आगामी विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को असम को कई विकास परियोजनाओं की सौगात दी और कहा कि उनकी सरकार पूर्वोत्तर के इस राज्य को नजरअंदाज करने की ‘ऐतिहासिक गलती’ को न सिर्फ सुधार रही है, बल्कि तेज गति से उसके विकास के लिए प्रतिबद्ध भी है। इस अवसर पर मोदी ने यह भी कहा कि बीते वर्षों में केंद्र और असम की डबल इंजन सरकार ने इस पूरे क्षेत्र की भौगोलिक और सांस्कृतिक दूरियों को कम करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, ‘गुलामी के कालखंड में भी असम देश के संपन्न और अधिक राजस्व देने वाले राज्यों में से था। संपर्क का जाल असम की समृद्धि का बड़ा कारण था। आजादी के बाद इस अवसंरचना को आधुनिक बनाना जरूरी था, लेकिन इन्हें अपने ही हाल पर छोड़ दिया गया। जल मार्ग पर ध्यान केंद्रित नहीं किया गया।’
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इतिहास में की गई ‘गलतियों’ को सुधारने की शुरुआत की थी, अब उनका न सिर्फ विस्तार किया जा रहा है बल्कि उन्हें और गति दी जा रही है। उन्होंने कहा, ‘यह अब हमारी प्राथमिकता में भी है और इसके लिए सरकार दिन रात एक कर रही है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि असम की वर्तमान सरकार ने अपने कार्यकाल में राज्य के विकास को नई ऊंचाई दी और ऐसा इसलिए संभव हो सका क्योंकि लोगों ने भाजपा की सरकार चुनी। उन्होंने कहा, ‘वर्ष 2016 में आपके दिए एक वोट ने कितना कुछ कर दिखाया। आपके वोट की ताकत अभी असम को और ऊंचाई पर ले कर जाने वाली है।’
असम में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर ‘महाबाहु-ब्रह्मपुत्र’ जलमार्ग का लोकार्पण किया, धुबरी-फूलबाड़ी पुल की आधारशिला रखी और माजुली सेतु के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल होते हुए प्रधानमंत्री ने रिमोट कंट्रोल का बटन दबाकर इन परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री मनसुख भाई मांडविया, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा भी उपस्थित थे। ‘महाबाहु-ब्रह्मपुत्र’ के शुभारंभ के साथ प्रधानमंत्री ने नीमाटी-माजुली द्वीप, उत्तरी गुवाहाटी-दक्षिण गुवाहाटी और धुबरी-हाटसिंगिमारी के बीच रो-पैक्स पोत संचालन का उद्घाटन किया। नीमाटी और माजुली के बीच रो-पैक्स परिचालन से वर्तमान में वाहनों द्वारा तय की जा रही 420 किलोमीटर की कुल दूरी कम होकर केवल 12 किलोमीटर रह जाएगी। अन्य मार्गों पर भी समय की भारी बचत होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रह्मपुत्र और बराक सहित असम को अनेक नदियों की जो सौगात मिली है, उसे समृद्ध करने के लिए आज ‘महाबाहु-ब्रह्मपुत्र’ कार्यक्रम शुरू किया गया है। उन्होंने कहा, ‘ये कार्यक्रम ब्रह्मपुत्र के जल से इस पूरे क्षेत्र में जल संपर्क को सशक्त करेगा।’ उन्होंने जोगीघोपा में अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) टर्मिनल का शिलान्यास और ब्रह्मपुत्र नदी पर विभिन्न पर्यटक सुविधाओं और व्यापार की सुगमता के लिए डिजिटल समाधान का शुभारंभ भी किया। धुबरी (उत्तरी तट) और फूलबाड़ी (दक्षिण तट) के बीच ब्रह्मपुत्र नदी पर चार लेन के प्रस्तावित पुल राष्ट्रीय राजमार्ग-127बी पर स्थित होगा। यह असम में धुबरी को मेघालय के फूलबाड़ी, तूरा, रोंग्राम और रोंगजेंग से जोड़ेगा। इस पुल की लागत लगभग 4,997 करोड़ रुपये है।
मार्च में होगी ’परीक्षा पे चर्चा’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वार्षिक संवाद कार्यक्रम ‘ परीक्षा पे चर्चा’ के तहत मार्च में छात्रों के अलावा अभिभावकों एवं शिक्षकों के साथ ऑनलाइन संवाद करेंगे तथा इस संवाद के दौरान सवाल पूछने वालों का चयन प्रतियोगिता के जरिये होगा। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इस साल ‘परीक्षा पे चर्चा’ का आयोजन ऑनलाइन होगा। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि नौवीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के साथ यह चर्चा उनकी परीक्षाएं शुरू होने से पहले मार्च में होगी।
निशंक ने ट्वीट किया, ‘विद्यार्थियों के परीक्षा तनाव को कम कर उन्हें प्रेरणा एवं मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संवाद कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा’ का चौथा संस्करण मार्च 2021 में आयोजित किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 महामारी के कारण इस साल चर्चा ऑनलाइन होगी।’ चर्चा के लिए पंजीकरण गुरुवार को शुरू होगा तथा 14 मार्च को समाप्त होगा। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘लोगो की मांग पर ‘परीक्षा पे चर्चा 2021 में इस बार अभिभावकों एवं शिक्षकों को भी शामिल किया गया है। मैं छात्रों, अभिभावकों एवं शिक्षकों से बड़ी संख्या में परीक्षा पे चर्चा 2021 में हिस्सा लेने की अपील करता हूं।’ भाषा