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कोविड के रोजाना मामले 3 लाख पार

Last Updated- December 11, 2022 | 9:51 PM IST

भारत में गुरुवार की सुबह तक कोविड-19 संक्रमण के 317,000 से अधिक रोजाना मामले दर्ज किए गए और संक्रमण की दर 16 फीसदी से अधिक हो गई। सरकार ने कहा कि टीकाकरण की अधिक दर की वजह से मौजूदा महामारी के दौरान लोग गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़े। हालांकि कुछ जिलों को छोड़कर जांच के कुल आंकड़े महामारी की दूसरी लहर के समान ही रह्वहे और जनवरी 2022 में घर में जांच करने की दर में नाटकीय रूप से बढ़ोतरी हुई। वर्ष 2021 में में केवल 3,000 होम टेस्ट का इस्तेमाल किया गया। जनवरी महीने में पिछले 20 दिनों में ऐसी 200,000 से अधिक जांच की गई। स्वास्थ्य मंत्रालय, संक्रमण के बढ़ते मामलों, खासकर महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित छह राज्यों में संक्रमण की दर बढऩे से चिंतित है। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, ‘हम इन राज्यों से संपर्क बनाए हुए हैं और लगातार बातचीत कर रहे हैं। मैंने इन राज्यों के स्वास्थ्य प्रशासन को ताकीद किया है।’ देश में अब तक करीब 94 फीसदी वयस्कों को कोविड टीके की एक खुराक दी गई है जबकि 72 फीसदी वयस्कों को टीके की दोनों खुराक लग चुकी है। 30 अप्रैल 2021 को देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान देश में दोनों टीके लगवा चुके लोगों की आबादी महज 2 फीसदी  थी। स्वास्थ्य मंत्री के डेटा के मुताबिक उस वक्त 3,86,452 नए मामले, 3,059 लोगों की मौत और 31,70,228 सक्रिय मामले दर्ज किए गए थे।  भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव का कहना है, ‘डेटा के जरिये साप्ताहिक आधार पर मौत में कमी से टीकों के फायदे का अंदाजा देखा। ज्यादा टीकाकरण की वजह से ही महामारी की तीसरी लहर में मामले गंभीर नहीं हो रहे हैं और मौत नहीं हो रही है। जो लोग अन्य बीमारियों से ग्रस्त हैं, उनके स्वास्थ्य की निगरानी होनी चाहिए।’
करीब 72 फीसदी वयस्क आबादी दोनों टीके लगवा चुकी है और इसकी वजह से ही 20 जनवरी 2022 तक रोजाना के कुल मामलों की तुलना दूसरी लहर के दौरान भी की जा सकती है लेकिन मरने वालों की संख्या 380 तक ही रही जबकि 19,24,051 सक्रिय मामले रहे। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल कहते हैं, ‘अभी करीब 6.5 करोड़ लोगों को टीके की दूसरी खुराक लगनी है। उन्हें आगे आना होगा और दोनों टीके लगवाने होंगे। उन्हें याद दिलाया जा रहा है।’
15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टीके की शुरुआत पर पॉल ने कहा, ‘हम हालात का पूर्ण जायजा लेंगे। इस मोर्चे पर भी काम चल रहा है।’ स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक पहली दो लहर के दौरान कोविड मामले बच्चों और वयस्क आबादी में सामान ही रहे यानी 2020 में कुल मामलों का 10 फीसदी संक्रमण 19 साल की उम्र तक के किशोरों में देखा गया जबकि 2021 में 11 फीसदी किशोरों में संक्रमण देखा गया। वहीं 2020 और 2021 तक मरने वालों की तादाद भी इस उम्र वर्ग में क्रमश: 0.96 प्रतिशत और 0.7 प्रतिशत रही।
सरकार ने कहा कि मौजूदा लहर में अस्पताल में भर्ती होने की दर काफी कम रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली की  केस स्टडी को साझा करते हुए कहा कि 75,000 सक्रिय मामलों और 13,000 रोजाना के मामलों के साथ अस्पताल में भर्ती होने वालों की दर करीब 2,624 रही। करीब 90 फीसदी मरीजों में बुखार के लक्षण, गले में खराश है और आमतौर पर यह संक्रमण पांचवें दिन कम हो जाता है। 11 से 18 साल के मरीजों में बुखार के लक्षण सामान्य हैं और सांस से जुड़े संक्रमण भी देखेे जा रहे हैं।

First Published - January 20, 2022 | 10:54 PM IST

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