तेज हो सकता है किसानों का विरोध

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 11:10 PM IST

कृषि जिंसों के दाम सरकार द्वारा तय किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम हो गए हैं। कई मंडियों में हड़ताल की वजह से किसानों को उनके उत्पाद के सही दाम नहीं मिल रहे हैं। इसकी वजह से हाल में संसद में पारित तीन कृषि अधिनियमों के खिलाफ किसानों का गुस्सा भड़क सकता है और वे अपना आंदोलन तेज कर सकते हैं।
सोयाबीन की खेती करने वाले मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के किसान राहुल गुज्जर का कहना है कि नए कानूनों के खिलाफ कारोबारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल चल रही है और इसकी वजह से उन्हें सोयाबीन की शुरुआती किस्म की बिक्री सरकार द्वारा तय 3,880 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम से कम 1,200 से 1,500 रुपये कम दाम पर सोयाबीन बेचना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश में भी यही हाल है। राज्य के कई इलाकों में पिछले कुछ दिनों से धान की शुरुआती किस्म के दाम 1,860 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य की तुलना में बहुत कम हैं।
वहीं महाराष्ट्र में कुछ किसानों ने मंडी के बाहर कपास बेचने की कवायद की, जहां से कारोबारियों ने उन्हें खदेड़ दिया। इस रिपोर्ट से सोशल मीडिया पर आक्रोश है।
ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार ने किसानों से खरीद का आश्वासन दिया है, जबकि किसानों ने आने वाले दिनों में विरोध प्रदर्शन तेज कर देने की धमकी दी है।

First Published : October 2, 2020 | 11:34 PM IST