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एक्सप्रेसवे घटाएगा दिल्ली से अमृतसर की दूरी

Last Updated- December 15, 2022 | 8:17 PM IST

सिखों का पवित्र शहर अमृतसर जल्द ही राष्ट्रीय राजधानी से नए एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा। केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज महत्त्वाकांक्षी परियोजना को शुरू करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये जारी करने को मंजूरी दे दी।
सिख समुदाय इस परियोजना की लंबे समय से मांग कर रहा था। यह परियोजना पूरी तरह से नई होगी, जिसके लिए केंद्र सरकार की भारतमाला परियोजना के तहत ठेके दिए जाएंगे। अमृतसर शहर स्वर्ण मंदिर या हरमंदिर साहिब के लिए प्रसिद्ध है, जो सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। यहां हर साल पूरी दुनिया से 40 लाख लोग आते हैं।
यह सड़क बड़ी एक्सप्रेसवे परियोजना का हिस्सा है, जो जम्मू कश्मीर के कटरा तक जाएगी। कटरा शहर हिंदुओं के  वैष्णो देवी तीर्थ के लिए प्रसिद्ध है।
प्रस्तावित एक्सप्रेसवे का मार्ग दिल्ली से अमृतसर को जोडऩे वाले मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग से बिल्कुल अलग होगा और इसके बन जाने से दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय घटकर आधा रह जाएगा।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि इस एक्सप्रेसवे का मार्ग जनवरी 2019 में तय हुआ और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। पहले के प्रस्ताव के मुताबिक सरकार ने दिल्ली कटरा एक्सप्रेसवे की योजना बनाई थी, जो अमृतसर से होकर गुजरती। भारतमाला परियोजना के तहत दिल्ली-अमृतसर-कटरा योजना तैयार की गई थी। शुरुआत में इसी एक्सप्रेसवे में नई सड़कों व मौजूदा सड़क खंडों को चौड़ी करने की योजना थी और इसे दो चरणों में बनाया जाना था। विस्तार से चर्चा और विभिन्न हिस्सेदारों की चिंताओं पर विचार के बाद केंद्र सरकार ने अमृतसर शहर को नकोदर से होकर सुल्तानपुर लोधी, गोइंदवाल साहिब, खडूर साहिब होकर गुजरेगा। प्रस्तावित एक्सप्रेसवे सिखों के पांच गुरुओं से जुड़े शहरों को जोड़ेगा।
इसके अलावा अमृतसर से गुरुदासपुर के बीच सड़क को भी पूरी तरह से विकसित किया जाएगा, जो सिगनल मुक्त होगी। इसके साथ ही यात्रा करने वालों के पास विकल्व होगा कि वे गुरुदासपुर से होकर नकोदर जाएं या करतारपुर से अमृतसर जाएं।
सुल्तानपुर लोधी, गोइंदवाल साहिब, खदूर साहिब और हाल में विकसित डेरा बाबा नानक/करतारपुर साहिब इंटरनैशनल कॉरिडोर पंजाब में है। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से अमृतसर से दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की दूरी घटकर 4 घंटे के करीब रह जाएगी, जबकि अभी 8 घंटे लगते हैं। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह पंजाब के लोगों की लंबे समय से मांग थी, जो इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के साथ पूरी हो जाएगी।

First Published - June 3, 2020 | 12:40 AM IST

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