कोविड-19: बच्चों के टीकों के लिए कंपनियों ने तेज की मुहिम

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 3:27 AM IST

टीका बनाने वाली कंपनियां अब बच्चों को कोविड-19 संक्रमण से बचाने के टीके तैयार करने में जोर-शोर से जुट गई हैं। अगर सारी चीजें योजनाबद्ध ढंग से आगे बढ़ीं तो इस वर्ष के अंत तक किशोर और शिशुओं के लिए कोविड-19 से बचाव के दो टीके उपलब्ध हो जाएंगे। भारत बायोटेक बच्चों के लिए टीके का परीक्षण पहले ही शुरू कर चुकी है, वहीं सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) जुलाई से बच्चों पर नोवावैक्स के टीके का परीक्षण शुरू करेगी। बच्चों के लिए रूस में बनी नेजल वैक्सीन वहां सितंबर तक इस्तेमाल के लिए पंजीकृत हो जाएगी। अमेरिका में किशारों में इस्तेमाल के लिए फाइजर के टीके को पहले ही अनुमति मिल गई है। इस बीच, कैडिला हेल्थकेयर ने भी अपने टीके जायकोव-डी का परीक्षण 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों पर किया है।
इन सभी विकल्पों में कम से कम दो इस वर्ष ही इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो सकते हैं। भारत बायोटेक कोवैक्सीन का परीक्षण पूरा कर इस्तेमाल की अनुमति मांग सकती है, वहीं दवा नियामक फाइजर या कैडिला में किसी एक के टीके को अनुमति दे सकता है।
भारत सरकार ने भी बच्चों के लिए टीके उपलब्ध कराने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने हाल में कहा कि 12 से 18 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए भारत को 25 से 26 करोड़ खुराक की जरूरत होगी। उन्होंने यह भी कहा था कि कोवैक्सीन के अलावा जायडस कैडिला के टीके का भी बच्चों पर परीक्षण हो रहा है। उनके कहने का आशय था कि बच्चों के लिए दो टीके उपलब्ध होने की पूरी संभावना है।  
देश में तैयार कोविड-19 से बचाव के टीके कोवैक्सीन का बच्चों पर परीक्षण शुरू हो चुका है। यह टीका दो वर्ष और इससे अधिक उम्र के बच्चों को लगाया जाएगा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली और कुछ अन्य केंद्रों पर परीक्षण चल रहे हैं। हालांकि भारत बायोटेक ने यह तो नहीं बताया कि परीक्षण कब तक चलेगा लेकिन इसके एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि यह सबसे सुरक्षित विकल्प होगा क्योंकि यह टीका वयस्कों को पहले ही लगाया जा चुका है।
अधिकारी ने कहा, ‘बच्चों पर इस्तेमाल करने से पहले कोवैक्सीन को सुरक्षा एवं प्रतिरोधी क्षमता तैयार करने के लिहाज से सभी मानदंडों पर आंका जा रहा है। बच्चों पर टीके के परीक्षण की प्रक्रिया जल्द से जल्द निपटाई जाएगी बच्चों पर टीकों के परीक्षण में अधिक समय नहीं लगता है कि और कुछ जगहों पर तो पंजीयन भी शुरू हो चुका है।’
अधिकारी ने कहा, ‘हालांकि  मैं कोई समय सीमा का जिक्र नहीं कर सकता लेकिन बच्चों के लिए कोवैक्सीन जल्द ही उपलब्ध होने की उम्मीद है।’ भारत बायोटेक बच्चों पर अपने इंट्रा-नेजल (नाक के रास्ते इस्तेमाल होना वाला टीका) टीके बीबी-154 के परीक्षण का भी अध्ययन कर रही है। कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि इसमें सुई नहीं चुभोई जाएगी और बच्चों को बिना किसी परेशानी के इसे लगाया जा सकता है। इस टीके पर भी परीक्षण चल रहा है।
अहमदाबाद स्थित कंपनी कैडिला हेल्थकेयर के टीके जायकोवी-डी का परीक्षण 12 वर्ष और इससे अधिक उम्र के बच्चों पर हो चुका है। भारतीय दवा नियामक जल्द ही इस टीके को मंजूरी दे सकता है और कंपनी किसी भी समय इसके लिए आवेदन कर सकती है। अगर भारतीय दवा नियामक ने इजाजत दे दी तो किशोरों के लिए इसका इस्तेमाल शुरू हो जाएगा।
बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कैडिला हेलकेयर के प्रबंध निदेशक शर्विल पटेल ने कहा था कि टीके के इस्तेमाल की अनुमति मांगने तक हमारे पास सुरक्षा एवं इसके असरदार होने के पर्याप्त आंकड़े उपलब्ध रहेंगे। पटेल ने कहा था, ‘यह टीका शरीर में नहीं चुभोया जाएगा जिससे बच्चों में आराम से इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।’
कैडिला हेल्थकेयर का जायकोवी-डी नीडल फ्री इन्जेक्शन सिस्टम (एनएफआईएस)तकनीक के जरिये इस्तेमाल होगा। एनएफआईएस तकनीक में टीके के रूप में तरल पदार्थ तेज गति से एक पतले नोजल से त्वचा के भीतर प्रवेश कराया जाता है। पटेल ने कहा कि जो बच्चे सुई से डरते हैं उनमें इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
एसआईआई ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि कंपनी जुलाई में बच्चों के लिए नोवावैक्स के टीके कोवोवैक्स का परीक्षण शुरू करना चाहती है। नोवावैक्स ने इस महीने कहा है कि उन्हें अमेरिका एवं मैक्सिको में इस टीके के परीक्षण के अच्छे नतीजे मिले हैं और यह कुल मिलाकर 90.4 प्रतिशत तक असरदार रहा है।
इस बीच, रूस सितंबर तक बच्चों के लिए कोविड-19 (नैजल) टीके की अनुमति देने की तैयारी में जुट गया है। रशियन डाइरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के प्रवक्ता ने इस बात की जानकारी दी। रूस की एक समाचार एजेंसी के अनुसार सितंबर मध्य तक रूस में बच्चों के लिए एक नेजल वैक्सीन इस्तेमाल के लिए पंजीकृत हो सकता है। आरडीआईएफ ने यह नहीं बताया कि भारत या अन्य देशों में यह टीका कब तक पहुंचेगा।

First Published : June 21, 2021 | 11:23 PM IST