहेगा। हालांकि, अभी इस पर चर्चा की जी रही है।
अगर यह कानून लागू हो जाता है तो कर्मचारियों को हफ्ते में तीन दिन की छुट्टियां मिलेगी, लेकिन उनकी शिफ्ट 12 घंटे की हो जाएगी। इसके आ जाने से एम्प्लोयी को एक सप्ताह में 48 घंटे काम करना होगा। साथ ही कर्मचारियों को इसके आने से दो बार आधे घंटे का ब्रेक भी मिलेगा।
महिलाओं के लिए फायदा
अगर किसी महिला की नाइट में शिफ्त लगाई जाती है तो उसकी सहमति भी जरूरी होगी। यानी कंपनी अब अपनी इच्छा से जबरन किसी महिला को नाइट में नहीं बुला सकेंगे।
छुट्टी का प्रावधान
अभी तक किसी कर्मचारी को लंबी छुट्टी लेनी होती थी तो उसे कम से कम 240 दिन तक काम करना होता था। लेकिन नए लेबर कोड में इसे घटाकर 180 दिन करने की बात कही जा रही है।
कितना होगा PF कंट्रीब्यूशन
नए श्रम कानून के अंदर केंद्र सरकार ने कर्मचारी की बेसिक सैलरी को उसकी कुल सैलेरी का 50 फीसदी या उससे ज्यादा का प्रावधन है।
बता दें कि बेसिक सैलरी के बढ़ने से पीएफ और ग्रेच्युटी के लिए कटने वाले रुपये भी अब बढ़ जाएंगे। सरकार नेकर्मचारियों के रिटायरमेंट को भी सुरक्षित रखने की भी बात की है। हालांकि, इस कानून को भविष्य के हिसाब से तैयार किया गया है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस बदलाव से भविष्य में आर्थिक रूप से भी मदद मिलेगी। हालांकि इसके कारण वर्तमान में मिलने वाली इन हैंड सैलरी पर असर पड़ेगा।