मोबाइल फोन से भुगतान की सुविधा होने से भारत में डिजिटल भुगतान का लोकतंत्रीकरण हुआ है। मोबाइल भुगतान सेवाओं में सामान्य नवाचार मोटे तौर पर ऐप आधारित पहुंच पर केंद्रित रहा है जिसके कारण यह सुविधा स्मार्टफोन और इसी तरह के दूसरे उपकरणों तक सीमित है। ऐसे में फीचर फोन में भी भुगतान सेवाओं की सुविधा देने की जरूरत है और फिनटेक कंपनियां इन फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के लिए भुगतान सुविधा को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
ये बातें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कार्यकारी निदेशक टी रवि शंकर ने एक कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कही। 10 मई 2020 तक देश में लगभग 1.1 अरब वायरलेस टेलीफोन के ग्राहक थे और 16 करोड़ वायरलेस ब्रॉडबैंड के ग्राहक थे। विभिन्न रिपोर्टों में कहा गया है कि देश में करीब 50 करोड़ स्मार्टफोन के उपयोगकर्ता हैं।
औद्योगिक निकाय फिक्की और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की ओर से फिनटेक पर आयोजित एक कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शंकर ने कहा कि डिजिटलीकरण की दिशा में अगली उछाल उन लोगों तक पहुंचन में निहित है जो इससे अछूते रह गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘फीचर फोन के लिए भुगतान सेवाओं की सुविधा देने की जरूरत है ताकि डिजिटल भुगतान को अपनाने वाले लोगों की संख्या में इजाफा किया जा सके और इस सुविधा को समाज के सभी वर्गों में फैलाया जा सके। इसलिए अब ध्यान फीचर फोन आधारित और ऑफलाइन भुगतान पर होना चाहिए।’
नोटबंदी के बाद भारत में बड़े पैमाने पर डिजिटल भुगतान को अपनाया गया था और मौजूदा कोविड-19 महामारी में भी स्वाभाविक रूप से डिजिटल भुगतान को अपनाने पर जोर है।